chanakya niti : अगर बच्चे में हैं ये गुण तो कुल का नाम कर सकता है रोशन

आचार्य चाणक्य (chanakya niti) की नीतियां और विचार भले ही कठोर हो लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन का सत्य है। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार गुणवान पुत्र पर आधारित है।
‘जिस तरह सारा जंगल केवल एक की सुगंध भरे वृक्ष से महक जाता है, उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र पूरे कुल का नाम बढ़ाता है।’ आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि अगर जंगल में वृक्ष सुगंध फैलाने वाला हो तो उसकी महक अपने आप ही पूरे जंगल में फैल जाती है। ठीक इसी तरह अगर किसी परिवार में एक भी अच्छा पुत्र निकल जाए तो वो अपने पूरे कुल का नाम रोशन कर देता है।
Chanakya Niti : ऐसे मनुष्य के अंदर कूट कूटकर भरी होनी चाहिए ये एक चीज
यहां पर आचार्य चाणक्य ने कुल के दीपक की तुलना जंगल के सुगंधित वृक्ष से की है। माता पिता अपने हर बच्चे को उच्च शिक्षा के साथ साथ उच्च संस्कार देते हैं। इन संस्कारों की नींव बच्चों में बचपने से ही पड़ती है। यही संस्कार बच्चों को बड़े होकर एक अच्छा इंसान बनाते हैं।
जैसा कि आप ये बात जानते हैं कि जिस तरह से हाथ की पांचों उंगलियां एक समान नहीं होती, उसी तरह हर बच्चा भी एक समान नहीं होता। ऐसे में अगर घर का एक बच्चा भी सही रास्ता पकड़कर कामयाबी की बुलंदियां छूता है तो उसका मान सम्मान बढ़ता है।