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सुरक्षा पर आई बात तो करेंगे परमाणु हथियार का इस्तेमाल: बिक्रम सिंह

%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%89%e0%a4%b2लखनऊ। पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पर काफी मजबूत चोट थी। ये भारतीय सेना का बेहतरीन प्रयास था। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाई चलती रहती है।

वैसे जो छोटी-छोटी घटनाएं होती हैं वो एलओसी पर होती हैं, सरहद पर नहीं। इससे युद्ध होने की कोई आशंका नहीं है। रक्षा मंत्री के बयान पर उन्होंने कहा कि हमें कहना चाहिए कि हम पहल नहीं करेंगे लेकिन अगर हमारी सुरक्षा पर बात आई तो हम अपने परमाणु हथियार का प्रयोग करेंगे।

शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम ने कहा कि सरकार के सहयोग से आर्मी का मनोबल बढ़ता है।

पाकिस्तान को लेकर नरेन्द्र मोदी या मनमोहन सिंह में किसका नजरिया साफ रहा है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं तुलना नहीं कर सकता। मैं दोनों को सलाम करता हूँ। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक तौर पर कई बार प्रयास किए गए हैं।

जब तक पाक सेना एक लोकतान्त्रिक सेना नहीं बन जाती तब तक ऐसा संभव नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक की घोषणा जनता के लिए करने के बाबत उन्होंने कहा कि इससे पाक को पता चला कि अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, बहुत हो गया।

सेना एलओसी पर हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठती। वह मुंहतोड़ जवाब देती है। सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाबत पूर्व सेनाध्यक्ष ने कहा कि यह एक हथियार है, जब दुश्मन हमें न देख रहा हो तब उस पर हमला करना।

यह एक रणनीति होती है। इसमें प्रधानमंत्री की भूमिका के संबंध में उन्होंने कहा कि एलओसी पर फोर्स का इस्तेमाल करने का हक सेना का है, लेकिन उसके आगे की कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री को निर्णय लेने होते हैं। पीओके जब भारत का हिस्सा है तो उस पर की गयी कार्रवाई को उस पार क्यों कहा गया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सीमा हमारी एलओसी तक को कहा जा सकता है।

पूर्व सेनाध्याक्ष ने कहा कि भारतीय सेना का सिपाही छोटी सी सैलरी के लिए नहीं जाता। वो आपको सुरक्षा देने जाता है। सिपाही पर शक नहीं करना चाहिए। सीमा पर घुसपैठ क्यों रोक नहीं पा रहे? इस बारे में बिक्रम सिंह ने कहा कि ये कोई दीवार नहीं, जिसे कोई पार नहीं कर सकता। ये एक पूरा सिस्टम है। सिपाहियों की कमी भी है। वहां नाले हैं, झाड़ियां हैं। हर जगह सिपाही नहीं रह सकते। हमारे सिपाही सोते नहीं हैं। कई बार कुछ वजह से घुसपैठिये घुस आते हैं, लेकिन हमारे जवान अपनी पूरी कोशिश करते हैं।

जब कोई देश परमाणु युद्ध की धमकी दे तो क्या करना चाहिए? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी धमकी पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हम पहल कभी नहीं करते लेकिन उसके हमले के बाद हम चुप भी नहीं बैठेंगे। कमांडो बनने के बाबत उन्होंने कहा कि आपके अंदर जज्बात होने चाहिए देश पर मरने-मिटने के लिए।

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