धार्मिक स्थल विवाद Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/धार्मिक-स्थल-विवाद National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Wed, 01 Jan 2025 15:09:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png धार्मिक स्थल विवाद Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/धार्मिक-स्थल-विवाद 32 32 असदुद्दीन ओवैसी ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 लागू करने की मांग की https://vishwavarta.com/asaduddin-owaisi-demanded-implementation-of-places-of-worship-act-1991/117039 Wed, 01 Jan 2025 15:09:15 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117039 “मस्जिदों के मंदिर होने के दावों के बीच असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल कानून 1991 के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की। कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।” नई दिल्ली। देश में धार्मिक स्थलों के स्वामित्व को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कई मस्जिदों को मंदिर होने का दावा किया जा रहा …

The post असदुद्दीन ओवैसी ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 लागू करने की मांग की appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“मस्जिदों के मंदिर होने के दावों के बीच असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल कानून 1991 के प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की। कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।”

नई दिल्ली। देश में धार्मिक स्थलों के स्वामित्व को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कई मस्जिदों को मंदिर होने का दावा किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 1991 के पूजा स्थल अधिनियम (Worship Places Act, 1991) को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि 15 अगस्त 1947 को धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी, उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। हालांकि, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हुए फैसले को इस अधिनियम से अलग रखा गया था।

ओवैसी ने अपनी याचिका में आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को इस कानून को सख्ती से लागू करने के निर्देश दे। उनका मानना है कि इस अधिनियम का सही तरीके से क्रियान्वयन होने से धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवादों को रोका जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई कल निर्धारित की गई है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में कई स्थानों पर धार्मिक स्थलों के स्वामित्व पर विवाद सामने आ रहे हैं। ओवैसी ने इस मुद्दे को संवैधानिक और सामाजिक संतुलन के नजरिए से उठाया है।

देश की राजनीति और सामाजिक ताने-बाने पर इस फैसले का व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

The post असदुद्दीन ओवैसी ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 लागू करने की मांग की appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
पूजा स्थल अधिनियम पर SC की बड़ी टिप्पणी: धार्मिक स्थलों पर नया मामला दाखिल न हो https://vishwavarta.com/scs-big-comment-on-places-of-worship-act-no-new-case-should-be-filed-on-religious-places/114892 Thu, 12 Dec 2024 10:56:20 +0000 https://vishwavarta.com/?p=114892 “सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 पर सुनवाई शुरू हो गई है। SC ने केंद्र से हलफनामा दायर करने को कहा है और धार्मिक स्थलों पर नया विवाद रोकने के निर्देश दिए हैं।” नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू …

The post पूजा स्थल अधिनियम पर SC की बड़ी टिप्पणी: धार्मिक स्थलों पर नया मामला दाखिल न हो appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 पर सुनवाई शुरू हो गई है। SC ने केंद्र से हलफनामा दायर करने को कहा है और धार्मिक स्थलों पर नया विवाद रोकने के निर्देश दिए हैं।”

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले में न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक यह सुनवाई जारी है, तब तक धार्मिक स्थलों को लेकर कोई नया मामला दाखिल नहीं किया जाएगा।

केंद्र से मांगा हलफनामा

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, ताकि सरकार का पक्ष स्पष्ट हो सके। इस मामले को लेकर केंद्र की भूमिका और कानून का औचित्य महत्वपूर्ण है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद निर्धारित की है।

1991 का पूजा स्थल अधिनियम

पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 को धार्मिक स्थलों की स्थिति को संरक्षित रखने के लिए लागू किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि 15 अगस्त 1947 को धार्मिक स्थलों की जो स्थिति थी, उसे बदला न जाए।

SC का निर्देश

न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक स्थलों से जुड़े किसी भी नए विवाद को रोका जाए। यह निर्देश देश में बढ़ते धार्मिक विवादों को शांत रखने की मंशा से दिया गया है।

अगली सुनवाई

अदालत ने इस मुद्दे पर गहन विचार करते हुए अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद तय की है। इस दौरान केंद्र सरकार से अपने पक्ष को लिखित रूप में प्रस्तुत करने की उम्मीद है।

देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।

विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

The post पूजा स्थल अधिनियम पर SC की बड़ी टिप्पणी: धार्मिक स्थलों पर नया मामला दाखिल न हो appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिदों और दरगाहों पर दावों को रोकने की मांग https://vishwavarta.com/muslim-personal-law-board-asks-sc-to-stop-claims-on-mosques-and-dargahs/113383 Thu, 28 Nov 2024 15:21:28 +0000 https://vishwavarta.com/?p=113383 “मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिदों और दरगाहों पर दावे रोकने की मांग की। 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का तर्क।” नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह देशभर की निचली अदालतों को मस्जिदों, दरगाहों …

The post मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिदों और दरगाहों पर दावों को रोकने की मांग appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिदों और दरगाहों पर दावे रोकने की मांग की। 1991 के पूजा स्थल अधिनियम के तहत सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का तर्क।”

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह देशभर की निचली अदालतों को मस्जिदों, दरगाहों और अन्य धार्मिक स्थलों पर दावे से जुड़ी याचिकाओं को स्वीकार करने से रोके। यह मांग ऐसे समय में आई है जब विभिन्न धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद बढ़ रहे हैं।

AIMPLB ने अपनी याचिका में 1991 के पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का हवाला दिया है, जो 15 अगस्त 1947 को मौजूद पूजा स्थलों की धार्मिक स्थिति को संरक्षित करता है। बोर्ड का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य ऐतिहासिक विवादों को खत्म करना और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना है।

यह मांग विशेष रूप से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद और मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद विवाद जैसे मामलों के बीच उठाई गई है, जिनसे देशभर में धार्मिक और राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

बोर्ड का तर्क है कि ऐसी याचिकाओं को स्वीकार करना 1991 के अधिनियम का उल्लंघन है और यह सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाता है।

AIMPLB का मानना है कि इन मामलों का इस्तेमाल सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है।

निचली अदालतों में ऐसे मामलों पर रोक लगाकर कानून को समान रूप से लागू करने की दिशा में यह कदम जरूरी है।

इस याचिका से देश में चल रहे धार्मिक स्थलों के विवादों पर नया कानूनी विमर्श शुरू हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर न केवल इन मामलों पर होगा, बल्कि यह भविष्य में ऐसे विवादों के समाधान के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

AIMPLB ने जोर देकर कहा है कि अदालतों को ऐतिहासिक मुद्दों को दोबारा खोलने के बजाय कानून का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।

The post मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से मस्जिदों और दरगाहों पर दावों को रोकने की मांग appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>