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MP में कांग्रेस को बसपा के साथ समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है। यहां पर 15 वर्ष के अंतराल पर कांग्रेस की सरकार बनी है

भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी एकता को आज एक बार फिर झटका लगा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में आज कांग्रेस की सरकार का शपथ ग्रहण हैं। इनमें से किसी में भी बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बसपा के साथ समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है। यहां पर 15 वर्ष के अंतराल पर कांग्रेस की सरकार बनी है। आज भोपाल में कमलनाथ मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही जयपुर में अशोक गहलौत तथा रायपुर में भूपेश बघेल का शपथ ग्रहण है। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस को 15 वर्ष बाद सत्ता का स्वाद मिला है। तीनों राज्यों में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मायावती व अखिलेश यादव शामिल नहीं होंगे।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आज कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। तीनों राज्य में नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के साथ ही सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव इनमें से किसी भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे। राजस्थान में जहां कांग्रेस की पांच साल के बाद सरकार बन रही हैं, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी 15 साल के लंबे इंतजार के बाद सत्ता पर काबिज होने जा रही है।

अखिलेश यादव और मायावती के शपथ ग्रहण में नहीं शामिल होने को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं का यह कदम महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर तीन राज्यों में जीतने के बाद भी कांग्रेस पर रणनीतिक दबाव बनाने को लेकर है। अखिलेश यादव ने खुद साफ किया कि मध्य प्रदेश में उनके एकमात्र सपा विधायक शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की बात पर चुप्पी साध रखी है। तीनों राज्यों में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किया गया है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, शरद यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, सीपीआई, सीपीएम, एमके स्टालिन सहित विपक्ष के शीर्ष नेता जयपुर एवं भोपाल आएंगे। 

2014 के लोकसभा चुनाव और पिछले कई विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखने के बाद कांग्रेस के लिए तीनों राज्यों में सरकार बनाना 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले काफी अच्छे संकेत के रूप में आए हैं। इसी कारण पार्टी ने तीनों ही जगहों पर होने वाले शपथ ग्रहण के लिए सभी विपक्षी दलों को न्योता भी भेजा था। कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि वह अपने नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता को दिखाए. इससे पहले कांग्रेस ने ऐसा कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ऐसा दिखाने की कोशिश की थी। इस बार शायद ये दृश्य देखने को ना मिले। हिंदी पट्टी के इन तीनों ही राज्यों में कांग्रेस सरकार बनने के जश्न में दो प्रमुख सहयोगी पार्टियां शामिल नहीं हो रही हैं। बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के मुखिया ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया है।

23 मई को कर्नाटक में कांग्रेस के समर्थन से एचडी कुमारस्वामी की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, शरद पवार, तेजस्वी यादव, एमके स्टालिन, अजित सिंह, सीताराम येचुरी, हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल और चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हुए थे।

मध्य प्रदेश में बहुमत के आंकड़े को न छू पाने वाली कांग्रेस पार्टी को बिना किसी शर्त के समर्थन का ऐलान करने वाली समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी न तो मध्य प्रदेश के कमलनाथ के शपथ ग्रहण में शामिल होगी और न ही राजस्थान के अशोक गहलौत और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भी।  

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