Naga Sadhu Peshwai Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/naga-sadhu-peshwai National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Sun, 22 Dec 2024 12:05:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Naga Sadhu Peshwai Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/naga-sadhu-peshwai 32 32 महाकुंभ 2025: नागा साधुओं की पेशवाई में उमड़ा अध्यात्म और परंपरा का सैलाब https://vishwavarta.com/mahakumbh-2025-a-flood-of-spirituality-and-tradition-in-the-presence-of-naga-sadhus/115868 Sun, 22 Dec 2024 12:05:41 +0000 https://vishwavarta.com/?p=115868 “महाकुंभ 2025 का शुभारंभ प्रयागराज में नागा साधुओं की भव्य पेशवाई के साथ हुआ। पारंपरिक शोभायात्रा में अध्यात्म, परंपरा और शक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। त्रिवेणी संगम पर लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।” प्रयागराज। महाकुंभ 2025 का आगाज प्रयागराज में नागा साधुओं की भव्य …

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“महाकुंभ 2025 का शुभारंभ प्रयागराज में नागा साधुओं की भव्य पेशवाई के साथ हुआ। पारंपरिक शोभायात्रा में अध्यात्म, परंपरा और शक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। त्रिवेणी संगम पर लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।”

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 का आगाज प्रयागराज में नागा साधुओं की भव्य पेशवाई के साथ हुआ। यह पेशवाई भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक मानी जाती है। शोभायात्रा में साधुओं ने पारंपरिक हथियारों जैसे तलवारों और त्रिशूलों के साथ अपने अद्वितीय अनुशासन और शक्ति का प्रदर्शन किया। ऊंट, बग्घी और शाही सवारियों पर सजे साधु जब निकले, तो सड़कों पर मौजूद भक्तों ने छतों से फूलों की वर्षा करके उनका स्वागत किया।

तस्वीरें देखें :

नागा साधुओं की पेशवाई महाकुंभ के मुख्य आकर्षणों में से एक है। यह परंपरा उनके त्याग, तपस्या और आध्यात्मिकता को प्रदर्शित करती है। पेशवाई के दौरान नागा साधु अपने परंपरागत वस्त्र और भव्य अलंकरण के साथ जनता को दर्शन देते हैं।

प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन) के लिए जाना जाता है, महाकुंभ का केंद्र रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संगम में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शोभायात्रा के दौरान तलवारें लहराते हुए नागा साधुओं ने शक्ति और वीरता का प्रदर्शन किया। हर-हर महादेव के जयकारे और शंखध्वनि से पूरा प्रयागराज गूंज उठा। भक्तों का जोश देखते ही बनता था।

भव्य पेशवाई में पारंपरिक ढोल-नगाड़े और ध्वज पताकाओं ने माहौल को और अधिक भव्य बना दिया। सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने इस ऐतिहासिक आयोजन को अपनी श्रद्धा और उत्साह से अभूतपूर्व बना दिया।

प्रयागराज का महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। इसे UNESCO द्वारा “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर” के रूप में मान्यता प्राप्त है।

पौराणिक मान्यता: महाभारत और पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश की बूंदें चार स्थानों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं। इन स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन होता है।

धार्मिक महत्व: त्रिवेणी संगम पर स्नान करना मोक्ष प्राप्ति और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष प्रबंध किया गया है।

    पुलिस बल और स्वयंसेवकों की व्यापक तैनाती।

    ड्रोन और CCTV कैमरों से निगरानी।

      तीर्थयात्रियों के लिए स्वच्छ जल, शौचालय और स्वास्थ्य सुविधाएं।

      गंगा घाटों पर स्नान के लिए अलग-अलग मार्ग और शटल बस सेवा।

      महाकुंभ न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का वैश्विक मंच भी है। इस दौरान विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में इस आयोजन में शामिल होते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कथा, भजन, और विभिन्न अखाड़ों की गतिविधियों ने महाकुंभ को और अधिक आकर्षक बना दिया है।

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