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फिर फेल हुआ मुलायम का दांव, अखिलेश अपने रूख पर अड़िग

%e0%a4%82%e0%a4%be%e0%a5%80%e0%a4%aaलखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को मुलायम सिंह यादव के अवास पर जाकर आमने-सामने वार्ता की। इस दौरान कोई तीसरा व्यक्ति वार्ता में शामिल नहीं रहा।

डेढ़ घन्टे तक मुलायम व अखिलेश के बीच हुई वार्ता का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस चर्चा के बाद दोनों ही पक्षों ने खुलकर कुछ नहीं कहा और सस्पेंस बनाये रखा है।

इससे पहले पिता पुत्र की मुलाकात को सुलह की आखिरी कोशिश माना जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान मुलायम ने एक बार फिर खुद के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने की बात रखी। उन्होंने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने की भी बात कही।

इसके अलावा उन्होंने टिकटों का बंटवारा आपसी सहमति से लिए जाने और उसमें अखिलेश यादव की राय को प्रमुखता से लेने की बात कही। मुलायम ने अखिलेश से इलेक्शन कमीशन में साइकिल सिम्बल को लेकर किया उनका दावा वापस लेने को भी कहा।

उधर अखिलेश यादव अभी भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वह टिकट बंटवारे में अपनी राय नहीं बल्कि अपनी सूची को ही अन्तिम बताने पर अड़े हैं। उन्होंने एक बार फिर तीन महीनों के लिए उन्हें सभी अधिकार देने की मांग की और इसके बाद सारा फैसला मुलायम से ही करने को कहा।

दरअसल अखिलेश गुट की दलील है कि वह स्वयं चाहकर भी अध्यक्ष पद नहीं छोड़ सकते,क्योंकि इसके लिए फिर राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाना होगा और उसमें प्रस्ताव पारित करने होंगे।

वहीं अखिलेश यादव को भी डर है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर अपने कदम पीछे खींचने पर एक बार फिर अमर सिंह और शिवपाल लॉबी हावी हो जायेगी। पिता और पुत्र के बीच अभी तक सुलह के सात प्रयास हो चुकेहैं। हालांकि नतीजा कुछ भी नहीं निकला है।

वहीं इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अपने आवास पहुंचे। वहां उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपने-अपने क्षेत्र में जाने को कहा। अखिलेश ने बताया कि जल्द ही वह प्रचार और रैलियों का कार्यक्रम जारी करने जा रहे हैं और इसके आधार पर वह प्रचार और जनसभाएं करेंगे।

इससे पहले मुलायम सिंह ने सोमवार को नरम रुख अपनाते हुए अखिलेश को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया था, जबकि पहले वह चुनाव के बाद विधायकों द्वारा नेता चुनने की बात कहते थे। मुलायम ने नई दिल्ली में भी अपने और अखिलेश के बीच किसी विवाद से इनकार किया था।

उन्होंने रामगोपाल यादव का नाम लिए बगैर उन पर ही सारा झगड़ा कराने का आरोप लगाया था। दूसरी तरफ सपा के अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मिलते रहे और उन्होंने कार्यकर्ताओ से आश्वस्त करते हुए बताया कि शीघ्र अखिलेश जी पार्टी प्रत्याशियों की सूची को जारी करेंगे जिन्हें चुनाव में जिताने के लिए तैयार हो जाएं।

इस बीच पार्टी के दोनों गुटों की ओर से साइकिल सिम्बल पर दावा करने के बाद चुनाव आयोग ने 13 जनवरी को सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को बुलाया है जिसमें सुनवाई करने के बाद उसी या उसके बाद अपना फैसला सुना सकता है।

चुनाव आयोग का फैसला कल जारी होना था, लेकिन इसका समय बढ़ा दिया गया है। ऐसे संकेत मिल रहे है कि चुनाव आयोग सुनवाई के बाद एक पक्ष को साइकिल सिम्बल दे दिया जायेगा या फिर साईकिल चुनाव चिन्ह को फ्रीज करके दोनों ही गुटों को अलग-अलग दे दे।

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