Saturday , April 27 2024

गुरु शिष्य का संबंध प्रगाढ़ होने से होता है कायाकल्प : डॉ. पण्ड्या

unnamed (6)हरिद्वार । अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉण् प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति जितनी प्राचीन हैए उतनी ही गुुरु पूर्णिमा का प्रचलन। गुरु से शिष्य का संबंध प्रगाढ़ होने से ही उसका कायाकल्प होता है। गुरु अपने शिष्य को ऐसे सांचे में ढालता हैए जिससे उसका सभी प्रकार का कल्याण हो।  डॉ. पण्ड्या गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित गुरुपूर्णिमा-व्यास पूर्णिमा के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अपने आराध्यदेव-सद्गुरु के चरणों में श्रद्धांजलि समर्पित करने आये हजारों शिष्यगण उपस्थित थे। उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्यए स्वामी रामकृष्ण आदि सद्गुरु को याद करते हुए कहा कि अनगढ़ शिष्य को सुगढ़ बनाने में गुरु अपना सब कुछ लगा देता है। ऐसे ही पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा जी ने अपने शिष्यों के लिए गायत्री साधना का सरलीकरणए समस्त समस्याओं के समाधानपरक साहित्य की रचना की एवं विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों का संचालन किया। उनके पदचिन्हों पर चलते करोड़ो शिष्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित हैं। डॉ. पण्ड्या गीता, उपनिषद् आदि सद्ग्रंथों के सूत्रों का उल्लेख करते हुए शिष्य के श्रद्धा संवर्धन के विविध सूत्रों की व्याख्या की।  देसंविवि के कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने कहा कि अपने घर से एक युवा को ऐसे गढ़ें बनायें जो लोकसेवी बनें और समर्पणभाव से समाज निर्माण का कार्य करें। साथ ही डॉ. पण्ड्या ने लोक आराधना के रूप में जलस्रोतों का संरक्षण करने एवं वृक्षारोपण को गति देने का आहवान किया।  संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि सद्गुरु शिष्य की पात्रता विकसित करने के लिए उसे उपासनाए साधना एवं आराधना की कसौटी में कसता है। इस दौरान सद्गुरु अपने शिष्य के निकट रहकर कुम्हार की भांति अंदर से सहारा देता और बाहर से परीक्षा लेता है। उन्होंने कहा कि गुरु व्यास के रूप में अपने शिष्यों के चरित्रए ज्ञानए वाणी व व्यवहार को सुधारने के लिए सत्साहित्य की रचना करता है और उसे प्रदान करता है। जिससे शिष्य अपनी पवित्रता का विकास कर सके। सद्गुरु अपने शिष्य की पात्रता के अनुरूप उनमें चेतना भरता है। इससे पूर्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉण् पण्ड्या एवं शैल दीदी ने गुरुपूर्णिमा-व्यासपूर्णिमा का वैदिक कर्मकाण्ड के साथ पूजन किया।  मुख्य कार्यक्रम के समापन अवसर पर डॉ. पण्ड्या ने हिन्दी, ओडिया, मराठी, बंगला तथा पंजाबी भाषा के पुस्तकें तथा वर्ष २०१७ का पंचांग का विमोचन किया। मुख्य कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजमोहन गौड़ ने किया। इस अवसर पर वृक्षारोपण को गति देने के उद्देश्य से प्रतीक रूप में पाँच व्यक्तियों को रुद्राक्ष व सीता अशोक के एक.एक पौधा भेंट किये। शांतिकुंज उद्यान विभाग प्रभारी सुधीर भारद्वाज के बताया कि गुरुधाम आये साधकों को गुरुप्रसाद के रूप में ५७७३ पौधे निःशुल्क दिये गये।
वहीं शांतिकुंज में विद्यारंभए उपनयनए मुण्डनए विवाह आदि संस्कार बड़ी संख्या में निःशुल्क संपन्न कराये गये। गुरुदीक्षा भी सैकड़ों की संख्या में हुईए जिसे स्वयं युगऋषि पूज्य गुरुदेव के प्रतिनिधि के रूप में डॉ पण्ड्या ने दी। संगीत विभाग के युग गायकों द्वारा सुन्दर प्रस्तुतियाँ दी गयीं। सायं भव्य दीप महायज्ञ सम्पन्न हुआ।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com