Allahabad High Court Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/allahabad-high-court National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Sat, 24 May 2025 08:37:01 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Allahabad High Court Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/allahabad-high-court 32 32 103 साल में मिला इंसाफ: 43 साल जेल में बिता चुके लखन हुए बाइज़्ज़त बरी https://vishwavarta.com/lakhan-43-saal-jail/120124 Sat, 24 May 2025 08:36:59 +0000 https://vishwavarta.com/?p=120124 भारत की न्याय व्यवस्था पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश की कौशांबी जेल से हाल ही में 103 वर्षीय लखन नामक बुजुर्ग रिहा हुए हैं। लखन को 1977 में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 1982 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। लेकिन लखन …

The post 103 साल में मिला इंसाफ: 43 साल जेल में बिता चुके लखन हुए बाइज़्ज़त बरी appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
भारत की न्याय व्यवस्था पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश की कौशांबी जेल से हाल ही में 103 वर्षीय लखन नामक बुजुर्ग रिहा हुए हैं। लखन को 1977 में हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 1982 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। लेकिन लखन 43 साल जेल में बंद रहे और अब, जब वह 103 वर्ष के हो चुके हैं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें बाइज़्ज़त बरी कर दिया है। इस घटना ने न केवल न्याय प्रणाली की धीमी गति, बल्कि गरीबों के लिए न्याय की पहुंच पर भी गहरा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

लखन ने 1982 में ही हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी थी। लेकिन इस अपील को निर्णायक मुकाम तक पहुंचने में पूरे 43 साल लग गए। इस दौरान वह जेल में ही रहे। सोचिए, एक निर्दोष व्यक्ति अपनी पूरी ज़िंदगी सलाखों के पीछे गुज़ार देता है, और जब न्याय मिलता है, तब शरीर जवाब देने लगता है। यह न्याय है या अन्याय — यह सवाल पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।

लखन की कहानी कोई इकलौती नहीं है। हमारे देश में न्यायिक प्रक्रिया इतनी धीमी और खर्चीली है कि आम आदमी के लिए यह किसी पहाड़ से कम नहीं। कोर्ट में मुकदमा लड़ने के लिए केवल सच्चाई काफी नहीं, पैसे और समय की भी उतनी ही ज़रूरत होती है। लखन जैसे हजारों लोग आज भी न्याय के इंतज़ार में जेलों में हैं, जो या तो गलत आरोपों के शिकार हुए या जिनकी सुनवाई समय पर नहीं हो सकी।

देश की अदालतें आम आदमी के लिए अंतिम उम्मीद होती हैं, लेकिन अगर वहां पहुंचना ही इतना मुश्किल हो जाए, तो न्याय अपने आप में एक विलासिता बन जाता है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ना गरीब आदमी के लिए लगभग असंभव है। बड़े-बड़े वकीलों की फीस, अदालत में तारीख़ों की लंबी कतार और सालों का इंतज़ार — यही है आज का भारतीय न्याय तंत्र।

हमारे देश के नीति-निर्माताओं, न्यायपालिका और सरकार को अब यह समझना होगा कि इंसाफ का मतलब केवल सजा या बरी करना नहीं होता — इंसाफ का मतलब यह भी होता है कि वह समय पर मिले। अन्यथा यह सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया बनकर रह जाती है, इंसाफ नहीं। लखन की ज़िंदगी इसी सच्चाई का जीता-जागता उदाहरण है।

The post 103 साल में मिला इंसाफ: 43 साल जेल में बिता चुके लखन हुए बाइज़्ज़त बरी appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
ब्रेकिंग: UP पुलिस भर्ती में अनफिट अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत https://vishwavarta.com/up-pulice-bharti-unfit-abhyarthi/119982 Wed, 21 May 2025 10:55:12 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119982 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP पुलिस भर्ती 2018 में फिजिकल टेस्ट में अनफिट करार दिए गए अभ्यर्थियों के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। UP पुलिस भर्ती प्रक्रिया के तहत अनफिट पाए गए उम्मीदवारों को अब दोबारा मेडिकल जांच का अवसर मिलेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि इन अभ्यर्थियों की पुनः चिकित्सा …

The post ब्रेकिंग: UP पुलिस भर्ती में अनफिट अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP पुलिस भर्ती 2018 में फिजिकल टेस्ट में अनफिट करार दिए गए अभ्यर्थियों के पक्ष में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। UP पुलिस भर्ती प्रक्रिया के तहत अनफिट पाए गए उम्मीदवारों को अब दोबारा मेडिकल जांच का अवसर मिलेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि इन अभ्यर्थियों की पुनः चिकित्सा जांच कराई जाए और रिपोर्ट के आधार पर नियुक्ति पर विचार किया जाए।

याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि उनका फिजिकल टेस्ट बिना समुचित आधार के अनफिट घोषित कर दिया गया, जिससे वे आगे की भर्ती प्रक्रिया से वंचित रह गए। इस पर न्यायालय ने कहा कि यदि कोई अभ्यर्थी शारीरिक रूप से अयोग्य घोषित होता है, तो उसके पास दोबारा जांच का अवसर होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल अंतिम परिणाम जारी हो जाने से पूर्व की प्रक्रियाओं की समीक्षा नहीं रोकी जा सकती।

राज्य सरकार की तरफ से यह तर्क दिया गया कि 13 मार्च 2025 को भर्ती प्रक्रिया का अंतिम परिणाम घोषित किया जा चुका है और नियुक्तियाँ भी प्रारंभ हो चुकी हैं। ऐसे में पुनर्मूल्यांकन से चयनित अभ्यर्थियों के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।

लेकिन कोर्ट ने साफ किया कि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आवश्यक है। यदि कोई अभ्यर्थी वास्तविक रूप से पात्र है और तकनीकी या त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन के कारण चयन से वंचित हो गया, तो उसे न्याय का अवसर अवश्य मिलना चाहिए।

इस फैसले से उन हजारों युवाओं को राहत मिली है, जिन्हें बिना ठोस आधार के अनफिट घोषित किया गया था। अब उनके पास एक और मौका है अपनी योग्यता साबित करने का। यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में भी एक अहम कदम माना जा रहा है।

The post ब्रेकिंग: UP पुलिस भर्ती में अनफिट अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: बेटियों को पढ़ाई का खर्च लेने का कानूनी अधिकार https://vishwavarta.com/legal-right-of-daughters-to-bear-the-expenses-of-education/118077 Fri, 10 Jan 2025 11:43:45 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118077 “सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि बेटियां अपने माता-पिता से शिक्षा का खर्च मांग सकती हैं। कोर्ट ने माता-पिता को कानूनी रूप से बाध्य किया कि वे अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार अपनी बेटी की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए जिम्मेदार होंगे।” नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही …

The post सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: बेटियों को पढ़ाई का खर्च लेने का कानूनी अधिकार appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि बेटियां अपने माता-पिता से शिक्षा का खर्च मांग सकती हैं। कोर्ट ने माता-पिता को कानूनी रूप से बाध्य किया कि वे अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार अपनी बेटी की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए जिम्मेदार होंगे।”

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि बेटियों को अपनी पढ़ाई के लिए माता-पिता से खर्च मांगने का कानूनी अधिकार है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि आवश्यकता हो, तो बेटियां अपने माता-पिता को इस खर्च को देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य कर सकती हैं। कोर्ट का यह आदेश माता-पिता की आर्थिक स्थिति के आधार पर लागू होगा, यानी वे अपनी वित्तीय हैसियत के अनुरूप बेटी की पढ़ाई का खर्च देंगे।

यह फैसला तलाक से जुड़े एक मामले में आया, जहां एक दंपत्ति 26 साल से अलग रह रहे थे और उनकी बेटी विदेश में अपनी शिक्षा प्राप्त कर रही थी। लड़की ने अपनी मां को दिए गए गुजारा भत्ते के हिस्से के रूप में पिता से 43 लाख रुपये लेने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले में कहा कि बेटी को अपनी शिक्षा जारी रखने का मौलिक अधिकार है, और इसके लिए माता-पिता को कानूनी रूप से बाध्य किया जा सकता है।

अदालत ने यह भी माना कि बेटी ने अपनी गरिमा बनाए रखते हुए पैसे को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वह अपने पिता से इस राशि को वापस लेना चाहती थी, लेकिन पिता ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बेटी को यह राशि प्राप्त करने का पूरा अधिकार है, और पिता ने बिना किसी कारण के इस राशि को दिया, जिससे यह साबित होता है कि वह अपनी बेटी की शिक्षा के लिए वित्तीय रूप से सक्षम हैं।

इस मामले में 28 नवंबर 2024 को पति और पत्नी के बीच 73 लाख रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें 43 लाख रुपये बेटी की पढ़ाई के लिए थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि पत्नी को 30 लाख रुपये मिल चुके हैं और दोनों पक्ष 26 साल से अलग रह रहे हैं, इसलिये तलाक का आदेश दिया गया।

The post सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: बेटियों को पढ़ाई का खर्च लेने का कानूनी अधिकार appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
DGP प्रशांत कुमार हाईकोर्ट में पेश, गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश https://vishwavarta.com/dgp-prashant-appears-in-high-court-strict-instructions-regarding-presence-of-witnesses/118039 Fri, 10 Jan 2025 09:16:18 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118039 “उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए और हलफनामा देकर आदेशों के अनुपालन की जानकारी दी। न्यायालय ने समन आदेशों की अनदेखी पर नाराजगी जताई और गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।” प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार पेश हुए। अदालत ने एक …

The post DGP प्रशांत कुमार हाईकोर्ट में पेश, गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए और हलफनामा देकर आदेशों के अनुपालन की जानकारी दी। न्यायालय ने समन आदेशों की अनदेखी पर नाराजगी जताई और गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।”

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार पेश हुए। अदालत ने एक आपराधिक मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई थी। इस संदर्भ में डीजीपी ने हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन कर लिया गया है और गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।

यह मामला महेश की जमानत याचिका से संबंधित है, जिसमें अदालत ने पाया था कि ट्रायल कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से गवाहों की सूची प्रस्तुत नहीं की गई थी। इस वजह से जमानत आवेदनों के त्वरित निस्तारण में देरी हो रही थी।

न्यायालय ने पाया कि केस डायरियां लंबी होने के कारण सरकारी वकीलों को उनका अध्ययन करने में काफी समय लगता है, जिससे जमानत याचिकाओं की सुनवाई में देरी हो रही है। साथ ही, समन आदेशों का पालन करते हुए गवाहों को प्रस्तुत करने में पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई।

न्यायालय ने आदेश दिया था कि संबंधित जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाए और पुलिस विभाग के विभिन्न विभाग आपस में समन्वय स्थापित करें। डीजीपी ने हलफनामे में बताया कि सभी निर्देशों का पालन किया गया है।

न्यायमूर्ति अजय भनोट ने पुलिस की खामियों पर खेद जताते हुए कहा कि समन आदेशों का पालन न करने और गवाहों की अनुपस्थिति के कारण न्याय प्रक्रिया बाधित हो रही है। न्यायालय ने राज्य सरकार और पुलिस विभाग को आदेश दिया कि वे सभी विभागों के साथ बैठक कर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करें।

अदालत ने अगली सुनवाई के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें बैठक के निष्कर्ष और अनुपालन की स्थिति शामिल होगी।

The post DGP प्रशांत कुमार हाईकोर्ट में पेश, गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई के निर्देश दिए, लिस्टिंग पर गंभीर सवाल https://vishwavarta.com/supreme-court-directs-allahabad-high-court-for-early-hearing-serious-questions-on-listing/117987 Fri, 10 Jan 2025 06:38:18 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117987 “सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की केस लिस्टिंग व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की और अब्बास अंसारी के मामले में राहत देते हुए हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई का आदेश दिया।” नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की केस लिस्टिंग व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की …

The post सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई के निर्देश दिए, लिस्टिंग पर गंभीर सवाल appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की केस लिस्टिंग व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की और अब्बास अंसारी के मामले में राहत देते हुए हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई का आदेश दिया।”

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की केस लिस्टिंग व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लिस्टिंग व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, और यह एक ऐसी स्थिति बन गई है जहां कोई नहीं जानता कि कौन सा केस कब सुनवाई के लिए आएगा। इस बारे में पीठ ने पहले भी न्यायाधीशों और रजिस्ट्रार के साथ चर्चा की थी, लेकिन हालात में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही।

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस लिस्टिंग की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यवस्था पर चिंता जताई और कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है।
  • इस पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी कहा कि स्थिति काफी खराब है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई के निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को लखनऊ के जियामऊ विवादित जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द सुनवाई की जाए और इस दौरान कोई भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाएगा।

The post सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई के निर्देश दिए, लिस्टिंग पर गंभीर सवाल appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
पुलिस रेडियो ऑपरेटर भर्ती रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश https://vishwavarta.com/breaking-police-radio-operator-recruitment-cancelled/117822 Thu, 09 Jan 2025 05:13:45 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117822 “इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस रेडियो ऑपरेटर भर्ती को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने भर्ती परीक्षा के आर्हता मानकों में बदलाव को अवैध करार दिया। नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। पढ़ें पूरी खबर।” लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों पर भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। …

The post पुलिस रेडियो ऑपरेटर भर्ती रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस रेडियो ऑपरेटर भर्ती को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने भर्ती परीक्षा के आर्हता मानकों में बदलाव को अवैध करार दिया। नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। पढ़ें पूरी खबर।”

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों पर भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रेडियो ऑपरेटर भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है। इस भर्ती परीक्षा में 40,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भर्ती परीक्षाओं के आर्हता मानकों में बदलाव करने का अधिकार नहीं है।

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आर्हता मानकों में बदलाव करने का अधिकार केवल राज्य सरकार को है, न कि भर्ती बोर्ड को। इस फैसले के बाद, पुलिस भर्ती बोर्ड को आदेश दिया गया है कि वह इस भर्ती प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करे।

अब इस भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाएगा, और नये दिशा-निर्देशों के तहत परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह भर्ती उन 936 पदों के लिए होनी थी, जो यूपी पुलिस रेडियो ऑपरेटर के लिए निर्धारित किए गए थे।

कोर्ट के फैसले ने उन 40,000 अभ्यर्थियों को निराश किया है, जिन्होंने इस परीक्षा के लिए आवेदन किया था। अब इन सभी को फिर से भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत का इंतजार करना होगा। हालांकि, एक बार फिर से पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित मानकों का पालन किया जाएगा।

The post पुलिस रेडियो ऑपरेटर भर्ती रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
संभल हिंसा: सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क पहुंचे HC, 2 जनवरी को सुनवाई https://vishwavarta.com/sambhal-violence-sp-mp-zia-ur-rehman-burke-reaches-hc-hearing-on-january-2/116036 Mon, 23 Dec 2024 16:52:02 +0000 https://vishwavarta.com/?p=116036 “संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है। सांसद ने कोर्ट से राहत की मांग की है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की गई है।” लखनऊ। संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट …

The post संभल हिंसा: सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क पहुंचे HC, 2 जनवरी को सुनवाई appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है। सांसद ने कोर्ट से राहत की मांग की है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की गई है।”

लखनऊ। संभल हिंसा मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सांसद ने अदालत से राहत की गुहार लगाई है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की है।

यह मामला हाल ही में संभल जिले में हुई हिंसा से जुड़ा है, जिसमें कुछ लोगों की जान गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने इस मामले में सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद पर हिंसा भड़काने और भीड़ को उकसाने का आरोप है।

सांसद बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर खुद पर लगे आरोपों को खारिज करने और गिरफ्तारी से राहत देने की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।

सांसद ने अपने वकील के जरिए अदालत से कहा कि वह निर्दोष हैं और हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं है। बर्क ने पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए और इसे पक्षपातपूर्ण करार दिया।

संभल पुलिस का कहना है कि उनके पास सांसद के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और वह मामले की जांच निष्पक्षता से कर रही है। पुलिस ने सांसद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए 2 जनवरी को मामले की सुनवाई की तारीख तय की है। अब यह देखना होगा कि अदालत सांसद की याचिका पर क्या फैसला सुनाती है।

The post संभल हिंसा: सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क पहुंचे HC, 2 जनवरी को सुनवाई appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
लखनऊ: विधायकी आई खतरे में,कोर्ट ने दिए अलग-अलग फैसले?जानें मामला https://vishwavarta.com/lucknow-legislature-is-in-danger-court-gave-different-decisions-know-the-matter/115737 Fri, 20 Dec 2024 15:55:31 +0000 https://vishwavarta.com/?p=115737 “इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विधायक अभय सिंह पर हत्या के प्रयास के मामले में अलग-अलग फैसले सुनाए। जस्टिस मसूदी ने उन्हें तीन वर्ष की सजा दी, जबकि जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने उन्हें बरी किया। अब इस मामले को चीफ जस्टिस की बेंच में भेजा जाएगा, जिससे विधायक पद का भविष्य भी तय होगा।” …

The post लखनऊ: विधायकी आई खतरे में,कोर्ट ने दिए अलग-अलग फैसले?जानें मामला appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विधायक अभय सिंह पर हत्या के प्रयास के मामले में अलग-अलग फैसले सुनाए। जस्टिस मसूदी ने उन्हें तीन वर्ष की सजा दी, जबकि जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने उन्हें बरी किया। अब इस मामले को चीफ जस्टिस की बेंच में भेजा जाएगा, जिससे विधायक पद का भविष्य भी तय होगा।”

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में गोसाईगंज के समाजवादी पार्टी के बागी विधायक अभय सिंह पर हत्या के प्रयास के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। इस मामले में दो जजों ने अलग-अलग फैसले दिए हैं। जस्टिस मसूदी ने विधायक अभय सिंह को तीन साल की सजा सुनाई, जबकि जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने उन्हें बरी करने का फैसला सुनाया।

विधायक अभय सिंह के खिलाफ 2010 में गोसाईगंज, अयोध्या में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को खत्म हुई, जिसमें दोनों जजों ने अलग-अलग निर्णय दिए। अब दोनों जजों के अलग-अलग आदेश के कारण यह मामला चीफ जस्टिस की बेंच में भेजा जाएगा, जहां अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

यदि जस्टिस मसूदी का निर्णय कायम रहता है और विधायक अभय सिंह को तीन वर्ष की सजा होती है, तो उनका विधायक पद खत्म हो सकता है। इस बीच, इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया पर निगाहें टिकी हुई हैं।

The post लखनऊ: विधायकी आई खतरे में,कोर्ट ने दिए अलग-अलग फैसले?जानें मामला appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
लखनऊ हाईकोर्ट: राहुल गांधी की नागरिकता मामले में मार्च में होगी सुनवाई https://vishwavarta.com/lucknow-high-court-hearing-in-rahul-gandhis-citizenship-case-will-be-held-in-march/115633 Thu, 19 Dec 2024 12:38:32 +0000 https://vishwavarta.com/?p=115633 “राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने गृह मंत्रालय से 8 सप्ताह का समय मांगा और मामले की अगली सुनवाई मार्च में तय की। याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर दस्तावेज पेश किए हैं।” लखनऊ। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की …

The post लखनऊ हाईकोर्ट: राहुल गांधी की नागरिकता मामले में मार्च में होगी सुनवाई appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने गृह मंत्रालय से 8 सप्ताह का समय मांगा और मामले की अगली सुनवाई मार्च में तय की। याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की ब्रिटिश नागरिकता को लेकर दस्तावेज पेश किए हैं।”

लखनऊ। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 8 सप्ताह का समय दिया और अब सुनवाई अगले साल मार्च के पहले सप्ताह में होगी।

सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय ने कोर्ट से समय की मांग की और कहा कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार से पत्र लिखकर मामले की पूरी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि वे इस मामले में पूरी रिपोर्ट 8 सप्ताह में तैयार करके कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे।

याचिकाकर्ता कर्नाटक निवासी एस. विग्नेश शिशिर ने याचिका दायर कर दावा किया है कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं और उनकी भारतीय नागरिकता को रद्द किया जाना चाहिए। शिशिर ने ब्रिटिश सरकार से प्राप्त कुछ ईमेल और दस्तावेजों का हवाला दिया, जिनसे राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता का सबूत मिलता है।

कोर्ट ने गृह मंत्रालय से मामले की जांच पूरी करने के लिए 8 सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई के लिए मार्च 2024 का समय निर्धारित किया। इस मामले की सुनवाई ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और इस पर व्यापक चर्चा हो रही है।

The post लखनऊ हाईकोर्ट: राहुल गांधी की नागरिकता मामले में मार्च में होगी सुनवाई appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण https://vishwavarta.com/disposal-of-more-than-59-lakh-cases-in-national-lok-adalat-in-uttar-pradesh/115093 Sat, 14 Dec 2024 15:34:02 +0000 https://vishwavarta.com/?p=115093 “उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर 2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया। इसमें 52 लाख से अधिक प्री-लिटिगेशन व 7 लाख से अधिक लंबित वादों का समाधान हुआ। यह आयोजन उच्चतम न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में हुआ।” लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर …

The post उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर 2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया। इसमें 52 लाख से अधिक प्री-लिटिगेशन व 7 लाख से अधिक लंबित वादों का समाधान हुआ। यह आयोजन उच्चतम न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में हुआ।”

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 14 दिसंबर 2024 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण हुआ। इस आयोजन में माननीय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय, और माननीय न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की मार्गदर्शन में प्रदेशभर में वादों का समाधान किया गया।

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सायं 5:45 बजे तक कुल 59,29,805 मामलों का निस्तारण हुआ, जिसमें 52,25,359 प्री-लिटिगेशन वाद और 7,04,446 लंबित वाद शामिल हैं। यह निस्तारण प्रदेश के विभिन्न जिलों में किया गया।

यह आयोजन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उच्चतम प्राथमिकता से किया गया था, जिसमें पुलिस आयुक्तों, जिलाधिकारियों और शासकीय अधिवक्ताओं को अधिकतम वादों के निस्तारण के लिए निर्देश दिए गए थे।

माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता के कुशल निर्देशन में यह आयोजन न्यायिक प्रणाली की सक्रियता और प्रभावी कार्यवाही को प्रदर्शित करता है।

The post उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत में 59 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>