Teacher Student Culture Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/teacher-student-culture National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Fri, 16 May 2025 14:47:02 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Teacher Student Culture Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/teacher-student-culture 32 32 बालिकाओं के लिए संस्कार और संस्कृति की नई पाठशाला, रामायण अभिरुचि कार्यशाला https://vishwavarta.com/ramayan-abhiruchi-karyashala/119769 Fri, 16 May 2025 14:47:00 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119769 मऊ। रामायण अभिरुचि कार्यशाला के समापन अवसर पर महिला पतंजलि की जिला प्रभारी व भाजपा की जिला उपाध्यक्ष संगीता द्विवेदी ने इसे एक “अनूठी सांस्कृतिक पहल” बताया। प्राथमिक विद्यालय कइयाँ में 10 दिवसीय यह कार्यशाला अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या, संस्कार भारती और एडूलीडर्स के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई। इस कार्यशाला का …

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मऊ। रामायण अभिरुचि कार्यशाला के समापन अवसर पर महिला पतंजलि की जिला प्रभारी व भाजपा की जिला उपाध्यक्ष संगीता द्विवेदी ने इसे एक “अनूठी सांस्कृतिक पहल” बताया। प्राथमिक विद्यालय कइयाँ में 10 दिवसीय यह कार्यशाला अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या, संस्कार भारती और एडूलीडर्स के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बालकों व विशेषकर बालिकाओं को भारतीय संस्कृति, नैतिकता और रामायण के मूल्यों से जोड़ना रहा। मुख्य अतिथि ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को संस्कृति संरक्षण हेतु तैयार करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।

बालिकाओं में नैतिकता और नेतृत्व विकास

विशिष्ट अतिथि युवा भारत पूर्व के राज्य प्रभारी बृजमोहन ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से छात्र-छात्राओं को मानसिक, शारीरिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध नागरिक बनाने की दिशा में सकारात्मक प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस भारत का सांस्कृतिक संविधान है, जिसका अनुकरण सामाजिक समरसता और भाईचारे को मजबूत करता है।

क्या-क्या हुआ कार्यशाला में?

कार्यशाला में विद्यार्थियों द्वारा रामायण वाचन, गायन और चित्रकला के माध्यम से अपने कौशल का प्रदर्शन किया गया। चयनित प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर सरिता सिंह, जयप्रकाश सिंह, राजेश कुमार, लालसा सिंह, अंजलि वर्मा, मीना यादव, रमेश कुमार सहित अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन अंजनी कुमार सिंह ने किया।

संगीता द्विवेदी ने कहा कि “आज जब बच्चे मोबाइल और सोशल मीडिया की ओर आकर्षित हैं, ऐसे में इस तरह की सांस्कृतिक कार्यशालाएं उन्हें अपने मूल्यों, परंपराओं और राष्ट्रीय गौरव से जोड़ती हैं।”

क्यों जरूरी हैं ऐसी पहलें?

ऐसी कार्यशालाएं केवल शिक्षा नहीं देतीं, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास, नैतिकता और नेतृत्व क्षमता का विकास करती हैं। खासकर ग्रामीण और प्राथमिक विद्यालयों में इसका प्रभाव दीर्घकालिक होता है।

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