सरयू पार मस्जिद का प्रस्ताव मान लें Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/सरयू-पार-मस्जिद-का-प्रस्त National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Wed, 22 Mar 2017 18:44:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png सरयू पार मस्जिद का प्रस्ताव मान लें Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/सरयू-पार-मस्जिद-का-प्रस्त 32 32 सरयू पार मस्जिद का प्रस्ताव मान लें, नहीं तो बनेगा मंदिर के लिए कानून https://vishwavarta.com/%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%af%e0%a5%82-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4/87233 Wed, 22 Mar 2017 18:44:27 +0000 http://www.vishwavarta.com/?p=87233 नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर विवाद को सभी पक्षों को आपस में मिलकर सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को कहा कि मुस्लिम समुदाय को सरयू नदी के पार मस्जिद निर्माण के प्रस्ताव को मान लेना …

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नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर विवाद को सभी पक्षों को आपस में मिलकर सुलझाने के सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को कहा कि मुस्लिम समुदाय को सरयू नदी के पार मस्जिद निर्माण के प्रस्ताव को मान लेना चाहिए।

स्वामी ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि मुस्लिम समुदाय को मस्जिद के बारे में दिए गए प्रस्ताव को मान लेना चाहिए, नहीं तो जब उनकी पार्टी 2018 में राज्यसभा में बहुमत में आएगी तो राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाएगी। स्वामी ने कहा कि 1994 में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में जिस हिस्से को राम जन्मभूमि माना था, वहां पर पहले से ही एक अस्थायी रामलला का मंदिर है। वहां पर पूजा-अर्चना भी होती है। उन्होंने कहा कि क्या कोई इसे नष्ट करने की हिमाकत कर सकता है?

हालांकि इस विवाद में अदालत में लम्बे अरसे से मुसलमानों का पक्ष रखने वाले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट अगर मध्यस्थता करने की पहल करता है तो इसके लिए मुस्लिम पक्ष पूरी तरह तैयार है, मगर किसी बाहरी व्यक्ति की मध्यस्थता स्वीकार नहीं होगी।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए अयोध्या में राम मंदिर विवाद का कोर्ट के बाहर निपटारा करने पर जोर दिया। कोर्ट ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्ष मिलकर बैठें और आम राय बनाकर मामले को सुलझाएं। अगर इस मामले पर होने वाली बातचीत नाकाम रहती है तो हम दखल देंगे। मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जहां विवाद को खत्म करने के लिए सभी पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए। इसके बाद पीठ ने सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि वे दोनों पक्षों से सलाह करें और 31 मार्च तक फैसले के बारे में सूचित करें। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की।

स्वामी ने कहा कि इस मामले में अपीलें दायर हुए छह साल से भी ज्यादा समय हो गया है और इस पर जल्द से जल्द सुनवाई किए जाने की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने कहा, ‘सर्वसम्मति से किसी समाधान पर पहुंचने के लिए आप नए सिरे से प्रयास कर सकते हैं। यदि दोनों पक्ष चाहते हैं कि मैं उनके द्वारा चुने गए मध्यस्थों के साथ बैठूं तो मैं तैयार हूं। यहां तक कि इसके लिए मेरे साथी जजों की भी सेवाएं ली जा सकती हैं।’

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