“महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शिवसेना (शिंदे गुट) में बढ़ी नाराजगी। विदर्भ समन्वयक और उपनेता नरेंद्र भोंडेकर ने कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने पर पद से इस्तीफा दिया। जानें पूरी खबर।“
मुंबई: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शिवसेना (शिंदे गुट) में असंतोष के स्वर उभरने लगे हैं। विदर्भ के समन्वयक और उपनेता नरेंद्र भोंडेकर ने कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने के कारण अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। भोंडेकर, जो भंडारा से विधायक हैं, ने यह कदम उठाते हुए अपनी नाराजगी स्पष्ट कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, भोंडेकर लंबे समय से कैबिनेट में स्थान पाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन उनके नाम पर विचार नहीं किए जाने से वे आहत हुए। इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों में निराशा का माहौल है, और यह शिवसेना (शिंदे गुट) के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
नरेंद्र भोंडेकर ने अपने पत्र में कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम किया, लेकिन उनकी अनदेखी की गई। उनके इस कदम से शिवसेना (शिंदे गुट) में आंतरिक मतभेदों की चर्चा तेज हो गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम शिंदे सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। पार्टी में अन्य नेता भी नाराजगी जाहिर कर सकते हैं, जिससे सरकार को अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार का यह विवाद भविष्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर भी असर डाल सकता है। अब सभी की नजरें एकनाथ शिंदे और भाजपा नेतृत्व पर हैं कि वे इस संकट का समाधान कैसे निकालते हैं।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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