देश की अग्रणी SUV निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। महिंद्रा का चौथी तिमाही मुनाफा ₹2,437 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही से 21.85% अधिक है। इस दौरान कंपनी ने संचालन से ₹31,353 करोड़ का रेवेन्यू अर्जित किया, जो सालाना आधार पर 25% की वृद्धि है।
हालांकि, तिमाही आधार पर महिंद्रा के मुनाफे में गिरावट देखने को मिली है। अक्टूबर-दिसंबर 2024 में कंपनी का मुनाफा ₹2,964 करोड़ था, जो मौजूदा तिमाही में 17.78% घट गया। फिर भी, सालाना प्रदर्शन संतोषजनक रहा, जिसमें मुनाफे में 11.40% की बढ़त दर्ज की गई।
महिंद्रा का चौथी तिमाही मुनाफा उम्मीदों से बेहतर रहा, क्योंकि मार्केट एक्सपर्ट्स इसे ₹2,000 करोड़ के आसपास मान रहे थे। नतीजों के साथ कंपनी ने अपने निवेशकों को प्रति शेयर ₹25.30 का डिविडेंड देने का ऐलान किया है, जिसकी रिकॉर्ड डेट 4 जुलाई 2025 तय की गई है।
डिविडेंड क्या होता है?
डिविडेंड वह लाभांश होता है जो कंपनियां अपने मुनाफे में से शेयरधारकों को देती हैं। रिकॉर्ड डेट से पहले जो निवेशक शेयर खरीदते हैं, वही डिविडेंड पाने के पात्र होते हैं।
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स्टैंडअलोन बनाम कंसॉलिडेटेड रिजल्ट
- स्टैंडअलोन रिजल्ट में सिर्फ महिंद्रा कंपनी के प्रदर्शन को शामिल किया जाता है।
- कंसॉलिडेटेड रिजल्ट में कंपनी के साथ उसकी सभी सहायक कंपनियों की इनकम, खर्च और देनदारी जोड़ी जाती है।
शेयर बाजार में प्रतिक्रिया
महिंद्रा के बेहतर नतीजों का असर सीधे तौर पर इसके शेयर पर दिखा। 5 मई को कंपनी का शेयर 3.34% चढ़कर ₹3,024 पर बंद हुआ। एक साल में महिंद्रा के शेयर ने लगभग 36% रिटर्न दिया है, जबकि पिछले एक महीने में 21% से अधिक की तेजी देखने को मिली।
कंपनी का इतिहास और स्थिति
महिंद्रा एंड महिंद्रा की शुरुआत 1945 में ‘महिंद्रा एंड मोहम्मद’ नाम से हुई थी। इसके संस्थापक कैलाश चंद्र महिंद्रा, जगदीश चंद्र महिंद्रा और मलिक गुलाम मुहम्मद थे। आज कंपनी के चेयरमैन आनंद महिंद्रा हैं। ट्रैक्टर उत्पादन में यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है और भारत में SUV मार्केट की अग्रणी कंपनी भी है।
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