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नोटबंदी से कालेधन वालों पर नहीं पड़ा कोई फर्क: मुलायम

mulayamबरेली। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को बरेली में कहा कि नोटबंदी से कालाधन रखने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से आम जनता परेशान है। विधानसभा के चुनाव में वह इसका जवाब देगी।

बरेली के जीआईसी मैदान में पार्टी की रैली को संबोधित करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि मोदी सरकार में किसान और व्यापारी सबसे ज्यादा दुखी हैं। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सभा चुनाव के दौरान किये एक भी वादे को पूरा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ बोलने में नंबर एक है। इसकी नीति से किसान, व्यापारी, बुनकर सब परेशान हैं। नोटबंदी से कई किसानों की मौत हो गई। कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने देश को पीछे ढकेल दिया। नोट बदलने का क्या मतलब था, क्या जरूरत थी। उससे क्या फायदा हो गया। जनता आने वाले चुनाव में इसका जवाब देगी।

उन्होंने कहा कि कालाधन ज्यादा घरों में नहीं है, बस सौ घरों में है। मोदी जी ने जितना ठगा है, उसका जवाब देश की जनता आने वाले चुनावों में देगी। मुलायम ने कहा कि नोट बदलने का कोई मतलब नहीं था।

नोट बदलने के लिए छह महीने का समय दिया जाता। यहां तक की नए नोट भी पूरे नहीं छपे हैं। मुलायम ने कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं कि कालाधन किसके पास है ? इसकी वजह से किसानों, मजदूरों को काफी दिक्कत हुई। सभी लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा है।’ रोजगार पर बात करते हुए कहा कि आज पांच लाख जगह खाली है, लेकिन युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही है।

उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार की प्रशंसा करते हुए मुलायम ने कहा कि सपा की कथनी और करनी में अंतर नहीं है। सपा सरकार ने हर वर्ग का विकास किया है। जनता सेे जो भी वादा किया था, सब निभाया गया। लेकिन केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए।

15 लाख देने की बात की गई थी, जो कि नहीं पूरी हुई। इस दौरान उन्होंने सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की भी पीठ थपथपाई। कहा कि शिवपाल ने पार्टी के लिए बहुत काम किया है।

सपा मुखिया ने कहा कि हम भाषा और धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं। हम अंग्रेजी की अनिवार्यता के खिलाफ हैं। किसी भी देश में पता लगा लो, जिसने अपनी भाषा में काम किया है, उसने तरक्की की है।

उन्होंने हिंदी और उर्दू भाषा को सगी बहनों की तरह बताया। यूरोप का उदाहरण देते हुए मुलायम ने कहा कि वहां अंग्रेजी नहीं बोली जाती है। अपनी भाषा में उन्होंने तरक्की की है। हमारी भाषा हिंदी और उर्दू है। हमने कहा था कि जो उर्दू में लिखेगा, उसे पेपर में पांच नंबर ज्यादा दिए जाएंगे। हम लोग जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते हैँ।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज मुलायम की दूसरी रैली थी। इससे पहले पूर्वांचल के गाजीपुर से 23 नवम्बर को उन्होंने पार्टी के चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत की थी।

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