Parliament Winter Session Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/parliament-winter-session National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Wed, 18 Dec 2024 13:09:49 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Parliament Winter Session Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/parliament-winter-session 32 32 अंबेडकर पर बयान को लेकर संसद में हंगामा: कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की https://vishwavarta.com/uproar-in-parliament-over-statement-on-ambedkar-congress-demands-resignation-from-home-minister-amit-shah/115490 Wed, 18 Dec 2024 13:09:28 +0000 https://vishwavarta.com/?p=115490 खड़गे बोले- शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया, भाजपा ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा; अमित शाह ने पलटवार कर कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप “अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर संसद में हंगामा। कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की। भाजपा ने कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का …

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खड़गे बोले- शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया, भाजपा ने तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा; अमित शाह ने पलटवार कर कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप

गृहमंत्री अमित शाह ने इस आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस डॉ. अंबेडकर के नाम पर नाटक कर रही है। पार्टी ने हमेशा बाबा साहेब के योगदान को अनदेखा किया। यह वही पार्टी है, जिसने उन्हें भारत रत्न देने में सबसे ज्यादा देरी की।”

मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा था, “आजकल ‘अंबेडकर-अंबेडकर’ कहने का फैशन चल पड़ा है। यदि लोग इतना ही भगवान का नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” इस बयान को कांग्रेस ने बाबा साहेब का अपमान बताते हुए गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की।

शाह ने जवाब में कहा, “कांग्रेस ने न केवल अंबेडकर का अपमान किया, बल्कि उनके विचारों को दबाने की कोशिश की। नेहरूजी ने अंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया, उन्हें चुनाव हराने का प्रयास किया। 1955 में नेहरू और 1971 में इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न से सम्मानित किया, लेकिन अंबेडकर को यह सम्मान तब मिला जब कांग्रेस सत्ता से बाहर थी।”

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, “गृहमंत्री के बयान से स्पष्ट है कि भाजपा को डॉ. अंबेडकर और दलित समाज से घृणा है। ये वही लोग हैं, जिनके पूर्वजों ने अंबेडकर के पुतले जलाए थे। बाबा साहेब ने संविधान का निर्माण किया, जिसे भाजपा आज बदलने की साजिश कर रही है।”

खड़गे ने कहा कि संविधान हमारे देश का सबसे पवित्र ग्रंथ है और अंबेडकर इसके रचयिता हैं। शाह ने इस पर बयान देकर न केवल दलित समाज का अपमान किया, बल्कि देश के संविधान का भी अनादर किया है।

संसद परिसर के अंदर और बाहर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने गृहमंत्री के बयान पर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। राज्यसभा में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा, “गृहमंत्री ने डॉ. अंबेडकर के बारे में जो कहा, वह घोर आपत्तिजनक है। भाजपा बाबा साहेब के नाम का इस्तेमाल कर दलित समाज को गुमराह करना चाहती है।”

टीएमसी सांसदों ने इसे दलित समाज के खिलाफ गंभीर अपराध बताते हुए शाह से माफी की मांग की। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, “अगर संविधान ग्रंथ है, तो डॉ. अंबेडकर हमारे भगवान हैं। भाजपा को उनके खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने का कोई हक नहीं।”

अमित शाह ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। “मेरे बयान का पूरा वीडियो रिकॉर्ड उपलब्ध है। कांग्रेस ने हमेशा से झूठ फैलाने की राजनीति की है। मैंने डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। भाजपा ने बाबा साहेब से जुड़े पंच तीर्थों का विकास किया और उनके योगदान को राष्ट्रीय पहचान दी।”

शाह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “कांग्रेस को अब अंबेडकर की याद इसलिए आ रही है, क्योंकि उनकी राजनीति खत्म हो रही है। कांग्रेस को चाहिए कि वह अपनी गलतियों के लिए देश से माफी मांगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विवाद पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया। यह वही पार्टी है, जिसने बाबा साहेब को संसद के सेंट्रल हॉल में चित्र लगाने का सम्मान भी नहीं दिया। कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल में दलित समुदाय के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार हुए।”

इस विवाद ने संसद में शीतकालीन सत्र को ठप कर दिया है। जहां कांग्रेस ने गृहमंत्री से माफी और इस्तीफे की मांग की है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर दलित समाज के प्रति दोगलेपन का आरोप लगाया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर संसद और सड़क पर दोनों जगह राजनीतिक संग्राम तेज होने की संभावना है।

क्या कहा था शाह ने:
“आजकल अंबेडकर का नाम लेना फैशन हो गया है। भगवान का नाम लिया होता तो स्वर्ग मिल जाता।”

कांग्रेस का आरोप:
“शाह ने अंबेडकर और दलित समाज का अपमान किया।”

भाजपा का बचाव:
“कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का नाम राजनीति के लिए इस्तेमाल किया। हमने बाबा साहेब का सम्मान किया।”

अंबेडकर पर विवाद भाजपा और कांग्रेस के बीच वैचारिक संघर्ष का ताजा उदाहरण है। यह मुद्दा आगामी चुनावों में दलित वोट बैंक के लिए अहम भूमिका निभा सकता है।

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संसद में मल्लिकार्जुन खड़गे का हमला: “जो झंडे और संविधान से नफरत करते हैं, वे हमें पाठ पढ़ा रहे” https://vishwavarta.com/those-who-hate-the-flag-and-the-constitution-are-teaching-us-a-lesson-mallikarjun-kharge/115252 Mon, 16 Dec 2024 15:05:11 +0000 https://vishwavarta.com/?p=115252 “संसद के शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के तीखे भाषण। वंशवाद, संविधान संशोधन और सरकार की नीतियों पर छिड़ी गरमा-गरम बहस।” नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को वंशवाद और संविधान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण …

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“संसद के शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के तीखे भाषण। वंशवाद, संविधान संशोधन और सरकार की नीतियों पर छिड़ी गरमा-गरम बहस।”

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को वंशवाद और संविधान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान का उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने के बजाय परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए किया। इसके जवाब में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो लोग संविधान से नफरत करते हैं, वे आज लोकतंत्र और संविधान की दुहाई दे रहे हैं।

वित्त मंत्री ने अपने 1 घंटे 19 मिनट के भाषण में कहा, “कांग्रेस ने दशकों तक संविधान को परिवार और वंशवाद की रक्षा के लिए बदला।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर संसद भवन में लगाने में देरी की गई और उन्हें भारत रत्न देने में भी अनदेखी की गई।

GST पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस GST को गब्बर सिंह टैक्स कहती है, लेकिन यह संविधान संशोधन के जरिए लागू किया गया।”

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते हैं, वे हमें लोकतंत्र और संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रयासों की वजह से ही आज देश में सभी को वोट देने का अधिकार है। खड़गे ने आरोप लगाया कि आरएसएस और जनसंघ ने महिलाओं और वंचित वर्ग को मताधिकार देने का विरोध किया था।

  1. “पीएम मोदी हमें जुमले वाला कहते हैं, लेकिन सबसे बड़े झूठे तो वही हैं। उनका 15 लाख रुपये देने का वादा कहां गया?”
  2. “हम म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़े हैं, जेएनयू में नहीं, लेकिन संविधान हमें भी पढ़ना आता है।”
  3. “शाह जी की वॉशिंग मशीन में नेता जाकर वफादार बनकर निकलते हैं।”
  4. “70 सालों की विरासत से ही आप डॉक्टर, इंजीनियर और पीएम बने।”
  1. “कांग्रेस ने वंशवाद बचाने के लिए संविधान को बदला।”
  2. “कांग्रेस ने GST को बदनाम किया, जबकि यह संविधान आधारित प्रक्रिया थी।”
  3. “अंबेडकर को भारत रत्न देने में कांग्रेस ने देरी की।”
  4. “विपक्ष के नेता जो परिवारवाद का समर्थन करते हैं, वे लोकतंत्र की बात कैसे कर सकते हैं?”

खड़गे ने राहत इंदौरी की शायरी पढ़ते हुए कहा:
“तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी ज़मीनों को लाल कर दो।”
वहीं सीतारमण ने कांग्रेस नेताओं पर व्यंग्य करते हुए कहा, “जिन्होंने मीसा कानून के नाम पर बच्चों के नाम रखे, वे अब विपक्ष का हिस्सा हैं।”

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संसद में विपक्ष का प्रदर्शन: अडाणी और संभल हिंसा पर सरकार घिरी, सपा-TMC ने बनाई दूरी https://vishwavarta.com/ruckus-in-the-winter-session-of-parliament-sharp-attack-by-the-opposition-on-the-government/113927 Tue, 03 Dec 2024 06:23:32 +0000 https://vishwavarta.com/?p=113927 “संसद में विपक्ष ने अडाणी विवाद और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सपा और TMC ने दूरी बनाई। रिजिजू बोले- बहुमत से बिना चर्चा बिल पास कर सकते हैं।” नई दिल्ली। नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन …

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“संसद में विपक्ष ने अडाणी विवाद और संभल हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सपा और TMC ने दूरी बनाई। रिजिजू बोले- बहुमत से बिना चर्चा बिल पास कर सकते हैं।”

नई दिल्ली। नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन अडाणी मामले और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर किया गया। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए, लेकिन सपा और TMC ने खुद को इससे अलग रखा।

TMC नेता कल्याण बनर्जी ने बताया कि समाजवादी पार्टी को मंगलवार को संभल हिंसा पर बोलने का मौका दिया जाएगा। वहीं, TMC बांग्लादेश से जुड़े मुद्दे पर चर्चा करेगी।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, “संसद चलाना जरूरी है। हम बहुमत के आधार पर बिना चर्चा के भी बिल पास कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करना उचित नहीं है। विपक्ष का यह रवैया देशहित में नहीं है।”

रिजिजू ने आगे कहा कि 13 और 14 दिसंबर को लोकसभा में, और 16-17 दिसंबर को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा होगी।

सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच बैठक हुई थी। बैठक में संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने पर सहमति बनी थी। हालांकि, मंगलवार को संसद शुरू होते ही फिर से हंगामा शुरू हो गया।

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संविधान पर बहस जरूरी, संसद चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग करे सरकार’: शशि थरूर https://vishwavarta.com/debate-on-constitution-is-necessary-government-should-cooperate-with-opposition-to-run-parliament-shashi-tharoor/113893 Mon, 02 Dec 2024 17:35:45 +0000 https://vishwavarta.com/?p=113893 “संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार से विपक्ष के साथ सहयोग करने और संविधान के 75वें वर्ष पर बहस कराने की अपील की है।” नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के 5वें दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के चलते बाधित रही। मात्र 5 …

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“संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार से विपक्ष के साथ सहयोग करने और संविधान के 75वें वर्ष पर बहस कराने की अपील की है।”

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के 5वें दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के चलते बाधित रही। मात्र 5 मिनट चलने के बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस स्थिति पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

थरूर ने कहा, “ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष चर्चा करना चाहता है, और इनमें सबसे अहम है संविधान के 75वें वर्ष पर बहस।” उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में विभिन्न वर्षगांठों पर संसद में चर्चा होती रही है, लेकिन इस बार सरकार विपक्ष की मांगों को अनदेखा कर रही है।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह विपक्ष के साथ संवाद स्थापित करे और संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी कदम उठाए। थरूर ने यह भी कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, और यहां हर मुद्दे पर चर्चा के लिए जगह होनी चाहिए।

विपक्ष का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक वे हंगामा जारी रखेंगे।

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यूपी और उत्तराखंड में मायावती का ये बड़ा कदम, विस्तार से जानें… https://vishwavarta.com/this-big-step-of-mayawati-in-up-and-uttarakhand-know-in-detail/113534 Sat, 30 Nov 2024 09:55:31 +0000 https://vishwavarta.com/?p=113534 “मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों से जनहित के लिए संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने जातिवाद और साम्प्रदायिकता के खिलाफ दलितों और बहुजनों को एकजुट होने की जरूरत जताई।” लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों और जिला …

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“मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों से जनहित के लिए संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने जातिवाद और साम्प्रदायिकता के खिलाफ दलितों और बहुजनों को एकजुट होने की जरूरत जताई।”

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों से संबोधित करते हुए देश और समाज को संकीर्ण जातिवादी और साम्प्रदायिक तत्वों से मुक्त करने के लिए संघर्ष को और तेज करने का आह्वान किया। उन्होंने विशेष रूप से दलितों और अन्य अम्बेडकरवादी बहुजन समुदायों से एकजुट होकर सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए संघर्ष को मजबूती से जारी रखने की बात कही।

मायावती ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही गरीब विरोधी और धन्नासेठ समर्थक नीतियों का पालन करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पार्टियों के नेतृत्व में जनता में बढ़ते आक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए जातिवादी और साम्प्रदायिक हथकंडे अपनाए जाते हैं, जिससे चुनावों में इन पार्टियों को लाभ मिलता है।

मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि इन राज्यों में महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा और पिछड़ेपन की समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि यहां के करोड़ों लोग आज भी अंधकारमय जीवन जीने को मजबूर हैं, जो लोकतंत्र और सरकार की विफलता को दर्शाता है।

मायावती ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और धनबल या बाहुबल से मुक्त चुनावों की अहमियत को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया पर जनता का विश्वास अब कम हो गया है, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। इसीलिए, सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी चाहिए, ताकि संविधान और लोकतंत्र को खतरा न पहुंचे।

इसके साथ ही, मायावती ने संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में भी बात की और कहा कि अडाणी समूह और संभल मस्जिद से जुड़े विवादों के कारण संसद की कार्रवाई ठप होनी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि संसद की कार्रवाई को सुचारू रूप से चलाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि देश की समस्याओं का समाधान हो सके।

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