लेख – मनोज शुक्ल
“महाकुंभ 2025 में प्रयागराज में अमृत कलश के दर्शन का अनोखा अनुभव मिलेगा। इलाहाबाद संग्रहालय में क्रांतिकारियों की गाथा प्रदर्शित होगी, जिसमें चंद्रशेखर आज़ाद को समर्पित दुनिया की पहली वीथिका शामिल है। जानें महाकुंभ 2025 की खासियत।”
कुंभ 2025: श्रद्धालुओं के लिए अमृत कलश होगा आकर्षण का केंद्र
प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार प्रदेश सरकार महाकुंभ 2025 को पिछले सभी कुंभ से ज्यादा विराट, भव्य और दिव्य बनाने के लिए प्रयागराज में चौबीस घंटे काम कर रही है। इसी क्रम में इलाहाबाद संग्रहालय ने महाकुंभ की भव्यता को नया रूप देने की योजना बनाई है। संग्रहालय ने महाकुंभ के दौरान कलश से टपकती अमृत की बूंद के दृश्य को प्रतिकृति के रूप में प्रदर्शित करने का फैसला किया है। मेला प्रशासन से लगभग 12,000 वर्ग फुट जमीन की डिमांड भी की गई है।
सेल्फी प्वाइंट के रूप में होगा विकसित
संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार, महाकुंभ के दौरान संग्रहालय द्वारा स्थापित अमृत कलश देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह अमृत टपकता कुंभ श्रद्धालुओं के लिए सेल्फी प्वाइंट के तौर पर विकसित किया जाएगा। महाकुंभ के पौराणिक महत्व को देखते हुए ही इस बार अमृत कलश की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
इलाहाबाद संग्रहालय स्वतंत्रता सेनानी गैलरी
क्रांतिकारियों की गाथा का प्रदर्शन: इसके साथ ही इलाहाबाद संग्रहालय ने दुनिया की पहली ऐसी वीथिका का निर्माण किया है, जहां सन 1857 से लेकर आजादी मिलने तक सभी प्रमुख क्रांतिकारियों की गाथा का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें देश की आजादी के लिए लड़ने वाले गरम दल के लगभग सभी क्रांतिकारियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
90 साल की क्रांति का सजीव चित्रण:
इलाहाबाद संग्रहालय ने 90 साल की क्रांति को जीवंत रूप दिया है। यहां मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर आजाद तक लगभग सभी बड़े आजादी के परवानों के बारे में लोगों को जानने का अवसर मिलेगा। डिजिटल और आलेखों के माध्यम से बनी यह दुनिया की पहली वीथिका है, जहां एक साथ इतने क्रांतिकारियों को नमन करने और उनकी खूबियां जानने का अवसर मिलेगा। 1857 से लेकर 1947 तक देश पर न्योछावर एक-एक वीर का इतिहास जानकर लोग दंग रह जाएंगे।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल