न्यायिक कार्य Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/न्यायिक-कार्य National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Sat, 30 Nov 2024 10:32:03 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png न्यायिक कार्य Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/न्यायिक-कार्य 32 32 प्रयागराज: पेशकार की कारस्तानी: क्या एसडीएम कोर्ट के फैसले भी हो सकते हैं फर्जी? https://vishwavarta.com/prayagraj-peshkars-work-can-the-decisions-of-sdm-court-also-be-fake/113540 Sat, 30 Nov 2024 10:32:02 +0000 https://vishwavarta.com/?p=113540 “उत्तर प्रदेश के कोरांव एसडीएम कोर्ट में पेशकार हनुमान प्रसाद द्वारा छह साल तक फर्जी फैसले जारी करने का मामला सामने आया है। एडीएम की जांच में फर्जी आदेशों और हस्ताक्षरों के प्रमाण मिले हैं। कार्रवाई की सिफारिश की गई।” प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के कोरांव एसडीएम कोर्ट में पेशकार हनुमान प्रसाद द्वारा किए गए फर्जीवाड़े …

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“उत्तर प्रदेश के कोरांव एसडीएम कोर्ट में पेशकार हनुमान प्रसाद द्वारा छह साल तक फर्जी फैसले जारी करने का मामला सामने आया है। एडीएम की जांच में फर्जी आदेशों और हस्ताक्षरों के प्रमाण मिले हैं। कार्रवाई की सिफारिश की गई।”

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के कोरांव एसडीएम कोर्ट में पेशकार हनुमान प्रसाद द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसमें उसने छह साल तक एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षरों से सैकड़ों राजस्व मुकदमों का निस्तारण किया। इस मामले की जांच में एडीएम मदन कुमार ने चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में हड़कंप मच गया है।

हनुमान प्रसाद ने एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षरों से कई राजस्व मुकदमों में आदेश पारित किए, जिसमें उसने मनचाहे आपत्तियां और स्थगन आदेश लगाए। जांच में 2018 और 2024 की कुछ आदेश शीट्स में छेड़छाड़ और फर्जी हस्ताक्षर पाए गए हैं। इनमें से कुछ आदेशों में एसडीएम ने न तो हस्ताक्षर किए थे, न ही उन पर कोई निर्णय लिया था। इसके बावजूद पेशकार ने इन्हें पारित कर दिया।

एडीएम ने शुरुआती जांच में दर्जनों मामलों की फर्जी ऑर्डर शीट्स पकड़ी हैं। यह फर्जीवाड़ा अयोध्या गांव के निवासी रामराज मिश्र की शिकायत के बाद सामने आया। रामराज ने आरोप लगाया था कि पेशकार ने तीन राजस्व मुकदमों में एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर निस्तारण किया। एडीएम ने पेशकार से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन 20 दिन बाद भी उसका कोई जवाब नहीं आया।

इस मामले में एडीएम ने डीएम से पेशकार के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। पेशकार का यह कृत्य उत्तर प्रदेश कर्मचारी आचरण नियमावली के खिलाफ होने के साथ ही उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना भी है। एडीएम ने इस मामले में पूरी जांच रिपोर्ट डीएम को भेज दी है, और कार्रवाई के लिए सिफारिश की है।

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और इलाहाबाद सांसद उज्जवल रमण सिंह ने भी पेशकार के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन उनकी संस्तुतियां दबा दी गईं। यह दर्शाता है कि पेशकार की डीएम कार्यालय में गहरी पैठ थी, जो उसकी कार्रवाई को रोकने में सफल रही।

कोरांव एसडीएम आकांक्षा सिंह ने कहा कि जैसे ही उन्हें पेशकार के कारनामों की जानकारी मिली, उन्होंने उसे न्यायिक कार्य से मुक्त कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जिन मामलों में फर्जीवाड़ा हुआ, वे पूर्ववर्ती अधिकारियों के कार्यकाल में थे।

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