Chanakya Niti : व्यक्ति को ऐसे लोगों से कभी नहीं करनी चाहिए उम्मीद, हमेशा होंगे निराश

आचार्य चाणक्य की नीतियां (Chanakya Niti) और विचार कठोर भले ही लगते हों लेकिन ये कठोरता व्यक्ति के व्यक्तित्व को बदल कर रख देती है। हम लोग आज के दौर में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये जीवन की सच्चाई है। आचार्य चाणक्य के आज का ये विचार किसी से उम्मीद नहीं करना चाहिए इस पर आधारित है।
‘किसी से उम्मीद किए बिना उसका अच्छा करो, क्योंकि जो लोग फूल बेचते हैं उनके हाथ में अक्सर खूश्बू रह जाती है।‘ आचार्य चाणक्य
चाणक्य के अनुसार इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को कभी भी किसी से उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उम्मीद एक ऐसी चीज है जो अगर आप किसी से भी लगा लें और वो पूरी ना हो तो सबसे ज्यादा तकलीफ होती है। ये तकलीफ ऐसी होती है जिसे आप ना तो किसी को बता सकते हों और ना ही इस तकलीफ से छुटकारा पा सकते हैं।
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उम्मीदों पर पानी | Chanakya Niti
चाणक्य कहते हैं कि असल जिंदगी में मनुष्य को सबसे ज्यादा इस चीज का सामना करना पड़ता है। जिंदगी में हम लोग कई लोगों से मिलते हैं। कुछ आपके परिवार के लोग होते हैं तो कुछ आपके दोस्त या फिर करीबी रिश्तेदार। जब आप ये देखते हैं कि सामने वाला ना तो आपकी बात को समझ रहा है और ना ही समझने की कोशिश कर रहा है तो आपको सबसे ज्यादा तकलीफ होती है।
फूल वाले की तरह बर्ताव | Chanakya Niti
आचार्य चाणक्य का कहना है कि किसी से भी उम्मीद नहीं लगानी चाहिए। मनुष्य को हमेशा उस फूल वाले की तरह बर्ताव करना चाहिए जो सबको फूल बेचते हैं और उनके हाथ में फूल की खुश्बू रह जाती है। यानी कि फूल बेचने वाला कभी भी अपने पास फूल नहीं रखता। वो फूल लाता है और बेच देता है। लेकिन उसके मन में कभी भी ऐसी मंशा नहीं आती कि वो इन फूलों को बचाकर घर ले जाए। वो हमेशा यही सोचता है कि उसके लाए गए फूल सभी बाजार में अच्छे भाव में बिक जाए, ताकि उसकी आमदनी अच्छी हो। लेकिन सबकी जिंदगी को फूलों से महकाने वाला भले ही अपने पास फूल ना रखें लेकिन उसके हाथ में फूलों की खुश्बू हमेशा रहती है।