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नोटबंदी के प्रस्ताव की डेट टली, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा सरकार से यह जरूरी जवाब

supremeनई दिल्ली । 500 और 1000 के नोट बंदी से  आम लोगों को हो रही परेशानी पर अब सुप्रीम कोर्ट की भी नजर है। कोर्ट ने कहा है कि आम आदमी को परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

कोर्ट ने सरकार को हालात सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, कोर्ट ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को खारिज करने की मांग वाली याचिका ठुकरा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा, ‘लोगों को हो रही असुविधा के मद्देनजर आप और कौन से नए कदम उठाने के बारे में सोच रहे हैं?’ कोर्ट ने इस मुद्दे की अगली सुनवाई 25 नवंबर तक के लिए टाल दी है।

उधर, सरकार के इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग वाली याचिका दायर करने वाले की तरफ से कोर्ट में कपिल सिब्बल पेश हुए। सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस मांग का पुरजोर विरोध किया। कोर्ट ने सरकार के फैसले में दखल देने से तो इनकार कर दिया, लेकिन लोगों को परेशानी से बचाने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में सरकार से जानकारी मांगी।

विपक्ष कर रहा घेराव

बता दें कि सरकार के इस फैसले के बाद बैंकों और एटीएम पर अफरातफरी का माहौल है। पैसे निकालने और जमा करवाने के लिए लोगों की लंबी लाइनें नजर आ रही हैं। बहुत सारे लोग परेशान हैं।

इस वजह से अब विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने बिना समुचित तैयारियों के ही इस फैसले को लागू करने की कोशिश की। हालांकि, सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि देश की जनता उसके साथ है।

परेशानी से बचाने के लिए नए उपाय
लोगों को पैसा निकालने और जमा करवाने में हो रही परेशानी के मद्देनजर मोदी सरकार युद्ध स्तर पर कोशिश कर रही है। मंगलवार को भी वित्त सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नए उपायों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कुछ लोग बार-बार लाइन में लग रहे हैं, जिसकी वजह से बाकी लोगों को पैसे जमा करवाने का मौका नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि अब नोट जमा करने वालों की उंगली पर स्याही लगाई जाएगी ताकि उनकी पहचान की जा सके। जनधन खातों पर भी सरकार नजर रखेगी।

केंद्र सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

 केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसका मकसद पार्टियों को यह समझाना है कि किन परिस्थितियों में यह फैसला लिया गया? सरकार यह भी बताएगी कि आम लोगों को परेशानी से बचाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

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