संयुक्त राष्ट्र में भारत का आतंकवाद को परास्त करने के लिए वैश्विक सहयोग पर जोर Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/संयुक्त-राष्ट्र-में-भारत National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Sat, 13 Oct 2018 07:23:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png संयुक्त राष्ट्र में भारत का आतंकवाद को परास्त करने के लिए वैश्विक सहयोग पर जोर Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/संयुक्त-राष्ट्र-में-भारत 32 32 संयुक्त राष्ट्र में भारत की बड़ी जीत, मानवाधिकार परिषद में 188 वोट https://vishwavarta.com/%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4-2/97706 Sat, 13 Oct 2018 07:23:12 +0000 http://vishwavarta.com/?p=97706  भारत संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था में तीन साल के लिए शुक्रवार को चुना गया. उसका कार्यकाल पहली जनवरी, 2019 से शुरू होगा. उसे एशिया-प्रशांत श्रेणी में 188 वोट मिले हैं. सभी उम्मीदवारों में उसे सबसे अधिक वोट प्राप्त हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने यहां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) …

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 भारत संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था में तीन साल के लिए शुक्रवार को चुना गया. उसका कार्यकाल पहली जनवरी, 2019 से शुरू होगा. उसे एशिया-प्रशांत श्रेणी में 188 वोट मिले हैं. सभी उम्मीदवारों में उसे सबसे अधिक वोट प्राप्त हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने यहां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के नए सदस्यों के लिए चुनाव किया. गुप्त मतदान के जरिए कुल 18 नए सदस्य पूर्ण बहुमत से चुने गए हैं. देशों को परिषद में निर्वाचित होने के लिए कम से कम 97 वोटों की जरूरत होती है.

भारत एशिया प्रशांत श्रेणी में एक सीट के लिए प्रयासरत था. भारत के साथ बहरीन, बांग्लादेश, फिजी और फिलीपिन भी ने इसी श्रेणी से सदस्यता के लिए दावा किया था. यह देखते हुए कि एशिया प्रशांत श्रेणी से पांच सीटों के लिए पांच देश चुनाव मैदान में हैं, भारत का निर्वाचन करीब-करीब पक्का था. भारत की इस कामयाबी पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बधाई दी है.

नए निर्वाचित सदस्‍य देशों का कार्यकाल 3 साल का होगा. इन सभी देशों का कार्यकाल 1 जनवरी 2019 से शुरू होगा. भारत इससे पहले मानवाधिकार परिषद के लिए 2011 से लेकर 2014 तक और इसके बाद 2014 से लेकर 2017 के लिए चुना जा चुका है. इस परिषद में भारत का पिछला कार्यकाल 31 दिसंबर 2017 को खत्‍म हुआ था. अगर नियमों के हिसाब से देखें तो भारत उसी सीट के लिए नहीं चुना जा सकता था. वह इस सीट के लिए लगातार 2 बार चुना जा चुका था.

इस निर्वाचन के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि सर्वाधिक मतों से भारत की जीत अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की साख को परिलक्षित करती है. उन्होंने भारत के पक्ष में मतदान करने वालों को धन्यवाद दिया.

2006 में हुआ था मानवाधिकार परिषद का गठन
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का गठन 1996 में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने किया था. इसका मुख्य उद्देश्य मानवाधिकार के मुद्दों से निपटना था. इस परिषद में 47 सदस्‍य होते हैं. ह्यूमन राइट काउंसिल की सीटों को 5 क्षेत्रीय समूहों में बांटा गया है. 

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संयुक्त राष्ट्र में भारत का आतंकवाद को परास्त करने के लिए वैश्विक सहयोग पर जोर https://vishwavarta.com/%e0%a4%b8%e0%a4%82%e0%a4%af%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a4/91810 Sun, 01 Jul 2018 08:11:13 +0000 http://www.vishwavarta.com/?p=91810 भारत ने आतंकवाद की समस्या की ओर एक बार फिर विश्व बिरादरी का ध्यान खींचा है। संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद से प्रताडि़त हो रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समर्थन, सूचनाओं की साझेदारी और प्रत्यर्पण के अभाव में आतंकी घटनाओं के आरोपी अन्य देशों में छिपे हुए हैं। जाहिर है भारत …

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भारत ने आतंकवाद की समस्या की ओर एक बार फिर विश्व बिरादरी का ध्यान खींचा है। संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद से प्रताडि़त हो रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समर्थन, सूचनाओं की साझेदारी और प्रत्यर्पण के अभाव में आतंकी घटनाओं के आरोपी अन्य देशों में छिपे हुए हैं। जाहिर है भारत के निशाने पर आतंकियों की पनाहगाह बना पाकिस्तान था। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने राष्ट्रों से साथ मिलकर आतंकवाद के दैत्य से लड़ने और उसे परास्त करने का आह्वान किया।भारत ने आतंकवाद की समस्या की ओर एक बार फिर विश्व बिरादरी का ध्यान खींचा है। संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद से प्रताडि़त हो रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समर्थन, सूचनाओं की साझेदारी और प्रत्यर्पण के अभाव में आतंकी घटनाओं के आरोपी अन्य देशों में छिपे हुए हैं। जाहिर है भारत के निशाने पर आतंकियों की पनाहगाह बना पाकिस्तान था। सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने राष्ट्रों से साथ मिलकर आतंकवाद के दैत्य से लड़ने और उसे परास्त करने का आह्वान किया।  आतंकवाद निरोधी एजेंसियों के प्रमुखों के संयुक्त राष्ट्र में हुए सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्रालय आंतरिक सुरक्षा मामलों की विशेष सचिव रीना मित्रा ने चेतावनी दी कि इस माहौल में कोई भी देश आतंकी वारदातों से खुद को सुरक्षित नहीं रख सकता।  उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन सीमाओं से पार जाकर मनमाने तरीके से अपनी कार्रवाई कर रहे हैं। वे अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं, तमाम तरीकों से धन एकत्रित कर रहे हैं, घृणा की मानसिकता फैला रहे हैं, विदेशों में अपने सदस्यों की भर्ती कर रहे हैं, उन्हें हथियार और संचार के नए उपकरण व तरीके उपलब्ध करा रहे हैं।   भारत ने पाक पर साधा निशाना, कहा- अफगानिस्तान पर पड़ोस से किए जाते हैं हमले यह भी पढ़ें आतंकी संगठन वारदात के लिए अपनी पसंद से देश और उनमें लक्ष्यों को चुन रहे हैं। इस तरह वे तमाम निर्दोष लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि दुनिया के देशों ने उनके खिलाफ हाथ नहीं मिलाए हैं, सहयोग स्थापित नहीं किया है। कई स्थानों पर उनके पड़ोसी आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान मुहैया करा रहे हैं। ऐसे देश अपने राजनीतिक और रणनीतिक स्वार्थो के लिए आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत इन्हीं कारणों से आतंकवाद झेल रहा है।  संयुक्त राष्ट्र में पहली बार आतंकवाद से निपटने के लिए उच्चस्तरीय सम्मेलन आयोजित हुआ है। भारत इसके लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा था।

आतंकवाद निरोधी एजेंसियों के प्रमुखों के संयुक्त राष्ट्र में हुए सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्रालय आंतरिक सुरक्षा मामलों की विशेष सचिव रीना मित्रा ने चेतावनी दी कि इस माहौल में कोई भी देश आतंकी वारदातों से खुद को सुरक्षित नहीं रख सकता।

उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन सीमाओं से पार जाकर मनमाने तरीके से अपनी कार्रवाई कर रहे हैं। वे अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं, तमाम तरीकों से धन एकत्रित कर रहे हैं, घृणा की मानसिकता फैला रहे हैं, विदेशों में अपने सदस्यों की भर्ती कर रहे हैं, उन्हें हथियार और संचार के नए उपकरण व तरीके उपलब्ध करा रहे हैं।

आतंकी संगठन वारदात के लिए अपनी पसंद से देश और उनमें लक्ष्यों को चुन रहे हैं। इस तरह वे तमाम निर्दोष लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि दुनिया के देशों ने उनके खिलाफ हाथ नहीं मिलाए हैं, सहयोग स्थापित नहीं किया है। कई स्थानों पर उनके पड़ोसी आतंकियों का समर्थन कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान मुहैया करा रहे हैं। ऐसे देश अपने राजनीतिक और रणनीतिक स्वार्थो के लिए आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत इन्हीं कारणों से आतंकवाद झेल रहा है।

संयुक्त राष्ट्र में पहली बार आतंकवाद से निपटने के लिए उच्चस्तरीय सम्मेलन आयोजित हुआ है। भारत इसके लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा था। 

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