Atal Bihari Vajpayee political career Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/atal-bihari-vajpayee-political-career National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Wed, 25 Dec 2024 14:59:15 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Atal Bihari Vajpayee political career Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/atal-bihari-vajpayee-political-career 32 32 “मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूँ”: अटल बिहारी वाजपेयी https://vishwavarta.com/atal-bihari-vajpayee-a-man-of-the-era-of-indian-politics-and-a-source-of-inspiration-for-poetry/116252 Wed, 25 Dec 2024 14:59:14 +0000 https://vishwavarta.com/?p=116252 “अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएँ उनके संघर्ष, आदर्श और मानवीय दृष्टिकोण का प्रतिबिंब हैं। उनके साहित्यिक और राजनीतिक जीवन का सार उनकी कविताओं में समाहित हैं।“ भारतीय राजनीति के युगपुरुष और कविताओं के प्रेरणास्रोत विशेष – मनोज शुक्ल 16 अगस्त को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी असाधारण उपलब्धियों, व्यक्तित्व और साहित्यिक योगदान …

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अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएँ उनके संघर्ष, आदर्श और मानवीय दृष्टिकोण का प्रतिबिंब हैं। उनके साहित्यिक और राजनीतिक जीवन का सार उनकी कविताओं में समाहित हैं।

16 अगस्त को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी असाधारण उपलब्धियों, व्यक्तित्व और साहित्यिक योगदान को याद करना न केवल उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना है, बल्कि उनके विचारों को पुनर्जीवित करना भी है।

अटल जी भारतीय राजनीति के उन महानायकों में से एक थे, जिन्होंने अपनी सरलता, वाक्पटुता और राष्ट्रभक्ति से भारत के हर नागरिक के दिल में विशेष स्थान बनाया।

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक कवि और शिक्षक थे, जिनसे अटल जी को साहित्य और कविता के प्रति प्रेरणा मिली। अटल जी ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मीबाई कॉलेज) और कानपुर के डीएवी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की।

उन्होंने अपना राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से शुरू किया और बाद में भारतीय जनसंघ के प्रमुख नेताओं में से एक बने। 1980 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना के बाद, वे इसके संस्थापक सदस्य और प्रमुख नेताओं में शामिल हुए।

अटल जी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनकी पहली सरकार 1996 में केवल 13 दिनों के लिए बनी। 1998-1999 में उन्होंने 13 महीने तक देश की सेवा की, और फिर 1999-2004 तक पूर्ण कार्यकाल पूरा किया। उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण-2 परमाणु परीक्षण किया, जिसने भारत को एक सशक्त परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया।

उनकी विदेश नीति, खासकर पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते सुधारने की दिशा में, हमेशा उनकी दूरदृष्टि का परिचायक रही। “लाहौर बस यात्रा” और “अग्नि-मिशन” उनके शांतिप्रिय और प्रगतिशील दृष्टिकोण के उदाहरण हैं।

अटल जी न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक संवेदनशील कवि भी थे। उनकी कविताएं उनकी भावनाओं, विचारधारा और राष्ट्रभक्ति का सजीव प्रतिबिंब हैं। उनकी कविताओं में संघर्ष, आशा और आत्मविश्वास की झलक मिलती है।

उनकी प्रसिद्ध कविता हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” युवाओं को प्रेरणा देती है:

उनकी रचनाओं में मानवीय संवेदनाएं और समाज की समस्याओं को समाधान की दृष्टि से देखने की प्रवृत्ति झलकती है। उनकी पुस्तक “मेरी इक्यावन कविताएं” भारतीय साहित्य में अमूल्य योगदान है।

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के एक ऐसे अद्वितीय नायक थे, जिन्होंने अपने विचारों, कृतित्व और कविताओं से राष्ट्र को दिशा दी। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हमें उनके आदर्शों और दृष्टिकोण को अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करना चाहिए।

उनकी यह पंक्तियां हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं:

अटल जी का व्यक्तित्व, उनके कार्य और उनकी कविताएं आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगी।

उनकी कविता “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” उनके प्रधानमंत्री बनने और कार्यकाल के दौरान उनके अडिग संकल्प को दर्शाती है। पोखरण परमाणु परीक्षण के समय यह कविता उनकी सोच और निर्णय क्षमता का प्रमाण है।

यह पंक्तियाँ उनके साहस और बदलाव के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।

अटल जी का व्यक्तित्व उनकी इस कविता में झलकता है:

उनका जीवन राजनीति की जटिलताओं के बावजूद मानवीय संवेदनाओं से भरा हुआ था। उनके नेतृत्व में राजनीति का उद्देश्य मानवता की सेवा बन गया।

उनकी कविता “मौत से ठन गई” उनके निजी जीवन के संघर्ष और आत्मविश्वास का प्रतिबिंब है। यह उनके जीवन के अंतिम वर्षों में उनकी मानसिकता और शांति को दर्शाती है।

जीवन का अंतिम चरण

अटल जी ने जीवन के अंतिम वर्षों में राजनीति से दूर होकर आत्मचिंतन और लेखन को अपनाया। उनकी यह पंक्तियाँ उनके जीवन के सार को दर्शाती हैं:

यह उनके जीवन और मृत्यु के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।

उनकी यह पंक्तियाँ हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी:

अटल जी का जीवन, उनकी कविताओं के माध्यम से, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य प्रेरणा का स्रोत रहेगा

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