“पीलीभीत के पूरनपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों का इंग्लैंड में बैठा मददगार कुलबीर सिंह सिद्धू कोरोना काल में गांव गजरौला में युवाओं को विदेश भेजने का सपना दिखाकर एक नेटवर्क बना रहा था। अब पुलिस उसकी गतिविधियों की जांच कर रही है।”
पीलीभीत: हाल ही में पूरनपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों का इंग्लैंड में बैठा मददगार कुलबीर सिंह सिद्धू, कोरोना काल में गांव गजरौला में दबंगई और रुतबे से रहता था। सिद्धू ने विदेश भेजने का सपना दिखाकर गांव के युवाओं को लुभाया और एक टीम बना ली थी। सिद्धू का दावा था कि वह युवाओं को विदेश भेजने में मदद करेगा, लेकिन बाद में उसकी असलियत सामने आई, जब उसकी आतंकियों के साथ लिंक उजागर हुआ।
कुलबीर सिंह सिद्धू कोरोना काल में गांव गजरौला जप्ती के पूर्व प्रधान के घर में रुका था। गांव के कई युवकों से उसकी पहचान बढ़ी और उन्होंने उसे अपने मित्र के रूप में स्वीकार कर लिया। सिद्धू ने युवकों को क्रिकेट खेलने के बहाने अपने संपर्क में लिया और उन्हें विदेश भेजने के लालच में रखा।
एक अन्य युवक जसपाल उर्फ सनी का रहन-सहन भी सिद्धू के संपर्क में आने के बाद बदल गया था। बेरोजगार होने के बावजूद उसने नई बाइक खरीदी, महंगे मोबाइल फोन लिए और घर की मरम्मत में खर्च किया। उसका यह बदला हुआ रहन-सहन गांव में चर्चा का विषय बन गया। पुलिस अब जसपाल और अन्य युवकों से पूछताछ कर रही है, जिनसे सिद्धू ने संपर्क किया था।
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सिद्धू ने गांव में कई लोगों से दोस्ती की और उन लोगों के माध्यम से अपना नेटवर्क फैलाया। उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि उसने हरियाणा के नंगल में विहिप नेता की हत्या के मामले में भी एक युवक से पैसे का लेन-देन किया था। पुलिस अब सिद्धू के करीबी लोगों से पूछताछ कर रही है, जिनमें गांव के अर्शदीप और सतवंत भी शामिल हैं।
इस घटना के बाद होटल हरजी में सन्नाटा पसरा हुआ है, जहां आतंकियों को ठहराने में मदद की गई थी। होटल में अब किसी को ठहरने की अनुमति नहीं दी जा रही है, और होटल मैनेजर भी लगातार होटल में नहीं बैठ रहा है।
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