तमकुहीराज (कुशीनगर), 9 मई।
गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय कुशीनगर जिले के दुदही क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर खामियां उजागर हुई हैं। शुक्रवार को जिला स्तरीय गठित समिति द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में पाया गया कि कई विद्यालयों में मान्यता से अधिक कक्षाएं संचालित हो रही हैं, शिक्षक प्रशिक्षित नहीं हैं, और बुनियादी ढांचे की हालत बेहद जर्जर है।
बीईओ पडरौना सुरेंद्र बहादुर सिंह और बीईओ रामकोला राजेश प्रसाद की संयुक्त टीम ने निरीक्षण के दौरान एक स्कूल में राष्ट्रपति शब्द और वर्तमान राष्ट्रपति का नाम तक गलत पढ़ाया जाना पाया, जो शैक्षिक गुणवत्ता पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
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स्टेप बाय स्टेप पब्लिक स्कूल गौरी श्रीराम में केवल कक्षा 1 से 5 तक की मान्यता प्राप्त है, परंतु यहां 6 से 8 तक की कक्षाएं भी चलाई जा रही थीं। भवन की स्थिति चिंताजनक थी—कक्षाएं एल्युमिनियम शीट से बनाई गई थीं, जो कभी भी गिर सकती थीं। अंधेरे कमरों में पढ़ाई और प्रशिक्षित शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों ही संकट में हैं।
इसी प्रकार, जामिया सरकारे ने-अमत विद्यालय में भी कई अनियमितताएं सामने आईं। यह विद्यालय टिनशेड में संचालित हो रहा था, जहाँ भीषण गर्मी में बच्चे परेशान थे। मान्यता जिस नाम से प्राप्त थी, उससे इतर बोर्ड और यूनिफॉर्म पर JSN पब्लिक स्कूल लिखा गया था, जो शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन है।
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एमजीटीएन पब्लिक स्कूल गौरी श्रीराम के निरीक्षण में भी ऐसा ही मामला सामने आया। विद्यालय की मान्यता मदरसा गुलशने तहीरुन नेशा के नाम से है, जबकि बोर्ड पर एमजीटीएन पब्लिक स्कूल लिखा गया है। इस विद्यालय में 57 नामांकित छात्रों में से 55 उपस्थित थे, लेकिन कमरे मानक के अनुसार नहीं पाए गए।
गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय कुशीनगर में चल रही इन गतिविधियों को लेकर अब शासन सख्त कार्रवाई की ओर बढ़ सकता है। निरीक्षण टीम ने सभी स्कूलों से स्पष्टीकरण तलब किया है और जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई शासन के निर्देशों पर निर्भर करेगी।