उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन लंगड़ा” अभियान ने अपराध की दुनिया में खलबली मचा दी है। ऑपरेशन लंगड़ा यूपी पुलिस द्वारा 24 घंटे के भीतर किए गए 10 एनकाउंटर ने अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। इस सख्त कार्रवाई से यूपी में एक बार फिर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का उदाहरण पेश हुआ है।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य अपराधियों को मुठभेड़ में पकड़ना और पैरों में गोली मारकर उन्हें अक्षम करना है। यही कारण है कि इस ऑपरेशन को “लंगड़ा” नाम दिया गया है। पुलिस की रणनीति साफ है—जान से नहीं, लेकिन अपराध की ताकत से बाहर कर दो।
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ऑपरेशन लंगड़ा के तहत अब तक विभिन्न जिलों में जिन अपराधियों के साथ मुठभेड़ हुई, उनमें से कई गंभीर अपराधों जैसे हत्या, लूट, बलात्कार और डकैती में शामिल थे। लखनऊ में रेप के आरोपी का एनकाउंटर, गाजियाबाद में हत्या के आरोपी के पैर में गोली, और झांसी में इनामी बदमाश को गोली लगना इसकी पुष्टि करता है। इस अभियान में अपराधियों के पैरों पर गोली मारना पुलिस की योजना का हिस्सा है, ताकि वे भाग न सकें और कानून के शिकंजे में आ सकें।
इस अभियान की शुरुआत का मकसद न केवल अपराध को रोकना है, बल्कि अपराधियों में डर पैदा करना भी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस सख्ती के बाद कई हिस्ट्रीशीटरों ने अपराध छोड़ खेती-बाड़ी और छोटे मोटे व्यापार शुरू कर दिए हैं।
लखनऊ, गाजियाबाद, बागपत, आगरा, बलिया, बुलंदशहर, उन्नाव, झांसी, शामली और जालौन जैसे जिलों में इन मुठभेड़ों के ज़रिए पुलिस ने एक कड़ा संदेश दिया है कि अब यूपी में अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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