सुप्रीम कोर्ट ट्रिपल तलाक पर सख्त Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/सुप्रीम-कोर्ट-ट्रिपल-तला National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Thu, 30 Mar 2017 15:31:09 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png सुप्रीम कोर्ट ट्रिपल तलाक पर सख्त Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/सुप्रीम-कोर्ट-ट्रिपल-तला 32 32 सुप्रीम कोर्ट ट्रिपल तलाक पर गंभीर, कहा- 11 मई से प्रतिदिन होगी सुनवाई https://vishwavarta.com/%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae-%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9f-%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%aa%e0%a4%b2-%e0%a4%a4%e0%a4%b2%e0%a4%be/87825 Thu, 30 Mar 2017 15:31:09 +0000 http://www.vishwavarta.com/?p=87825 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक के मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए  कहा कि इसकी सुनवाई अब संवैधानिक पीठ करेगी। सुनवाई रोज होगी, ताकि मामले को जल्द से जल्द निपटाया जा सके। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामला बेहद महत्वपूर्ण है इस वजह से गर्मी की छुट्टियों में भी मामले की सुनवाई होगी। …

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक के मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए  कहा कि इसकी सुनवाई अब संवैधानिक पीठ करेगी। सुनवाई रोज होगी, ताकि मामले को जल्द से जल्द निपटाया जा सके।

शीर्ष अदालत ने कहा कि मामला बेहद महत्वपूर्ण है इस वजह से गर्मी की छुट्टियों में भी मामले की सुनवाई होगी। अदालत ने अटॉर्नी जनरल की आपत्ति पर यह टिप्पणी की।

जनरल ने कहा था कि गर्मी की छुट्टियों से पहले इस मामले की सुनवाई हो जानी चाहिए। कुछ लोग गर्मी की छुट्टियों में सुनवाई के खिलाफ थे, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जब हम छुट्टियों में काम कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं। जिसके बाद कोर्ट ने 11 मई की तारीख तय की।

AIMPLB की राय में मुस्लिमों की धार्मिक रिवायतों पर दायर याचिकाएं निजी पक्ष के खिलाफ मूलभूत अधिकारों को लागू करवाने की कोशिश है। लेकिन संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 में दिए गए संवैधानिक अधिकार विधायिका और कार्यपालिका के संदर्भ में लागू होते हैं।

बोर्ड का ये भी मानना है कि याचिका दायर करने वाले अनुच्छेद 32 के खिलाफ फैसला चाह रहे हैं। इस अनुच्छेद के मुताबिक, नागरिकों या निजी पक्षों के खिलाफ संवैधानिक अधिकारों का दावा नहीं किया जा सकता है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक, याचिकाओं में पेश तर्क मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों की गलत समझ पर आधारित हैं।

AIMPLB ने मांग की है कि तीन तलाक पर कानून में कोई भी बदलाव भारत की सांस्कृतिक विविधता और संबद्ध समुदायों की भावनाओं को ध्यान में रखकर होना चाहिए। दूसरे देशों में लागू बदलावों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में सोच-विचार के बाद ही लागू किया जाना चाहिए।

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