Vijay Rai tribute Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/vijay-rai-tribute National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Fri, 16 May 2025 16:17:13 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Vijay Rai tribute Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/vijay-rai-tribute 32 32 राव साहब की विरासत को याद कर भावुक हुए पत्रकार साथी https://vishwavarta.com/senior-journalist-vikram-rao/119777 Fri, 16 May 2025 16:17:10 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119777 सादर प्रकाशनार्थ अनुभव, पद, कद से ही नहीं विचारों और सोच से भी बड़े थे राव साहबसंगठक, लेखक और मार्गदर्शक-तीनों भूमिकाओं में अद्वितीय थे राव साहबवरिष्ठ पत्रकार डॉ. के.विक्रम राव और विजय राय को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलिविधानसभा में पत्रकारों ने साझा किए संस्मरण, बखान की व्यक्तित्व-कृतित्व की गहराई लखनऊ, 16 मई, 2025 लखनऊ। डॉ. …

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सादर प्रकाशनार्थ

अनुभव, पद, कद से ही नहीं विचारों और सोच से भी बड़े थे राव साहब
संगठक, लेखक और मार्गदर्शक-तीनों भूमिकाओं में अद्वितीय थे राव साहब
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के.विक्रम राव और विजय राय को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
विधानसभा में पत्रकारों ने साझा किए संस्मरण, बखान की व्यक्तित्व-कृतित्व की गहराई

लखनऊ, 16 मई, 2025

लखनऊ। डॉ. के. विक्रम राव बड़े कैनवास के पत्रकार थे। उनमें बड़ापन था, वह अपने साथियों को पहचान दिलाने के लिए समर्पित थे। ट्रेड यूनियन में सक्रियता के बावजूद वह बेहद लिखने-पढ़ने वाले पत्रकार थे। निधन के एक दिन पूर्व भी उन्होंने भारत-पाकिस्तान के हालिया प्रकरण पर जो लिखा उसे देश के सैकड़ों समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया। पत्रकारिता और पत्रकारों के हक में उन्होंने कई ऐतिहासिक लड़ाइयां लड़ीं। वे संगठक, लेखक और मार्गदर्शक-तीनों भूमिकाओं में अद्वितीय थे। उक्त उद्गार एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी ने व्यक्त किए। श्री गोस्वामी, एनयूजे, उत्तर प्रदेश की ओर से शुक्रवार को विधानसभा स्थित प्रेस रूम में दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव एवं विजय राय की स्मृति में हुई श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।

प्रमोद गोस्वामी ने आगे कहा, ‘के. विक्रम राव का बड़प्पन ऐसा था कि वह भीड़ में भी पहचान लेते थे। राव साहब, अनुभव से, पद से, कद से ही बड़े नहीं थे, वह विचारों और सोच से भी बड़े थे। अलग संगठन में होने के बावजूद भी मुद्दों पर हमेशा साथ खड़े दिखाई देते थे। वहीं, विजय राय अच्छे पत्रकार थे, वह सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते थे।’ एनयूजे, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने कहा, डॉ. के. विक्रम राव और विजय राय निर्भीक, साहसी और ईमानदार पत्रकार थे। यूनियन लीडर के साथ ही के. विक्रम राव विलक्षण प्रतिभा के पत्रकार थे। जूनियर साथियों के लिए मदद को तत्पर रहते थे। उनके व्यक्तित्व से युवाओं को सीख लेनी चाहिए। एनयूजे स्कूल ऑफ मास कॉम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, के. विक्रम राव और राजनाथ सिंह सूर्य का आवास आमने-सामने था। के विक्रम राव सम्यवादी और राजनाथ सूर्य संघ विचारधारा से जुड़े थे, इसके बावजूद दोनों विभूतियों में अद्भुत साम्य था।

संगठन के संरक्षक सुरेंद्र कुमार दुबे ने कहा, के. विक्रम राव अपने जूनियर को सिखाने, घुमाने और आगे बढ़ाने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। मैं समझता हूं कि देश भर में ऐसे हजारों साथी होंगे, जिनको उन्होंने तहसील स्तर से उठाकर देश-विदेश में पहचान दिलाई। संरक्षक के. बक्श सिंह ने कहा, राव साहब स्वयं सबको फोन करके हाल-चाल लेते थे। राव साहब बड़ा जनसंग्रही होने के बावजूद वह सबका व्यक्तिगत ध्यान रखते थे। विजय राय जूनियर-सीनियर का भेद नहीं मानते थे।

वरिष्ठ पत्रकार कलानिधि मिश्र ने कहा, के. विक्रम राव के स्वाभाव में जब 2017 में वैचारिक बदलाव आया तो मैंने बालहठवस उनके साथ प्रतिवाद किया तो उन्होंने बड़ी सहजता से मुझे संतुष्ट किया। मतभेद होने के बावजूद उनका भरपूर स्नेह मिला, उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला। उनके लिखे की नकल भी बड़े लोग करते थे। विजय राय सामान्य पत्रकार से ग्रुप एडिटर तक पहुंचे। वह सीखने को हमेशा तैयार रहते थे। वह जूनियर को जमीन पर रहने की सीख देते थे।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री ने कहा, स्कूल में आलेख पढ़ता था, लखनऊ आया पहली बार देखा तो बड़ा ताज्जुब हुआ कि इतनी बड़ी शख्सियत के बावजूद भी वह कितना सहज थे। राव साहब कम्प्लीट जर्नलिस्ट थे, उनके जाने के बाद ऐसा लगता है पत्रकारिता अनाथ हो गई। वरिष्ठ पत्रकार गोलेश स्वामी ने कहा, राव साहब युवाओं को बहुत प्रोत्साहित करते थे। कोई खबर या आलेख पसंद आता तो फोन करके बधाई देते थे। विजय राय भी युवा पत्रकारों को आगे बढ़ाते थे। वरिष्ठ पत्रकार देवकीनंदन मिश्र ने कहा, राव साहब के लेख पढ़ने के बाद मैंने उनके पत्रकार स्वरूप का साक्षातकार किया। राव साहब चलते-फिरते गए इसका मतलब है कि वह पुण्यात्मा थे। विजय राय हमारे बॉस के साथ ही दोस्त भी थे। विजय राय का अंदाज था जब भी मिलते थे तो मुस्कुरा के मिलते थे। राव साहब से पढ़ने-लिखने की कला सीखने की जरूरत है।

वरिष्ठ पत्रकार पी.के. तिवारी ने कहा, विजय राय जब भी मिले उत्साह और तपाक से मिले। वह लोगों को स्वीकार करते थे। के. विक्रम राव से जूनियर को स्वीकार करने का हुनर सीखना चाहिए। राव साहब समुद्र से रत्न निकालकर भी लेखन में इस्तेमाल करते थे। राव साहब समय के साथ अपने को बदलते रहे। वह बाई ज्वाइस पत्रकारिता में आए थे। राव साहब के लेखकीय संस्कारों के कारण वह देश भर के बड़े नेता, राज्यपाल, मुख्यमंत्री की जुबान पर रहते थे। कांग्रेस के अख़बार में काम करने के बावजूद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक से भिड़ जाते थे राव साहब। अपने जूनियर के अच्छे काम की तारीफ करना भी जानते थे। उनके अंदर जड़ता नहीं थी।

वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज ने कहा, विजय राय ऐसे ग्रुप संपादक थे, उन्होंने कभी किसी साथी का नुकसान नहीं किया। कम उम्र में प्रतिभाशाली का गुजर जाना पत्रकारिता के लिए बड़ी क्षति है। राव साहब की हर विषय में पकड़ थी। उन्होंने वामपंथ से राष्ट्रपंथ की यात्रा पूरी की। वरिष्ठ पत्रकार अविनाश चंद्र मिश्र ने कहा, के. विक्रम राव और विजय राय बड़े कद के पत्रकार थे। राव साहब डिबेट के सामयिक विषय सुझाते थे। वरिष्ठ पत्रकार अस्थाना ने कहा, नए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राव साहब किसी भी सीमा तक जा सकते थे। उनके समाचार और आलेख के शीर्षक बड़े चुटीले और नुकीले होते थे। वह विचारों को आचरण में उतारते थे, जो उनके लेखन में भी परिलक्षित होता था।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव भारत सिंह ने कहा, राव साहब अभिभावक के रूप में थे। उनके पर रिच लाइब्रेरी थी। वह टाइपराइटर पर लिखते थे। देश का कोई भी विषय होता तो उनका पक्ष आता था। हमारे बीच वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार थे। उन्होंने दुनिया के अधिकांश देशों की यात्रा की और भारतीय विचारों को पहुंचाया। उनके न रहने से हमारे बीच बड़ा खालीपन आया है, उसे भरने के लिए हम सबको प्रयास करना होगा। युवा पीढ़ी उनके खालीपन को भरे। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के संयुक्त सचिव अनिल सैनी ने भी अपने भाव प्रकट किए।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ.के. विक्रम राव एवं विजय राय की श्रद्धांजलि सभा में एनयूजे, उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान, प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी डॉ.अतुल मोहन सिंह, एनयूजे लखनऊ के महामंत्री पद्माकर पांडेय, अरुण शर्मा ‘टीटू’, डीपी शुक्ला, अनिल अवस्थी, शेखर पंडित, नितिन श्रीवास्तव, अखिलेश पाण्डेय, अनिल सैनी, अमिता मिश्रा, सोनी कपूर, अनिल त्रिपाठी, श्यामल त्रिपाठी, अमरेंद्र प्रताप सिंह, भूपेंद्र मणि त्रिपाठी, विजय कुमार, अशोक चकलाधर समेत अन्य पत्रकारों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

डॉ. अतुल मोहन सिंह
प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी
संपर्क : 9807766888, 9451907315

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वरिष्ठ पत्रकार डॉ विजय राय के निधन पर पत्रकार समाज में शोक https://vishwavarta.com/dr-vijay-rai-ke-nidhan-par-shok/119215 Sun, 04 May 2025 12:53:51 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119215 कसया, कुशीनगर।डॉ विजय राय के निधन पर शोक की लहर फैल गई है। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति (एबीपीएसएस) कुशीनगर की एक बैठक रविवार को बिड़ला धर्मशाला में आयोजित हुई, जिसमें स्वर्गीय राय को श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। प्रदेश अध्यक्ष …

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कसया, कुशीनगर।
डॉ विजय राय के निधन पर शोक की लहर फैल गई है। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति (एबीपीएसएस) कुशीनगर की एक बैठक रविवार को बिड़ला धर्मशाला में आयोजित हुई, जिसमें स्वर्गीय राय को श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।

प्रदेश अध्यक्ष अजय प्रताप नारायण सिंह ने कहा कि डॉ राय एक प्रखर विचारक और समाज के सजग प्रहरी थे। उन्होंने अपनी कलम से पत्रकारिता को एक नई दिशा दी और समाज के ज्वलंत मुद्दों को बेबाकी से उजागर किया। उनका असमय निधन पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।

बैठक की अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष कामख्या नारायण मिश्रा ने की। इस अवसर पर पत्रकार हितों की सुरक्षा और आगामी क्षेत्रीय पत्रकार सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की गई।

बैठक में उपस्थित गणमान्य सदस्यों में जिलाध्यक्ष हृदया नन्द शर्मा, जिला उपाध्यक्ष विजय कुमार यादव, कोषाध्यक्ष पवन कुमार शर्मा, जिला संगठन मंत्री ज्ञानेश्वर बरनवाल, सौरभ मणि त्रिपाठी, सरफराज अली, संजय सिंह, मस्तराज शर्मा, आकाश शर्मा सहित कई अन्य पत्रकार शामिल रहे।

डॉ विजय राय के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सभी ने कहा कि पत्रकारिता में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनका व्यक्तित्व, संघर्ष और विचार पत्रकारों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

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