Chanakya Niti : ऐसे परिस्थितियों में व्यक्ति को कभी नहीं करना चाहिए ये काम

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने मनुष्य को प्रभावित करने वाली हर चीज का बहुत ही सूक्ष्मता से अध्ययन किया था। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में बताई गई बातें व्यक्ति के जीवन के हर पहलू को बहुत ही गहराई से स्पर्श करती हैं। आज का ये विचार कठिन समय में क्या नहीं करना चाहिए पर आधारित है।
‘कठिन समय में भी अपने लक्ष्य को मत छोड़िए और विपत्ति को अवसर में बदलिए।’ आचार्य चाणक्य
मुश्किल वक्त में न भूलें लक्ष्य
आचार्य चाणक्य के अनुसार मनुष्य को कभी भी मुश्किल वक्त में अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ना चाहिए। कई बार ऐसा देखा गया है कि जब किसी काम को करते वक्त मुश्किल परिस्थिति आती है तो मनुष्य सबसे पहले अपने लक्ष्य से दूरी बना लेता है। उसके दिमाग में उस वक्त ये नहीं आता कि मुश्किल परिस्थिति है तो उसका डटकर सामना करे। वो बस अपने आपको उस परिस्थिति से बचाकर लक्ष्य को ठोकर मारने में ही अपनी भलाई समझता है।
परिस्थितियों का सामना
चाणक्य कहतें है कि अगर आप भी कुछ ऐसा ही करते हैं तो ना करें। ऐसा इसलिए क्योंकि कठिन समय आया है तो उसका डटकर सामना करिए। जब आप ऐसा करेंगे तभी आप किसी भी मुसीबत से छुटकारा पा सकते है। मनुष्य को चाहिए कि वो मुसीबत के वक्त घबराए नहीं बल्कि अपने साहस और सूजबूझ के साथ इस परिस्थिति से पार पाने की कोशिश करे।
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नामुमकिन को मुमकिन
ऐसे वक्त में जब शुरुआत में परिस्थिति से बाहर निकलना उसे नामुमकिन लगे। लेकिन वो कहते है कि अगर आप कोई चीज ठान लो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इसी तरह जब आप धीरे धीरे इस मुश्किल समय का सामना साहस और बुद्धि के साथ करेंगे तो आप आप ना केवल इस विपत्ति से देखते ही देखते बाहर निकल आएंगे बल्कि खुद भी अपनी क्षमता को परख पाएंगे।