“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज के संगम नोज पर कुम्भ कलश का कुम्भाभिषेक किया। महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत संतों से आशीर्वाद लेकर आयोजन की सफलता की कामना की।”
महाकुम्भ नगर। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियों के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संगम नोज में त्रिवेणी संगम पर विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने अष्टधातु और रत्नजड़ित विशिष्ट कुम्भ कलश का कुम्भाभिषेक कर मेले की भव्यता और सफलता की कामना की।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने साधु-संतों से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। संतों ने कहा, “प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रयासों से यह मेला दिव्य और भव्य होने जा रहा है।”
रत्नजड़ित कुम्भ कलश: विशेषता और महत्व
- प्रधानमंत्री ने जिस कुम्भ कलश का कुम्भाभिषेक किया, वह अष्टधातु से बना हुआ है और रत्नों से जड़ा हुआ है।
- कलश का निर्माण: इसमें गंगा जल, पंचरत्न, दुर्बा, सुपारी, हल्दी, आम के पत्ते और नारियल रखा गया।
- पवित्रता का प्रतीक: इसमें तीर्थस्थलों की मिट्टी और गऊशाला का आशीर्वाद भी शामिल है।
- प्रयागराज मेला प्राधिकरण: इसे अमृत रूपी कलश बनाने के लिए विशेष आयोजन किया गया।
संतों ने दिया आशीर्वाद
- प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिवेणी पूजन के बाद 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों और अन्य संतों से भेंट की।
- संतों ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता सुनिश्चित करने का आशीर्वाद दिया।
महंत जमुना पुरी (श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी): उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने संतों से कुशलक्षेम पूछकर राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रार्थना की।
आचार्य देवेंद्र सिंह शास्त्री (श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल): संतों ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मेला एक ऐतिहासिक आयोजन होगा।”
महाकुंभ 2025: भव्य आयोजन की तैयारियां
- 13 जनवरी 2025 से शुभारंभ: त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ की शुरुआत।
- भव्यता और दिव्यता: मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं को लेकर संतों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
- साधु-संतों का स्वागत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद सभी संतों का परिचय कराया।
प्रधानमंत्री का संदेश
प्रधानमंत्री ने कहा,
“महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। सभी संतों और श्रद्धालुओं का आशीर्वाद इसे अद्वितीय बनाएगा।”
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल