Justin Trudeau resignation Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/justin-trudeau-resignation National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Thu, 09 Jan 2025 03:39:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Justin Trudeau resignation Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/justin-trudeau-resignation 32 32 कनाडा में हिज्ब उत तहरीर का खलीफा कॉन्फ्रेंस: आतंकी मंसूबों का खुलासा https://vishwavarta.com/khalifa-conference-of-hizb-ut-tahrir-in-canada-terrorist-plans-revealed/117746 Thu, 09 Jan 2025 03:39:41 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117746 “कनाडा में हिज्ब उत तहरीर 18 जनवरी को खलीफा कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा। इस्लामिक खिलाफत और शरिया कानून लागू करने की मंशा से हो रहे इस आयोजन ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।” मिसिसॉगा, कनाडा: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, कनाडा में आतंकियों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। इस्लामिक आतंकी संगठन …

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“कनाडा में हिज्ब उत तहरीर 18 जनवरी को खलीफा कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा। इस्लामिक खिलाफत और शरिया कानून लागू करने की मंशा से हो रहे इस आयोजन ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।”

मिसिसॉगा, कनाडा: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद, कनाडा में आतंकियों की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। इस्लामिक आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर ने 18 जनवरी को मिसिसॉगा में खलीफा कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की घोषणा की है। यह सम्मेलन इस्लामिक खिलाफत की बहाली और शरिया कानून लागू करने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हो रहा है।

कनाडाई सांसद केविन व्योंग ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “ट्रूडो सरकार के समय में कनाडा आतंकियों के लिए स्वर्ग बन गया है।”

यह सम्मेलन कई विवादों को जन्म दे रहा है। खुफिया एजेंसियां इसे कनाडा की सुरक्षा के लिए खतरा मान रही हैं। इस बीच, कनाडाई जनता में इस कार्यक्रम को लेकर विरोध तेज़ हो रहा है।

हिज्ब उत तहरीर एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है जो दुनियाभर में इस्लामिक खिलाफत स्थापित करने और शरिया कानून लागू करने का लक्ष्य रखता है। इस संगठन की गतिविधियां कई देशों में प्रतिबंधित हैं, लेकिन कनाडा में अब तक इसे खुली छूट मिली हुई है।

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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: पार्टी दबाव और गिरती लोकप्रियता बनी वजह https://vishwavarta.com/canadian-pm-justin-trudeau-resigns/117617 Tue, 07 Jan 2025 05:24:20 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117617 “कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पार्टी दबाव और गिरती लोकप्रियता के कारण इस्तीफा दिया। जानिए, इसके पीछे की वजहें, राजनीतिक संकट और इसका भारत-कनाडा संबंधों पर संभावित प्रभाव।” कनाडा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार शाम पद और लिबरल पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया। उनका यह फैसला राजनीतिक दबाव, …

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“कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पार्टी दबाव और गिरती लोकप्रियता के कारण इस्तीफा दिया। जानिए, इसके पीछे की वजहें, राजनीतिक संकट और इसका भारत-कनाडा संबंधों पर संभावित प्रभाव।”

कनाडा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार शाम पद और लिबरल पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया। उनका यह फैसला राजनीतिक दबाव, गिरती लोकप्रियता और पार्टी के भीतर असंतोष के कारण लिया गया। उनका कार्यकाल 2025 तक था, लेकिन पार्टी के भीतर गहराते मतभेदों और बढ़ती आलोचना के चलते उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा।

प्रधानमंत्री बनने का सफर:

  • 2015 में प्रधानमंत्री बनने वाले जस्टिन ट्रूडो ने 2019 और 2021 में दोबारा चुनाव जीता।
  • उन्होंने प्रगतिशील नीतियों, समलैंगिक अधिकार, जलवायु परिवर्तन और शरणार्थियों के लिए उदार रुख अपनाया।
  • स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का विस्तार।
  • कार्बन टैक्स लागू कर पर्यावरण सुरक्षा के प्रयास।
  • शरणार्थियों और अप्रवासियों के लिए उदार नीति।

महंगाई:

कनाडा में महंगाई ने ऐतिहासिक स्तर को छू लिया। आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें और आवास संकट ने जनता को ट्रूडो सरकार के खिलाफ कर दिया।

  • अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और कट्टरपंथी ताकतों के उभरने ने सामाजिक असंतोष को बढ़ावा दिया।
  • कोविड-19 के दौरान लागू की गई सख्त पाबंदियों और आर्थिक असंतुलन ने उनकी लोकप्रियता को और गिरा दिया।
  • लिबरल पार्टी के 24 सांसदों ने सार्वजनिक रूप से ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की थी।

डिप्टी पीएम और वित्तमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

  • ट्रूडो पर वित्तीय नीतियों को लेकर कई सांसद असहमति जता रहे थे
  • ट्रूडो की लिबरल पार्टी 338 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में सिर्फ 153 सीटों के साथ अल्पमत में है।
  • सहयोगी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने समर्थन वापस ले लिया।

विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी और NDP ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की।

ट्रूडो के इस्तीफे के बाद पार्टी को एक मजबूत नेता की तलाश है। विदेश मंत्री मेलानी जोली और डोमिनिक लेब्लांक जैसे नाम चर्चा में हैं।

  • संसद का सत्र मार्च में शुरू होगा। लिबरल पार्टी को विश्वास मत का सामना करना पड़ सकता है।
  1. भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की संभावना:
  • ट्रूडो के खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरम रुख के कारण भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।
  • सत्ता परिवर्तन के बाद राजनयिक संबंधों में सुधार हो सकता है।
  1. वीजा नीति में बदलाव:
  • नई सरकार भारतीय नागरिकों के लिए वीजा नीति को सरल बना सकती है।
  • ट्रूडो सरकार के दौरान भारत से अप्रवासन में कमी आई थी।
  1. व्यापार और निवेश:
  • भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक समझौते पर फिर से चर्चा तेज हो सकती है।
  • कनाडा के प्राकृतिक संसाधनों और कृषि क्षेत्र में भारतीय निवेश बढ़ सकता है।

अल्पमत की सरकार:

लिबरल पार्टी को विश्वास मत जीतने के लिए नई रणनीति बनानी होगी।

विपक्ष की मजबूती:

कंजरवेटिव पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है। सर्वे के अनुसार, चुनाव होने पर कंजरवेटिव पार्टी बहुमत प्राप्त कर सकती है।

जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा कनाडा के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण मोड़ है। उनकी उदारवादी नीतियां और प्रगतिशील दृष्टिकोण लंबे समय तक याद किए जाएंगे। हालांकि, महंगाई, कट्टरपंथ और पार्टी के भीतर असंतोष ने उनके नेतृत्व को कमजोर कर दिया। अब यह देखना होगा कि कनाडा की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है और भारत के साथ उसके संबंध कैसे आकार लेते हैं।

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