श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा वापस लेने के लिए प्रस्ताव पारित किया जिसे नई दिल्ली को संसद में जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए वादों की याद दिलाने वाला बताया।
सत्र के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सुरिंदर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में वादा किया था कि वे बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों की जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे। चौधरी ने कहा कि हम भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करना चाहते हैं।
हमने वही कहा जो जम्मू-कश्मीर के लोग और युवा चाहते हैं। भाजपा नेताओं के नारों पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि हिंदू देवता राम के शासन में कोई भेदभाव नहीं था और यहां भी यही लागू होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र बिहार और हिमाचल समेत कई अन्य राज्यों से ऐसी बातें कर सकता है तो वे जम्मू-कश्मीर के साथ ऐसा व्यवहार क्यों नहीं कर सकते। चौधरी ने कहा कि आपने हमारी जमीनें, नदियां, औद्योगिक जमीनें बेच दीं, ऐसी नीतियां लाईं जिसने हमारे युवाओं का करियर बर्बाद कर दिया।
उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं के पास कोई नौकरी नहीं है, बाहरी लोग ये सारी सुविधाएं ले रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा भी चाहती है कि यह प्रस्ताव पारित हो लेकिन इसका विरोध करने का दिखावा करती है।
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