Indian spirituality Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/indian-spirituality National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Mon, 27 Jan 2025 10:47:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png Indian spirituality Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/tag/indian-spirituality 32 32 मकर संक्रांति पर महाकुम्भ ने दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश https://vishwavarta.com/on-the-occasion-of-makar-sankranti-maha-kumbh-gave-the-message-of-vasudhaiva-kutumbakam/118505 Tue, 14 Jan 2025 07:06:09 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118505 महाकुम्भ 2025 ने एकता का संदेश दिया, जहां देश-विदेश के श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे। मकर संक्रांति के अवसर पर भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत विदेशी नागरिकों ने गंगा स्नान किया और भारत की संस्कृति का अनुभव किया। महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी : मकर संक्रांति के दिन महाकुम्भ में भारत के हर राज्य …

The post मकर संक्रांति पर महाकुम्भ ने दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
महाकुम्भ 2025 ने एकता का संदेश दिया, जहां देश-विदेश के श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे। मकर संक्रांति के अवसर पर भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत विदेशी नागरिकों ने गंगा स्नान किया और भारत की संस्कृति का अनुभव किया।

महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी : मकर संक्रांति के दिन महाकुम्भ में भारत के हर राज्य और हर जाति के श्रद्धालु एक साथ संगम में अमृत स्नान करने पहुंचे। इसके साथ ही दुनिया भर के नागरिक भी महाकुम्भ के इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने और भारतीय संस्कृति से अभिभूत हुए। संगम के तट पर भारतीय और विदेशी श्रद्धालु एक साथ जय श्री राम, हर हर गंगे और बम बम भोले के उद्घोष करते हुए गंगा में स्नान करते नजर आए।

इस बार के महाकुम्भ में एकता का अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जहां दिल्ली, पंजाब, असम, पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के श्रद्धालु शामिल हुए। इसके साथ ही अमेरिकी, इजरायली, फ्रांसीसी और अन्य देशों के नागरिक भी इस धार्मिक समागम का हिस्सा बने।

महाकुम्भ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति को भी प्रदर्शित किया। विदेशी नागरिकों ने यहां के व्यवस्थापन, स्वच्छता और ऊर्जा को सराहा। उन्होंने कहा कि यह एक बड़े मंदिर जैसा अनुभव है और यहां की शांतिपूर्ण ऊर्जा उन्हें सुकून दे रही है।

The post मकर संक्रांति पर महाकुम्भ ने दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
महाकुंभ विशेष 2025: विश्व की आस्था का संगम, विदेशी श्रद्धालुओं की जुबानी भारत का आध्यात्मिक जादू https://vishwavarta.com/mahakumbh-2025-special-spiritual-journey-of-devotees-from-all-over-the-world/118476 Mon, 13 Jan 2025 18:33:34 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118476 “महाकुंभ 2025, प्रयागराज में दुनिया भर के श्रद्धालुओं का अद्भुत आध्यात्मिक संगम है। इस धार्मिक आयोजन में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम आस्था और शांति का प्रतीक बन चुका है, जहाँ विदेशी श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव करने के लिए पहुंच रहे हैं।” विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: 144 …

The post महाकुंभ विशेष 2025: विश्व की आस्था का संगम, विदेशी श्रद्धालुओं की जुबानी भारत का आध्यात्मिक जादू appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
“महाकुंभ 2025, प्रयागराज में दुनिया भर के श्रद्धालुओं का अद्भुत आध्यात्मिक संगम है। इस धार्मिक आयोजन में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम आस्था और शांति का प्रतीक बन चुका है, जहाँ विदेशी श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव करने के लिए पहुंच रहे हैं।”

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: 144 साल बाद प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ ने न केवल भारत के भक्तों बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित किया है।

यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम अनगिनत आस्थाओं और संस्कृतियों को एकजुट कर रहा है। विदेशी श्रद्धालु यहां मोक्ष की तलाश, आध्यात्मिक शांति और भारतीय संस्कृति का अनुभव करने आए हैं।

“भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है,” संगम में डुबकी लगाने के बाद ब्राजील से आए फ्रांसिस्को।

फ्रांसिस्को बताते हैं, “मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की तलाश में हूं। संगम में डुबकी लगाना मेरे लिए जीवन बदलने वाला अनुभव है। यहां आकर मुझे आत्मा की शांति मिली है। जय श्रीराम।”


साउथ अफ्रीका की निक्की कहती हैं, “यहां की ऊर्जा अभूतपूर्व है। गंगा के संगम में डुबकी लगाकर मैं धन्य महसूस करती हूं।”

निक्की, जो सनातन धर्म का पालन करती हैं, भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता से गहराई से प्रभावित हैं। वह कहती हैं, “गंगा का पवित्र जल आत्मा को शुद्ध करता है। यहां आकर मेरी सभी इच्छाएं पूरी हो गईं।”

स्पेन के जोस ने कहा, “महाकुंभ में आना मेरा सपना था, और यह अब पूरा हुआ।”

जोस बताते हैं, “मैंने गंगा में डुबकी लगाई और महसूस किया कि यह स्थान अनमोल है। मुझे भारत आने का मौका मिला, और यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा अनुभव है।”

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल जॉब्स ने महाकुंभ में भारतीय आध्यात्मिकता का अनुभव किया।

लॉरेन बताती हैं, “स्टीव हमेशा भारत के आध्यात्मिक पक्ष की तारीफ करते थे। यहां आकर मैंने उनकी बातों का मतलब समझा। महाकुंभ में आना आत्मा को छू लेने वाला अनुभव है। यह देश एक गहरा संदेश देता है—शांति, समर्पण और मोक्ष।”

रूस के जेरेमी ने कहा, “यहां आस्था और तर्क का अद्भुत संतुलन है। सात साल से सनातन धर्म का पालन कर रहा हूं।”

जेरेमी कहते हैं, “भारत में धर्म को केवल आस्था नहीं, बल्कि एक तर्कसंगत जीवनशैली के रूप में देखा जाता है। महाकुंभ इस बात का प्रमाण है कि आध्यात्मिकता जीवन को सही दिशा में ले जाती है।”

कार्लोस गंगा किनारे मोक्ष की प्राप्ति के लिए आये हैं


कोलंबिया के कार्लोस ने कहा, “44 साल बाद भारत आकर महाकुंभ का हिस्सा बनना मेरा सपना था।”

कार्लोस ने कहा, “मैंने गंगा किनारे ध्यान किया और महसूस किया कि यह स्थान ईश्वर के सबसे करीब है। यह अनुभव मेरे जीवन को बदलने वाला है।”

विदेशी श्रद्धालु शाही स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ते हुए।

“शाही स्नान का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है,” जोनाथन, अमेरिका।

“गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम: आस्था का महासागर।”

महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आस्था और मानवता का जश्न है। यह आयोजन दुनियाभर के लोगों को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष का संदेश देता है।

भारत के इस अनोखे आयोजन ने विदेशी श्रद्धालुओं के मन में एक स्थायी छाप छोड़ी है। यहां की संस्कृति, परंपराएं और लोग यह संदेश देते हैं कि भारत में हर व्यक्ति का स्वागत खुले दिल और आत्मीयता से किया जाता है।

The post महाकुंभ विशेष 2025: विश्व की आस्था का संगम, विदेशी श्रद्धालुओं की जुबानी भारत का आध्यात्मिक जादू appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
महाकुम्भ का संगम घाट बना दुनिया का प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र https://vishwavarta.com/the-confluence-ghat-of-maha-kumbh-has-become-the-worlds-main-spiritual-center/118341 Mon, 13 Jan 2025 09:17:02 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118341 महाकुम्भ 2025 में विदेशी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव किया। संगम घाट पर गूंजे जय श्री राम और हर हर गंगे के जयकारे, जिससे महाकुम्भ ने विश्व एकता का प्रतीक बनकर एक नई ऊँचाई हासिल की। महाकुम्भनगर, 13 जनवरी : महाकुम्भ इस बार केवल भारत ही …

The post महाकुम्भ का संगम घाट बना दुनिया का प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
महाकुम्भ 2025 में विदेशी श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव किया। संगम घाट पर गूंजे जय श्री राम और हर हर गंगे के जयकारे, जिससे महाकुम्भ ने विश्व एकता का प्रतीक बनकर एक नई ऊँचाई हासिल की।

महाकुम्भनगर, 13 जनवरी : महाकुम्भ इस बार केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं का केंद्र बन गया है। संगम घाट पर विदेशी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने इसे विश्व एकता का प्रतीक बना दिया है। स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच जैसी विभिन्न भाषाओं में जय श्री राम और हर हर गंगे के जयकारे गूंज रहे थे। महाकुम्भ के इस भव्य आयोजन में शामिल हुए श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर अपने पापों को धोने और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करने पहुंचे थे।

जर्मनी की रहने वाली क्रिस्टीना ने कहा, “यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। महाकुम्भ का अनुभव अविस्मरणीय है।” रूस से आए मिखाइल ने इसे अपने जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव बताया, जबकि इटली और ऑस्ट्रेलिया से आए श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ की भव्यता और भारत की संस्कृति की सराहना की।महाकुम्भ न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक महान आयोजन है, जो भारत के गौरव को दुनिया भर में प्रदर्शित करता है।

इस आयोजन ने सनातन संस्कृति के प्रति विदेशी श्रद्धालुओं में गहरी रुचि और आस्था उत्पन्न की है।महाकुम्भ का संगम घाट इस बार एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है, जहां विदेशी भक्तों के लिए भारत की आध्यात्मिकता और संस्कृति का वास्तविक अनुभव हुआ। महाकुम्भ ने दुनिया को यह संदेश दिया कि आध्यात्मिकता और धर्म केवल एक देश या संस्कृति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये विश्व के हर कोने तक फैल सकते हैं।

The post महाकुम्भ का संगम घाट बना दुनिया का प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
कल्पवास में त्याग, संयम और संकल्प की अद्भुत मिसाल बने दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी https://vishwavarta.com/dinesh-swaroop-brahmachari-became-a-wonderful-example-of-sacrifice-restraint-and-determination-in-kalpavas/118197 Sun, 12 Jan 2025 11:18:25 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118197 महाकुम्भ के संगम तट पर कल्पवास में 41 साल से तपस्या कर रहे दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी का संकल्प और त्याग दुनिया को हैरान कर रहा है। बिना अन्न और जल के सिर्फ चाय पर जीवन यापन करते हुए, वह प्रतियोगी छात्रों को शिक्षा का अनोखा दान दे रहे हैं। महाकुंभ के संगम तट पर जहां …

The post कल्पवास में त्याग, संयम और संकल्प की अद्भुत मिसाल बने दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
महाकुम्भ के संगम तट पर कल्पवास में 41 साल से तपस्या कर रहे दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी का संकल्प और त्याग दुनिया को हैरान कर रहा है। बिना अन्न और जल के सिर्फ चाय पर जीवन यापन करते हुए, वह प्रतियोगी छात्रों को शिक्षा का अनोखा दान दे रहे हैं।

महाकुंभ के संगम तट पर जहां लाखों लोग आस्था, भक्ति और तपस्या में लीन हैं, वहीं कल्पवास करने वाले दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी का संकल्प और त्याग एक अद्भुत मिसाल पेश कर रहा है। महोबा के रहने वाले दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी पिछले 41 सालों से लगातार कल्पवास कर रहे हैं। उनका जीवन एक तपस्या की तरह है, जहां उन्होंने अन्न और जल का त्याग कर केवल चाय के सहारे साधना की है।

दिनेश स्वरूप का संकल्प इतना दृढ़ है कि उन्होंने अपनी जीवनशैली को पूरी तरह से संयमित कर लिया है। वह हर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करते हैं और फिर पूजा-अर्चना के बाद दंडी स्वामी साधुओं के लिए भोजन तैयार करते हैं, लेकिन स्वयं भोजन नहीं करते। उनके जीवन का यह संकल्प उन्हें “पयहारी” के नाम से प्रसिद्ध कर चुका है। उनका यह अनोखा तपस्वी जीवन न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से बल्कि उनके द्वारा किए गए शिक्षा के दान के लिए भी चर्चा में है।

दिनेश स्वरूप का शिक्षा के प्रति प्रेम और समर्पण भी अनोखा है। वह अपने शिविर में पीसीएस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मुफ्त में नोट्स उपलब्ध कराते हैं। इस दौरान, वह हर छात्र को प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए जरूरी किताबों का सारांश अपने नोट्स के रूप में प्रदान करते हैं। कई छात्र उनके नोट्स के सहारे पीसीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त कर चुके हैं।

दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी का जीवन एक प्रेरणा है, जो यह सिद्ध करता है कि अगर संकल्प मजबूत हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता और संतोष प्राप्त किया जा सकता है।

The post कल्पवास में त्याग, संयम और संकल्प की अद्भुत मिसाल बने दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>