मेट्रो ने एक साल में क्यों गंवा दिए 8 करोड़ से ज्यादा यात्री Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/मेट्रो-ने-एक-साल-में-क्यों National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Mon, 24 Dec 2018 08:46:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png मेट्रो ने एक साल में क्यों गंवा दिए 8 करोड़ से ज्यादा यात्री Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/मेट्रो-ने-एक-साल-में-क्यों 32 32 मेट्रो ने एक साल में क्यों गंवा दिए 8 करोड़ से ज्यादा यात्री, https://vishwavarta.com/%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%8f%e0%a4%95-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82/102072 Mon, 24 Dec 2018 08:46:16 +0000 http://vishwavarta.com/?p=102072  मेट्रो किराये में भारी भरकम बढ़ोत्तरी की मार यात्रियों की जेब पर पड़ी है। इस वजह से मेट्रो में यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले कम हो गई, लेकिन कमाई के मामले में दिल्ली मेट्रो मालामाल हुई है। डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि किराया बढ़ाने …

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 मेट्रो किराये में भारी भरकम बढ़ोत्तरी की मार यात्रियों की जेब पर पड़ी है। इस वजह से मेट्रो में यात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले कम हो गई, लेकिन कमाई के मामले में दिल्ली मेट्रो मालामाल हुई है। डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि किराया बढ़ाने के बाद साल भर में मेट्रो में 8,18,21,000 यात्री कम हो गए। फिर भी मेट्रो की तिजोरी में राजस्व की कमी नहीं हुई, बल्कि परिचालन से कमाई में 38.93 फीसद की भारी भरकम बढ़ोत्तरी करते हुए अपना घाटा कम करने में काफी हद तक सफल हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017-18 में दिल्ली मेट्रो को 6,211.05 का राजस्व प्राप्त हुआ। इसमें यात्री किराया के अलावा रियल ई-स्टेट, कंसल्टेंसी व बाहरी परियोजनाओं से प्राप्त राजस्व शामिल है। इस राजस्व में डीएमआरसी का कुल 4,375.34 करोड़ खर्च काटने के बाद मेट्रो 1835.71 करोड़ फायदे में रही। यह अलग बात है कि मेट्रो परियोजनाओं के लिए जापान की एजेंसी से लिए गए लोन व अन्य सभी तरह की देनदारी भरने के बाद कुल 93.14 करोड़ का घाटा हुआ। इसके पिछले वित्त वर्ष में मेट्रो 248 करोड़ के घाटे में थी। इसकी भरपाई करने के लिए ही किराये में सौ फीसद तक की बढ़ोत्तरी की गई थी।

परिचालन से 848.26 करोड़ की अधिक कमाई

डीएमआरसी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017-18 में मेट्रो को परिचालन से 3027.26 करोड़ की आमदनी हुई। इसके पिछले वित्त वर्ष में परिचालन से 2179 करोड़ कमाई हुई थी। इस तरह मेट्रो परिचालन से डीएमआरसी को 848.26 करोड़ की अधिक आमदनी हुई, जबकि इससे पहले किराया कम होने के बावजूद परिचालन से राजस्व में हर साल छह से 11 फीसद तक की बढ़ोत्तरी होती थी। इसका बड़ा कारण मेट्रो में हर साल यात्रियों की संख्या बढ़ना था।

दूसरे स्रोतों से नहीं बढ़ पाई आमदनी

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय डीएमआरसी को निर्देश दे चुका है कि मेट्रो राजस्व बढ़ाने के अन्य विकल्प तलाशे। इसके बावजूद अन्य स्रोतों से राजस्व में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई है, बल्कि कंसल्टेंसी शुल्क व बाहरी परियोजनाओं से कमाई कम ही हुई। बाहरी परियोजनाओं से 2331.02 करोड़ का राजस्व मिला जो पिछले वित्त वर्ष से 124.98 करोड़ कम है। यदि मेट्रो में यात्रियों की संख्या कम न हुई होती और बाहरी परियोजनाओं से राजस्व नहीं घटता तो 93.14 करोड़ के घाटे की भी भरपाई कर मेट्रो मुनाफे की पटरी पर रफ्तार भर रही होती।

तीन साल में सबसे कम यात्री

वर्ष 2017-18 में मेट्रो में कुल 9260.69 लाख यात्रियों ने सफर किया। यह तीन साल में सबसे कम आंकड़ा है। गत वर्ष मेट्रो में 10,078.90 लाख लोगों ने सफर किया था।

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