Ramlala Tilakotsav Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/ramlala-tilakotsav National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Mon, 18 Nov 2024 17:59:11 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Ramlala Tilakotsav Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/ramlala-tilakotsav 32 32 श्रीराम का तिलकोत्सव: सीता जी की सखियों ने सुनाई परंपरागत ‘मधुर गालियां https://vishwavarta.com/tilakotsav-of-shri-ram-in-ayodhya-sita-jis-friends-recited-traditional-sweet-abuses/112261 Mon, 18 Nov 2024 12:49:06 +0000 https://vishwavarta.com/?p=112261 “अयोध्या में श्रीराम का ऐतिहासिक तिलकोत्सव संपन्न। जनकपुर से 500 मेहमानों ने 501 प्रकार के नेग और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ आयोजन को भव्य बनाया। मंगल गीत, मधुर गालियां और आतिशबाजी ने समां बांधा।” अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सोमवार को ऐतिहासिक तिलकोत्सव का आयोजन हुआ, जिसने त्रेतायुग की परंपराओं को आधुनिक युग में सजीव …

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“अयोध्या में श्रीराम का ऐतिहासिक तिलकोत्सव संपन्न। जनकपुर से 500 मेहमानों ने 501 प्रकार के नेग और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ आयोजन को भव्य बनाया। मंगल गीत, मधुर गालियां और आतिशबाजी ने समां बांधा।”

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सोमवार को ऐतिहासिक तिलकोत्सव का आयोजन हुआ, जिसने त्रेतायुग की परंपराओं को आधुनिक युग में सजीव कर दिया। यह आयोजन रामलला के भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार हुआ, जहां जनकपुर से आए 500 से अधिक मेहमानों और 501 प्रकार के नेग (उपहार) ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

जनकपुर के छोटे महंत राम रोशन दास ने मां सीता के छोटे भाई की भूमिका निभाते हुए प्रभु श्रीराम के स्वरूप का तिलक किया। रामसेवकपुरम में यह रस्म मंत्रोच्चार और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई।

सीता जी के मायके जनकपुर से आए 501 प्रकार के नेग में कांसे की थाल, कटोरी, चांदी के सिक्के, हल्दी, चंदन, दूर्वा, पान, इलायची, सुपारी, पीली धोती, और गमछा जैसी सामग्री शामिल थी। इन नेगों को रामलला के चरणों में समर्पित किया गया।

जनकपुर की महिलाओं, जिन्हें ‘तिलकहरू’ कहा जाता है, ने रामलला के तिलक के दौरान मिथिला परंपरा का निर्वाह करते हुए चंपत राय और विहिप के राजेंद्र सिंह पंकज को परंपरागत ‘मधुर गालियां’ सुनाईं। यह रस्म इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रही।

तिलकोत्सव के दौरान ग्रीन पटाखों से आतिशबाजी की गई। गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते जनकपुर के लोग रामसेवकपुरम से रामलला के दरबार पहुंचे। इस दृश्य ने उत्सव को और भव्य बना दिया।

तिलकहरुओं और मेहमानों के लिए पूड़ी, हलवा, आलू टिक्की, पापड़ी चाट, रायता, मिक्स सब्जी और पापड़ से सजी भव्य दावत रखी गई। जनकपुर से आए मेहमानों ने इस आतिथ्य का आनंद लिया।

जनकपुर के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह, मेयर मनोज कुमार शाह और अन्य मेहमानों ने इस आयोजन को विशेष बनाया। आयोजन में अयोध्या के प्रमुख संतों और धर्माचार्यों ने भी शिरकत की।

यह तिलकोत्सव राम-सीता के विवाह उत्सव की शुरुआत है। अयोध्या से रामलला की बारात 26 नवंबर को जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी। वहां 3 दिसंबर को विवाह के भव्य उत्सव के बाद बारात 6 दिसंबर को वापस लौटेगी।

तिलकोत्सव का यह आयोजन केवल धार्मिक रस्म नहीं था, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और मिथिला-अवध के अटूट संबंधों का प्रतीक है। इसने न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव दिया, बल्कि भारतीय परंपराओं की समृद्धि को भी प्रदर्शित किया।

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