Eleven consecutive years giving milk heifer Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/eleven-consecutive-years-giving-milk-heifer National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Tue, 19 Jul 2016 10:24:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Eleven consecutive years giving milk heifer Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/eleven-consecutive-years-giving-milk-heifer 32 32 ग्यारह वर्षों से लगातार दूध दे रही बछिया https://vishwavarta.com/%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%b9-%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a6/53621 Tue, 19 Jul 2016 10:18:10 +0000 http://www.vishwavarta.com/?p=53621 छपरा। सतयुग की दैवीय गाय कामधेनु के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा । कलियुग में भी एक ऐसी गाय (बछिया) है, जिसे  कामधेनु कहा जा रहा है। यह 15 साल की है। एक भी बच्चा दिये बिना पिछले करीब 11 सालों से लगातार दोनों वक्त दूध दे रही है। गर्भ धारण नहीं करने …

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bachraछपरा। सतयुग की दैवीय गाय कामधेनु के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा । कलियुग में भी एक ऐसी गाय (बछिया) है, जिसे  कामधेनु कहा जा रहा है। यह 15 साल की है। एक भी बच्चा दिये बिना पिछले करीब 11 सालों से लगातार दोनों वक्त दूध दे रही है।

गर्भ धारण नहीं करने पर दूसरे को दी पर आ गई वापस-
यह असाधारण बछिया सारण जिला स्थित मढ़ौरा प्रखंड के पटेढ़ी बैज गांव के अधिवक्ता इंद्रदेव सिंह की है । उनकी ससुराल से छोटी बछिया 2001 में मिली थी। तब से वे काफी जतन से इसकी देखरेख करते आ रहे हैं । तीन-चार साल होने पर जब बछिया ने गर्भ धारण नहीं किया तो परिजनों के दबाव के चलते अधिवक्ता ने अधिया (बच्चा देने पर आधी-आधी कीमत) पर पालने के लिए बछिया किसी अन्य को दे दीए लेकिन वह नये पालक को परेशान करने लगी। कुछ दिनों में ही पालक ने बछिया को पालने में असमर्थता जता वापस कर दिया । एक दिन बछिया को खोलकर दूसरी जगह छोड़ दियाए लेकिन वह खुद वापस आ गई।

मसहां के मुवक्किल ने की श्कामधेनुश् की पहचान-
2005 में एक दिन वकील के यहां मसहां गांव के सरूप राय मुवक्किल के रूप में आये थे । उन्होंने बछिया का बड़ा व उभरा थन देखकर कहा कि यह तो दूध देगी । वकील ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि यह तो अब तक गाभिन (गर्भवती ही नहीं हुई हैए फिर कैसे दूध देगी) सरूप ने बछिया को दुहने की कोशिश की तो वह दूध देने लगी । उस दिन से दुहने का जो सिलसिला शुरू हुआए वह आज भी जारी है।

रोजाना खाती है एक किलो चीनीए दूध 5.6 लीटर-
अधिवक्ता पुत्र त्रिपुरारी सिंह ने बताया कि शुरू में दुहने में बछिया दिक्कत करती थी तो पिछौटा बांधकर दूध निकाला जाता था। दुहने के समय चोकर के साथ चीनी मिलाकर गाय के आगे भूसे में छिड़का जाता था। अब तो पिछौटा नहीं बांधना पड़ता हैए लेकिन चीनी अब भी दी जाती है। रोजाना एक किलो चीनी दी जाती है और केवल उनके पिता ही दूध दुहते हैं। दोनों जून मिलाकर पांच-छह लीटर दूध देती है। पौराणिक कथाओं में कामधेनु का वर्णन एक चमत्कारी गाय के रूप में है। इनका नाम सुरभि भी हैए जिन्हें सभी गाय प्रजाति की माता होने का दर्जा प्राप्त है। दैवीय शक्तियों से संपन्न कामधेनु का दूध अमृत के समान माना जाता था। यह दैवीय गाय स्वर्गलोक में रहती हैं। पौराणिक मान्यता यह भी है कि देवताओं और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक कामधेनु गाय थींए जिसे ब्रह्मवादी ऋषियों ने ग्रहण कर लिया था ।
डॉ परमानंद भारतीए पशु चिकित्सकए राजकीय अस्पतालए एकमा ने बताया कि दूध फॉर्मेशन वाले हार्मोन के असंतुलित होने से स्तनपायी जानवरों में ऐसी स्थिति आती है। कुंवारी बछिया ऐसी अवस्था में लंबे समय तक दूध दे सकती है। हालांकि इसके दूध के सेवन से कोई नुकसान नहीं होता ।

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