मेडिकल कॉलेज आग हादसा Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/मेडिकल-कॉलेज-आग-हादसा National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Sat, 16 Nov 2024 17:44:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png मेडिकल कॉलेज आग हादसा Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/मेडिकल-कॉलेज-आग-हादसा 32 32 झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: लापरवाही की एक और कहानी https://vishwavarta.com/jhansi-medical-college-fire-another-story-of-negligence/112053 Sat, 16 Nov 2024 17:35:01 +0000 https://vishwavarta.com/?p=112053 “झांसी मेडिकल कॉलेज में फायर सिलेंडर एक्सपायर होने से आग पर काबू पाने में नाकामी। वाराणसी में ऑक्सीजन की कमी, गोरखपुर में एंबुलेंस की अनुपलब्धता और लखनऊ में हड़ताल ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली उजागर की।” मनोज शुक्ल उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड ने प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को …

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“झांसी मेडिकल कॉलेज में फायर सिलेंडर एक्सपायर होने से आग पर काबू पाने में नाकामी। वाराणसी में ऑक्सीजन की कमी, गोरखपुर में एंबुलेंस की अनुपलब्धता और लखनऊ में हड़ताल ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली उजागर की।”

उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड ने प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया है। प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि मेडिकल कॉलेज परिसर में सुरक्षा के लिए लगाए गए फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो चुके थे। यह घटना सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और लापरवाही की श्रृंखला में एक और कड़ी जोड़ती है।

झांसी मेडिकल कॉलेज में पिछले हफ्ते एक वार्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। आग तेजी से फैलने लगी, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षा उपकरण काम नहीं आए। मरीजों और स्टाफ को बचाने के लिए आनन-फानन में उन्हें वार्ड से बाहर निकाला गया। यदि आग पर तुरंत काबू नहीं पाया जाता, तो यह बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।

कॉलेज परिसर में सुरक्षा के नाम पर फायर सिलेंडर तो लगाए गए थे, लेकिन जांच में पता चला कि अधिकांश सिलेंडर एक्सपायर हो चुके थे।

अग्निशमन विभाग ने पाया कि सिलेंडरों की आखिरी जांच करीब दो साल पहले हुई थी। नियम के अनुसार, फायर सिलेंडरों की हर छह महीने में जांच होनी चाहिए।

वाराणसी के एक जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पाइपलाइन में लीकेज के कारण ICU के दो मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने इसे “तकनीकी खामी” कहकर पल्ला झाड़ लिया। परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन सप्लाई की नियमित जांच नहीं हुई थी।

गोरखपुर में एक नवजात की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। परिजन बच्चे को निजी वाहन से दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिल सका।

लखनऊ के सरकारी अस्पताल में पिछले हफ्ते नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की हड़ताल के कारण इलाज नहीं मिलने से तीन मरीजों की मौत हो गई।

कानपुर के हैलट अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन पिछले तीन हफ्तों से खराब थी। मरीजों को निजी क्लिनिक जाने को मजबूर होना पड़ा, जहां इलाज महंगा था।

इन घटनाओं से स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का सीधा असर मरीजों और उनके परिजनों पर पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का हाल बुनियादी स्तर पर भी चिंताजनक है। फायर सेफ्टी उपकरणों से लेकर ऑक्सीजन सप्लाई और अन्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तक, हर जगह लापरवाही दिखाई देती है।

इन घटनाओं ने सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में बुनियादी सुरक्षा उपकरणों की अनदेखी और मेंटेनेंस की कमी बड़े हादसों को निमंत्रण देती है।

“सरकारी संस्थानों में फायर सेफ्टी, ऑक्सीजन सप्लाई और एंबुलेंस सेवाओं का नियमित ऑडिट होना चाहिए। इसके अलावा, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।”

  • फायर सेफ्टी एक्ट 2005 के तहत हर सरकारी और निजी संस्थान में फायर उपकरणों की नियमित जांच और रखरखाव अनिवार्य है।
  • क्लिनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010 के अनुसार, अस्पतालों को सभी आवश्यक सुविधाओं को सुचारू रखना अनिवार्य है।

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झांसी अग्निकांड: जांच रिपोर्ट 7 दिन में सरकार को सौंपेगी कमेटी https://vishwavarta.com/jhansi-accident-panel-of-4-doctors-formed-for-investigation/112035 Sat, 16 Nov 2024 15:31:21 +0000 https://vishwavarta.com/?p=112035 “झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक अग्निकांड में 10 मासूमों की जान गई। हादसे की जांच के लिए 4 डॉक्टरों की पैनल गठित की गई है। रिपोर्ट 7 दिनों में सरकार को सौंपी जाएगी।” लखनऊ। उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे …

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“झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक अग्निकांड में 10 मासूमों की जान गई। हादसे की जांच के लिए 4 डॉक्टरों की पैनल गठित की गई है। रिपोर्ट 7 दिनों में सरकार को सौंपी जाएगी।”

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में अब तक 10 मासूम बच्चों की जान जा चुकी है। इनमें से तीन बच्चों की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है।

हादसे के कारणों की जांच के लिए 4 डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई है। इस पैनल में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा निदेशक, अपर निर्देशक, महानिदेशक और अग्निशमन विभाग के अधिकारी शामिल हैं। कमेटी को 7 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है।

इस अग्निकांड ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिजनों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को हादसे का कारण माना जा रहा है। हालांकि, विस्तृत जांच के बाद ही असल वजह सामने आ पाएगी।

राज्य सरकार ने घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य शुरू करने और दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा की गई है।

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