Indian History Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/indian-history National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Sun, 05 Jan 2025 13:39:23 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Indian History Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/indian-history 32 32 लखनऊ : भारतीय कालगणना की वैज्ञानिकता पर विशेषज्ञों ने साझा किए अपने विचार https://vishwavarta.com/lucknow-experts-shared-their-views-on-the-scientific-nature-of-indian-chronology/117482 Sun, 05 Jan 2025 13:39:22 +0000 https://vishwavarta.com/?p=117482 लखनऊ में आर.आर. ग्रुप और नव वर्ष चेतना समिति ने भारतीय कालगणना की वैज्ञानिकता और ऐतिहासिकता पर संगोष्ठी आयोजित की। विशेषज्ञों ने भारतीय संस्कृति को समझने के नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि सर्वेश चंद्र द्विवेदी ने संस्कृति की गहराई में जाने का महत्व बताया। लखनऊ, 04 जनवरी 2025: बख्शी का तालाब स्थित आर.आर. ग्रुप …

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लखनऊ में आर.आर. ग्रुप और नव वर्ष चेतना समिति ने भारतीय कालगणना की वैज्ञानिकता और ऐतिहासिकता पर संगोष्ठी आयोजित की। विशेषज्ञों ने भारतीय संस्कृति को समझने के नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि सर्वेश चंद्र द्विवेदी ने संस्कृति की गहराई में जाने का महत्व बताया।

लखनऊ, 04 जनवरी 2025: बख्शी का तालाब स्थित आर.आर. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स और नव वर्ष चेतना समिति ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय कालगणना की वैज्ञानिकता और ऐतिहासिकता पर एक संगोष्ठी आयोजित की। इस संगोष्ठी में कई विशेषज्ञों ने भारतीय कालगणना के महत्व, उसकी वैज्ञानिकता और ऐतिहासिक संदर्भ पर गहरे विचार साझा किए।

मुख्य अतिथि सर्वेश चंद्र द्विवेदी (प्रभारी निदेशक, राष्ट्र धर्म प्रकाशन लिमिटेड) ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “भारतीय कालगणना की वैज्ञानिकता और ऐतिहासिक संगोष्ठी पर चर्चा करने से हमें अपनी संस्कृति और परम्परा की गहराई में जाने का अवसर मिलता है। यह हमें अपने इतिहास और सभ्यता को समझने में मदद करता है।”

संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने भारतीय कालगणना की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे यह हमारी संस्कृति और परंपराओं के सटीक अध्ययन में सहायक है। इस आयोजन में डॉ. अर्चना मिश्रा, श्रीमती रेखा त्रिपाठी, डॉ. गिरीश गुप्ता, डॉ. सुनील अग्रवाल, मुदित सिंघल और शोभित नारायण अग्रवाल जैसे प्रमुख विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर, संस्थान के चेयरमैन ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) सूर्य प्रकाश त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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महाकुम्भ 2025: अशोक स्तंभ बनेगा प्रमुख आकर्षण,श्रद्धालुओं के लिए रेप्लिका उपलब्ध https://vishwavarta.com/mahakumbh-2025-ashoka-pillar-will-become-the-main-attraction/112844 Sat, 23 Nov 2024 09:53:15 +0000 https://vishwavarta.com/?p=112844 “महाकुम्भ 2025 के दौरान प्रयागराज में अशोक स्तंभ की रेप्लिका प्रदर्शित की जाएगी। श्रद्धालु इसे स्मृति चिह्न के रूप में ले जा सकेंगे, और सम्राट समुद्रगुप्त की विजय गाथाओं से भी परिचित होंगे।” प्रयागराज: महाकुम्भ 2025 का आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद खास होगा। इस बार महाकुम्भ में सम्राट अशोक के ऐतिहासिक स्तंभ …

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“महाकुम्भ 2025 के दौरान प्रयागराज में अशोक स्तंभ की रेप्लिका प्रदर्शित की जाएगी। श्रद्धालु इसे स्मृति चिह्न के रूप में ले जा सकेंगे, और सम्राट समुद्रगुप्त की विजय गाथाओं से भी परिचित होंगे।”

प्रयागराज: महाकुम्भ 2025 का आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद खास होगा। इस बार महाकुम्भ में सम्राट अशोक के ऐतिहासिक स्तंभ की रेप्लिका प्रदर्शित की जाएगी, जो श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्मृति चिह्न के रूप में उपलब्ध होगी। इलाहाबाद संग्रहालय ने इस महान आयोजन को और भी खास बनाने के लिए सम्राट अशोक के स्तंभ की छोटी प्रतिकृति तैयार करने का फैसला लिया है।

अशोक स्तंभ और समुद्रगुप्त की गाथा

सम्राट अशोक का स्तंभ, जो प्रयागराज किले में स्थापित है, भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण कक्षों में से एक है। इस स्तंभ पर अंकित प्रयाग प्रशस्ति में सम्राट समुद्रगुप्त की विजय गाथाओं का उल्लेख है। सम्राट समुद्रगुप्त, जिन्हें अखंड भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है, ने 100 युद्ध जीतकर भारत को एकीकृत किया। यह स्तंभ उस महान सम्राट की शौर्य गाथा का प्रतीक है।

स्मृति चिह्न के रूप में उपलब्ध होगी रेप्लिका

महाकुम्भ के दौरान इलाहाबाद संग्रहालय में आने वाले श्रद्धालुओं को अशोक स्तंभ की रेप्लिका उपलब्ध कराई जाएगी। यह प्रतिकृति न केवल ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है, बल्कि श्रद्धालु इसे अपने साथ ले जाकर इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को महसूस कर सकेंगे।

सम्राट अशोक और समुद्रगुप्त की ऐतिहासिक विरासत

सम्राट अशोक का स्तंभ प्रयागराज में सम्राट समुद्रगुप्त के कृतित्व का भी गवाह है। इस स्तंभ में सम्राट अशोक की पत्नी कारुवाकी द्वारा बौद्धों को आम के बाग दान करने का भी उल्लेख मिलता है। इसके अतिरिक्त, समुद्रगुप्त के अभिलेखों में उनकी विजय गाथाओं का अद्भुत विवरण है, जो चम्पू शैली में संस्कृत भाषा में लिखा गया है।

महाकुम्भ 2025 को विशेष बनाने की तैयारी

योगी सरकार के निर्देश पर महाकुम्भ 2025 को एक अलौकिक और अविस्मरणीय आयोजन बनाने के लिए सभी तैयारियाँ जोरों पर हैं। इलाहाबाद संग्रहालय इस आयोजन को ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हुए श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव देने की दिशा में काम कर रहा है।

यह महाकुम्भ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा।

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