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सीएम अखिलेश व रामगोपाल का 19 घंटे में निष्कासन वापस

akhilesh-yadavलखनऊ। समाजवादी पार्टी में पिछले 19 घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस लेने का निर्णय प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को देने के साथ ही समाप्त हो गया।

सपा मुखिया के निर्देश की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जैसे ही यह जानकारी सार्वजनिक रुप से दी और बताया कि समझौता हो गया है और हम सभी लोग अब पार्टी प्रत्याशियों नयी सूची मिलकर तय करेंगे और एक होकर विधान सभा चुनाव लड़ेंगे।

इस प्रकार सपा के पिछले दो दिनों से चल रहे राजनीतिक खींचतान में मुख्यमंत्री एक नए रणनीतिकार के रुप में अपने को स्थापित करने और पार्टी के लिए नये युग के रुप में शुरुवात करने की जंग जीतने में कामयाब रहें ।

अखिलेश और राम गोपाल का निष्कासन वापस लिए जाने की सूचना मिलते ही अखिलेश समर्थकों ने पूरे जोशो खरोश के साथ निर्णय का स्वागत किया और मुख्यमंत्री के समर्थन में नारेबाजी करने लगे।

सपा लड़ाई की शुरुआत होने और उसके पदाक्षेप होने से ये साबित होता दिखाई दे रहा है कि पार्टी से सांसद अमर सिंह की छुट्टी तय है। नयी स्थिति में जल्द ही प्रत्याशियों की नयी सूची भी जारी होगी।

मुलायम सिंह के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने शनिवार को सपा प्रत्याशियों की बैठक पार्टी कार्यालय में आहुत की थी इसके विपरीत मुख्यमंत्री अखिलेश ने पांच कालीदास मार्ग पर विधायकों की बैठक प्रात साढे नौ बजे बुला ली।

इस स्थिति में पार्टी के दो सौ से अधिक विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए और करीब बीस विधायक ही पार्टी कार्यालय की बैठक में पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पहुंचे विधायकों को अपनी भावनात्मक भाषण दिया और उन्हें विरोधी खेमे की बैठक केतय समय से ज्यादा समय तक रोके रखा।

ऐसी स्थिति में जब विरोधी खेमें विधायकों के मुख्यमंत्री आवास होने की जानकारी पहुंची तो वहां उपस्थित विधायक भी एक एक कर मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए। इस स्थिति सूचना जब सपा मुखिया को पहुंची तो वे पार्टी कार्यालय नहीं गए ।उन्हें राजनीतिक पराजय का एहसास भी हो गया था।

इन सभी उतार चढ़ाव की राजनीतिक स्थिति के दौरान प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री मो. आजम खां ने पहले सपा मुखिया के आवास जाकर उनसे मुलाकात की और उसके बाद मुख्यमंत्री आवास आए तथा मुख्यमंत्री को साथ लेकर नेताजी के घर पहुंचे। उन्होंने मुलायम सिंह से बेटे से मिलवाया।

अखिलेश ने नेताजी के पैर छुए जिसपर मुलायम सिंह ने नरमी दिखाते हुए अपने फैसले कोवापस लेने का मन बनाया। मुलायम ने प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल को बुलवाया और मुख्यमंत्री तथा प्रो राम गोपाल का निष्कासन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्देश दिया।

मुलायम के निर्देश पाते ही शिवपाल ने बाहर आकर अखिलेश व राम गोपाल के निष्कासन को मुलायम सिंह के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से वापस लेने की घोषणा की।

साथ ही उन्होंने बताया कि सभी लोगों में समझौता हो गया है और सभी मिलकर पार्टी प्रत्याशियों की नयी सूची जारी करेंगे और चुनाव में पार्टी को पूर्ण बहुमत से जिताकर सपा की सरकार दोबारा बनाएंगे।

शिवपाल के इस घोषणा के बाद अखिलेश समर्थकों में नया जोश भर दिया और अखिलेश जिन्दाबाद के नारे लगने लगे। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के पार्टी में सर्वशक्तिशाली नेता केरुप में उभरने की चर्चा शुरु हो गयी।

इस प्रकार प्रदेश की जनता को एकबार फिर से यह संदेश दिया गया गया कि सपा में किसी प्रकार से आपस में मतभेद नहीं है और सभी लोग एक है और एकजुट होकर पार्टी के लिए कार्य करने को संकल्पित है।

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