बृजभूषण शरण सिंह Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/बृजभूषण-शरण-सिंह National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Thu, 02 Jan 2025 15:00:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png बृजभूषण शरण सिंह Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/बृजभूषण-शरण-सिंह 32 32 मोहन भागवत के बयान का बृजभूषण शरण सिंह ने किया समर्थन https://vishwavarta.com/brij-bhushan-sharan-singh-supported-the-statement-of-mohan-bhagwat/117136 Thu, 02 Jan 2025 15:00:12 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117136 “”BJP के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने इसे गहराई से सोच-समझकर दिया गया बयान बताया और इसे हल्के में लेने वालों को बड़ी गलती करने वाला कहा।” नई दिल्ली। RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान को लेकर देशभर में चर्चाएं तेज …

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“”BJP के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने इसे गहराई से सोच-समझकर दिया गया बयान बताया और इसे हल्के में लेने वालों को बड़ी गलती करने वाला कहा।”

नई दिल्ली। RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान को लेकर देशभर में चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब BJP के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने इस बयान का जोरदार समर्थन किया है। बृजभूषण ने कहा, “मैं भागवत जी के बयान से पूरी तरह सहमत हूं। वह जो भी कहते हैं, बहुत गहराई से सोच-समझकर कहते हैं। उनके बयान को हल्के में लेना बड़ी भूल होगी।”

RSS प्रमुख का बयान और प्रतिक्रियाएं:

हाल ही में मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवाद पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने धर्म और सहिष्णुता पर जोर दिया था। उनके बयान को RSS के मुखपत्र पाञ्चजन्य ने भी समर्थन दिया। अब बृजभूषण शरण सिंह जैसे वरिष्ठ नेता का समर्थन इस मामले को और महत्वपूर्ण बना देता है।

बृजभूषण शरण सिंह का रुख:

पूर्व सांसद ने कहा कि भागवत जी का हर बयान एक गहरी सोच का परिणाम होता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि “जो लोग उनके बयान को हल्के में ले रहे हैं, वे एक बड़ी गलती कर रहे हैं। ऐसे बयान समाज को दिशा देने के लिए होते हैं।”

पाञ्चजन्य का समर्थन:

RSS के मुखपत्र पाञ्चजन्य ने भी भागवत के विचारों का समर्थन करते हुए इसे समाज के लिए प्रासंगिक और मार्गदर्शक बताया है। संपादकीय में इसे वर्तमान समय में धर्म और समाज के बीच के संतुलन को बनाए रखने की दिशा में अहम बताया गया।

भागवत के बयान और उसके समर्थन के बाद कई राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ इसे सामाजिक एकता का प्रयास मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने का आरोप लगा रहे हैं।

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कांग्रेस और राहुल गांधी को देश की जरूरत है: बृजभूषण शरण https://vishwavarta.com/congress-and-rahul-gandhi-need-the-country-brij-bhushan-sharan/117002 Wed, 01 Jan 2025 12:07:35 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117002 “BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को 2025 में सीरियस होना चाहिए, देश को उनकी जरूरत है।” लखनऊ। BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद पर …

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“BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद पर कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को 2025 में सीरियस होना चाहिए, देश को उनकी जरूरत है।”

लखनऊ। BJP नेता बृजभूषण शरण सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “भगवान करे कांग्रेस और राहुल गांधी 2025 में सीरियस हो जाएं। देश को उनकी जरूरत है।”

मुख्य बिंदु:

  1. स्मारक विवाद पर बृजभूषण का बयान: बृजभूषण ने कहा कि जब सरकार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक को मंजूरी दे दी है, तो इसके बावजूद कांग्रेस और राहुल गांधी इसे लेकर राजनीति कर रहे हैं।
  2. कांग्रेस की राजनीति पर तंज: “कांग्रेस और राहुल गांधी ऐसे मुद्दे उठाते हैं, जिनका जनता से कोई सरोकार नहीं है,” बृजभूषण ने कहा।
  3. 2025 में सीरियस होने की अपील: उन्होंने कहा, “देश को कांग्रेस और राहुल गांधी की जरूरत है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे राजनीति में लगे हैं।”

कांग्रेस और राहुल गांधी पर बृजभूषण शरण सिंह का आरोप:
बृजभूषण ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी को ऐसे मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, जिनका आम जनता से कोई संबंध नहीं हो। उन्होंने इस संदर्भ में कांग्रेस के रुख को आलोचना करते हुए इसे राजनीतिक दुर्भाग्य बताया।

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WITNESS -SAKSHI MALIK – “गवाही: एक लड़की की लड़ाई और साक्षी मलिक की आवाज” https://vishwavarta.com/witness-testimony-a-girls-fight-and-the-voice-of-sakshi-malik/111347 Mon, 11 Nov 2024 18:40:39 +0000 https://vishwavarta.com/?p=111347 मनोज शुक्ल “Witness Sakshi Malik” साक्षी मलिक की आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपनी दर्दनाक यात्रा, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष, और न्याय के लिए उनकी आवाज़ को दर्ज किया है। यह किताब उन तमाम लड़कियों की प्रेरणा है जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होना चाहती हैं और समाज में बदलाव की आवश्यकता …

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मनोज शुक्ल

“Witness Sakshi Malik” साक्षी मलिक की आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपनी दर्दनाक यात्रा, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष, और न्याय के लिए उनकी आवाज़ को दर्ज किया है। यह किताब उन तमाम लड़कियों की प्रेरणा है जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होना चाहती हैं और समाज में बदलाव की आवश्यकता को उजागर करती है।”

साक्षी मलिक की कहानी एक नहीं, बल्कि कई कहानियों की गूंज है। उनकी किताब “Witness Sakshi Malik” में उन्होंने अपने दर्द, संघर्ष और उस जज्बे का विस्तार से वर्णन किया है जिसने उन्हें न केवल अपने लिए, बल्कि उन तमाम बेटियों के लिए खड़ा होने की हिम्मत दी जो कभी-कभी अपनी आवाज भी खो बैठती हैं। यह किताब एक गवाही है—साक्षी की गवाही, समाज के उस हिस्से की गवाही जो अपनी आँखें बंद किए हुए है और उस न्याय व्यवस्था की गवाही जो असहाय सी प्रतीत होती है।

अध्याय 1: एक सपने की शुरुआत

पहले अध्याय में साक्षी ने अपने खेल के सफर की शुरुआत का ज़िक्र किया है। वह कहती हैं, “बचपन से मेरा सपना था कि मैं अपने देश के लिए ओलंपिक में मैडल जीतूं। मेरे माता-पिता ने मुझे हर कदम पर प्रोत्साहित किया, लेकिन जब मैं बड़ा हो रही थी, तो समाज ने हमेशा मुझे इस सफर के लिए कमजोर बताया।”

साक्षी का कहना है कि खेल की दुनिया में कदम रखते ही उन्होंने अपने इरादों को मजबूत किया और उस वक्त को भी याद किया जब उन्होंने पहली बार अपने परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया। उन्होंने बताया कि एक खिलाड़ी के तौर पर उनके लिए मेहनत और संघर्ष के मायने क्या हैं और कैसे उनकी सफलता का सपना न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए था।

अध्याय 2: एक कड़वा अनुभव

साक्षी के सफर का सबसे कठिन और दिल को झकझोर देने वाला हिस्सा तब आया जब उन्हें अपने एक वरिष्ठ के द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इस अध्याय में उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह का नाम लिया, एक ऐसा नाम जो भारतीय कुश्ती में बड़ी जगह रखता है, परंतु साक्षी के लिए यह नाम एक दर्दनाक याद बन गया। वह कहती हैं, “जब मैंने सोचा कि मुझे इस खेल में आदर्श मिल चुका है, उसी वक्त मुझे एहसास हुआ कि मेरे साथ विश्वासघात हुआ है। उन्होंने मेरी मासूमियत का फायदा उठाया।”

साक्षी के शब्दों में एक मजबूती थी। उन्होंने बताया कि कैसे इस अनुभव ने उनके अंदर एक अलग ही तरह की शक्ति जगाई। वह कहती हैं, “मैंने खुद से वादा किया था कि मैं अब चुप नहीं रहूंगी। जो कुछ भी मेरे साथ हुआ, मैं उसकी सच्चाई दुनिया के सामने लाकर रहूंगी।”

अध्याय 3: संघर्ष का सफर

साक्षी ने अपनी किताब के तीसरे अध्याय में उस मानसिक और भावनात्मक दबाव का वर्णन किया जो उन्हें समाज से मिला। समाज की खामोशी और अपनी आवाज के समर्थन में खड़े होने वाले लोगों की कमी से वह बेहद अकेला महसूस कर रही थीं। “हर एक रात एक लड़ाई बन गई थी। मुझे सपने आते थे, जिनमें मैं अपने ही दर्द से घिरी होती थी। लेकिन हर बार एक ही विचार आता, कि अगर मैं आज हार गई, तो मेरे जैसी बहुत सारी लड़कियां भी हार जाएंगी।”

इस अध्याय में साक्षी ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का सामना किया, कैसे उन्हें कमजोर करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी।

अध्याय 4: कानून का सहारा

किताब के इस हिस्से में साक्षी ने अपने केस को लेकर कानून की सहायता लेने का अनुभव साझा किया है। वह कहती हैं, मैंने सोचा था कि न्याय व्यवस्था मेरे साथ खड़ी होगी, परंतु यह एक अलग ही दुनिया थी। मैंने कई बार अपने केस को रद्द करवाने की धमकियाँ सुनीं, मुझे कमजोर करने के लिए मुझ पर आरोप लगाए गए, लेकिन मैंने ठान लिया था कि अब पीछे नहीं हटूंगी।”

उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने वकीलों की मदद से केस को आगे बढ़ाया और समाज से समर्थन की अपील की। साक्षी के अनुसार, यह उनकी ज़िंदगी का सबसे कठिन दौर था, लेकिन वह इसे जीतने का हौसला कभी नहीं खो पाईं।

                                                   संघर्ष की कहानी का प्रतीक है,साक्षी मलिक

अध्याय 5: समाज का जागना

इस अध्याय में साक्षी ने उस बदलाव का वर्णन किया जो उनके केस ने समाज में लाया। उनकी आवाज कई लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनी, जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होना चाहती थीं। वह कहती हैं, “जब मैं न्याय के लिए खड़ी हुई, तो मैंने महसूस किया कि यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन तमाम लड़कियों की लड़ाई थी जो रोज अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करती हैं। मैंने इस किताब को उन सभी के लिए लिखा है जो अपनी आवाज उठाना चाहती हैं।”

साक्षी ने बताया कि उनका मकसद केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज में एक ऐसी जागरूकता लाना है कि कोई भी लड़की अपने अधिकारों के लिए संघर्ष से पीछे न हटे।

अध्याय 6: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लड़ाई का आखिरी मोर्चा

इस अध्याय में साक्षी ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने संघर्ष का अंतिम मोर्चा दिखाया। उन्होंने लिखा, “मैंने सोचा था कि उनके खिलाफ लड़ाई मुश्किल होगी, लेकिन मैंने कभी हार मानने का विचार भी नहीं किया। जब उन्होंने मुझसे मेरा आत्म-सम्मान छीनने की कोशिश की, तभी मैंने ठान लिया था कि अब इस अत्याचार का अंत करना होगा।”

साक्षी का कहना है कि इस लड़ाई के दौरान उन्हें कई तरह की धमकियाँ मिलीं, परंतु उन्होंने हर बार अपने मन में एक दृढ़ता महसूस की। यह उनका सम्मान और अस्तित्व की लड़ाई थी, और उन्होंने इसे अंजाम तक पहुँचाने की ठान ली थी।

अध्याय 7: समाज के लिए एक नई शुरुआत

साक्षी के अनुसार, यह संघर्ष केवल उनके लिए नहीं था, बल्कि उस समाज के लिए भी था जो महिलाओं को कमजोर मानता है। उन्होंने लिखा, “मेरी यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि उस मानसिकता के खिलाफ है जो महिलाओं को कमजोर समझती है। मैं चाहती हूँ कि मेरा उदाहरण हर लड़की के लिए प्रेरणा बने, ताकि वह अपने सम्मान और आत्म-सम्मान के लिए खड़ी हो सके।”

समाज को संदेश

किताब का अंतिम हिस्सा समाज के नाम एक संदेश है। साक्षी ने लिखा, “अगर हम समाज में बदलाव चाहते हैं, तो हमें खुद खड़े होना पड़ेगा। यह जरूरी नहीं कि हमें लड़ाई केवल अपने लिए लड़नी है, बल्कि हमें उन सभी के लिए लड़नी है जो अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा पाते। मेरी यह कहानी हर उस लड़की के लिए है जो अपने अधिकारों के लिए खड़ी होना चाहती है।”

Witness Sakshi Malik एक ऐसी किताब है जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। साक्षी के संघर्ष की यह गवाही उस हर एक लड़की के लिए है जो अपने सम्मान और आत्म-सम्मान की रक्षा करना चाहती है। यह कहानी उन सबके लिए है, जो अपने हक के लिए लड़ना चाहते हैं और उन सबके लिए जो यह मानते हैं कि न्याय और समानता का अधिकार हर किसी का है।

अब समय आ गया है कि समाज अपनी आँखें खोले और हर बेटी के हक में खड़ा हो।

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महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में अगली सुनवाई 13 सितंबर को https://vishwavarta.com/next-hearing-in-the-case-of-sexual-exploitation-of-female-wrestlers-on-september-13/105919 Thu, 12 Sep 2024 09:57:41 +0000 https://vishwavarta.com/?p=105919 नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज भी महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई नहीं हुई। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने कल यानी 13 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश …

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नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज भी महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई नहीं हुई। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने कल यानी 13 सितंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।

कोर्ट को आज बताया गया कि मामला दर्ज कराने वाली एक महिला पहलवान की तबीयत खराब है। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी। इसके पहले 10 सितंबर को भी इस मामले में अपने बयान दर्ज कराने पहुंची एक महिला पहलवान की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई।

6 अगस्त को इस मामले की जांच में शामिल एक महिला पुलिसकर्मी रश्मि का बयान दर्ज किया गया था। रश्मि का बृजभूषण सिंह के वकील राजीव मोहन ने क्रास-एग्जामिनेशन किया था। 26 जुलाई से कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल शुरू किया था। 26 जुलाई को कोर्ट ने मामले की जांच से जुड़े एक कांस्टेबल के बयानों को दर्ज किया।

कोर्ट ने 10 मई को बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने छह में से पांच महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था, जबकि एक महिला पहलवान के आरोपों के मामले में बृजभूषण सिंह को बरी कर दिया था।

कोर्ट ने पांच महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354ए और 506 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस मामले के सह आरोपित और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।

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