राजपथ पर दिखेगी एयरोस्पेस की दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत

नई दिल्ली: एयरोस्पेस की दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत भी इस बार राजपथ पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की झांकी में देखने को मिलेगी। इसके लिए एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों के पूरे परिवार को पेश किया जायेगा। इसके अलावा स्वदेशी रक्षा उत्पादों से ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की तस्वीर भी तीनों सेनाओं के लिए उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी उत्पादों का प्रदर्शन करके दिखाई जाएगी। इसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट-एलसीए नेवी का उड़ान भरना और विमान वाहक पोत पर उतारना शामिल है।
डीआरडीओ अपनी झांकी में दिखायेगा एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों का पूरा परिवार
स्वदेशी रक्षा उत्पादों से ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की तस्वीर भी परेड में होगी पेश
गणतंत्र दिवस परेड में डीआरडीओ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों और स्वदेशी रक्षा उत्पादों की दो महत्वपूर्ण झांकियां लेकर आया है। पहली झांकी में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट-एलसीए नेवी का प्रदर्शन दिखाया गया है। इस विमान वर्ष 2020 में भारतीय नौ सेना के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य के 90 मीटर लम्बे रनवे पर सफलतापूर्वक उतरने और 145 मीटर के छोटे से रनवे से उड़ान भरने का कारनामा किया है। एलसीए नेवी भारत की चौथी पीढ़ी से आगे का लड़ाकू विमान है जो किसी भी विमान वाहक जहाज से संचालित होने में सक्षम है। भारतीय नौसेना के कमोडोर अभिषेक सी गावंडे इस झांकी का नेतृत्व करेंगे।
दूसरी झांकी में डीआरडीओ ने मिसाइल प्रणालियों के जरिये एयरोस्पेस की दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाया है। टैंक-रोधी प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकियों में भारत की सफलता को प्रदर्शित करते हुए एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) के पूरे सिस्टम को दर्शाने वाली यह झांकी होगी। इस झांकी में नाग (एनएजी), हेलिना (एचईएलआईएनए), एमपीएटीजीएम, सैंट (एसएएनटी) और एमबीटी अर्जुन के लिए लेजर गाइडेड एटीजीएम दिखाई देंगे। एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) झांकी का प्रतिनिधित्व डीआरडीएल हैदराबाद के युवा वैज्ञानिक शिलादित्य भौमिक करेंगे।
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झांकी में मुख्य रूप से 4 मिसाइलों नाग, मिसाइल हेलिना, मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और स्मार्ट स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल को शामिल किया गया है। नाग (एनएजी) तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है जिसे दुश्मन के भारी भरकम टैंकों से मुकाबला करने के लिए विकसित किया गया है। हेलिकॉप्टर से दागी जाने वाली एंटी टैंक मिसाइल हेलिना तीसरी पीढ़ी की है जिसकी रेंज 7 किलोमीटर है। इसे एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) के हथियार वाले संस्करण से इस्तेमाल करने के लिए विकसित किया गया है। मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम)की रेंज 2.5 किलोमीटर है। यह पैदल सेना के लिए उपयोगी और बड़े हमले की क्षमता वाली है क्योंकि इसे कंधे पर ही रखकर दागा जा सकता है। स्मार्ट स्टैंड ऑफ एंटी टैंक मिसाइल (एसएएनटी-सैंट) को वायुसेना के एंटी टैंक ऑपरेशन के लिए विकसित किया जा रहा है। इसे एमआई-35 हेलीकाप्टर से लॉन्च किया जा सकेगा।