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NRC पर सियासत, TMC का स्थगन प्रस्ताव, स्वामी बोले- धर्मशाला नहीं है भारत

NRC पर सियासत, TMC का स्थगन प्रस्ताव, स्वामी बोले- धर्मशाला नहीं है भारत

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) को लेकर राजनीति तेज हो गई है. तृणमूल कांग्रेस ने एनआरसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस थमाया है, तो बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि जो भारतीय नागरिक नहीं हैं उन्हें बाहर भेज दिया जाना चाहिए.NRC पर सियासत, TMC का स्थगन प्रस्ताव, स्वामी बोले- धर्मशाला नहीं है भारत

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता मनोज झा ने एनआरसी पर जारी किए गए ड्रॉफ्ट पर कहा कि पिछले 5 दशक से जो लोग रहे हैं वहीं उनका सबूत है और अब वे इस देश के नागरिक नहीं रहे. सरकार को संवेदनशील होना चाहिए, यह सब कुछ राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है.

इस प्रकरण पर बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘जो भारतीय नहीं हैं उन्हें बाहर भेज दिया जाना चाहिए, हम कोई धर्मशाला नहीं है.’  

मामले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज जो एनआरसी लिस्ट जारी की गई है वो सिर्फ मसौदा है अंतिम लिस्ट नहीं है. हर किसी को इसके खिलाफ कानून के तहत शिकायत या आपत्ति करने का अधिकार है. हर किसी की शंका का समाधान किया जाना चाहिए.  

असम कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रिपुण बोरा का कहना है कि बीजेपी की ओर से धार्मिक स्तर पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है. बड़ी संख्या में मुस्लिम, नेपाली गोरखा और यहां तक की हिंदुओं को इससे असर पड़ेगा.

दूसरी ओर, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि जिन लोगों का नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं है, उन्हें भारत से बाहर कर दिया जाना चाहिए. इसके लिए चुनाव आयोग भी दोषी है. बांग्लादेशियों को बाहर किया जाना चाहिए. सरकार के लिए यह आंख खोलने वाली स्थिति है. ऐसा ही सर्वे महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में भी कराया जाना चाहिए.

एनआरसी रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि किसी भी भारतीय नागरकि पर इसका असर नहीं पड़ना चाहिए. हम असम सरकार की पहल को धन्यवाद देते हैं जिसने देश में पहली बार इस तरह का कदम उठाया. घुसपैठिए के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर समर्थन करना चाहिए. दुनिया का कौन सा देश होगा जो घुसपैठियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाएगा. कांग्रेस इसके लिए जिम्मेदार है जिसने वोट के लालच में पाप किया.

गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इस पर कहा कि इस रिपोर्ट का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. यह सब कुछ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में किया जा रहा है. यह फाइनल लिस्ट नहीं है जिनका नाम छूट गया है उन्हें अपनी बात रखने के लिए मौका मिलेगा.

इससे पहले सोमवार सुबह 10 बजे नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की दूसरी लिस्ट जारी की गई और इस नई लिस्ट में 40 लाख से ज्यादा लोगों को अवैध नागरिक मान लिया गया है. हालांकि इनके पास लिस्ट में आप नाम शामिल करवाने और नागरिकता हासिल करने का मौका है.

एनआरसी पर जारी ड्राफ्ट के अनुसार 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक मान लिया गया है. वैध नागरिकता के लिए 3,29,91,384 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 40,07,707 लोगों को अवैध माना गया.

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