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दमण-दीव-दानह भाजपा अध्यक्षों और भाजपा सांसदों का बयान ही भाजपा का अधिकृत बयान अब माना जा सकता है

2016103705 नई दिल्ली में गृह मंत्रालय के साथ दोनों प्रदेशों के भाजपा प्रतिनिधि मंडल की बैठक के बाद लिया गया निर्णय
– भाजपा के हाईकमान द्वारा दोनों संघ प्रदेशों के लिए जारी किया गया मौखिक आदेश
– दोनों प्रदेशों के भाजपा अध्यक्ष दमण-दीव-दानह प्रशासन को लिखित में देंगे इस बात की जानकारी – दोनों संघ प्रदेशों में अलग-अलग भाजपाईयों द्वारा प्रशासन के विभिन्न विभागों में भेजे जा रहे लगातार पत्रों से भाजपा पार्टी का स्टेंड बटा हुआ नजर आता था
दमण 23 जुलाई, (असली आजादी संवाददाता)। दमण-दीव, दादरा नगर हवेली में भाजपा पार्टी के किसी भी मुद्दे पर स्टेंड बावत लगातार फैल रही असमंजस की स्थिति को दूर करने का रास्ता भाजपा हाईकमान ने ढूंढ लिया है। भाजपा के सूत्रों की माने तो पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित गृह मंत्रालय के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि दमण-दीव एवं दादरा नगर हवेली में भाजपा प्रदेश अध्यक्षों एवं भाजपा सांसदों का बयान या पत्र ही भाजपा का स्टेंड माना जाएगा। सूत्र यह भी बताते हैं कि दोनों प्रदेशों के भाजपा अध्यक्षों को इस निर्णय की जानकारी लिखित में दोनों प्रदेशों के प्रशासन को देने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि दमण-दीव एवं दादरा नगर हवेली में कोई भी भाजपा का नेता चाहे वह मंडल का हो, शहर का हो, जिला का हो या प्रदेश का हो, या फिर पूर्व पदाधिकारी हो, धडाधड प्रशासन के विभिन्न विभागों में पत्र भेजते रहते हैं। खासकर जिन विभागों में सबसे ज्यादा ठेकेदारी होती है उन विभागों के इंजीनियरों एवं संबंधित सचिवों को पत्र लिखकर गुमराह करने की लगातार कोशिश की जाती रही है। जिस प्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा सांसद कोई विकास प्रोजेक्ट को लागू कराने के लिए मेहनत करता हो वहां इधर-उधर से भाजपा के लेटरपेड पर लेटर बनवाकर विभागों में जमा करवाकर उन प्रोजेक्टों को विरोध किया जा रहा है। प्रशासन भी दोनों संघ प्रदेशों के कुछभाजपाईयों की हरकत से लगातार परेशान था। क्योंकि केन्द्र में भाजपा की सरकार है और केन्द्र सरकार के सीधे मार्गदर्शन में दोनों संघ प्रदेशों में प्रशासन कार्यरत है। ऐसे में प्रशासन के खिलाफ ही लगातार लेटरबाजी हो रही थी। प्रशासन असमंजस में था कि दोनों संघ प्रदेशों में आखिकार किसके बयान या पत्र को भाजपा का अधिकृत बयान या पत्र माना जाए। लेकिन अब भाजपा हाईकमान के निर्देश पर लगभग अगले सप्ताह दोनों संघ प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित में इस बात की जानकारी दी जा सकती है जिसमें सिर्फ भाजपा अध्यक्षों और भाजपा सांसदों के बयानों एवं पत्रों को ही अधिकृत रुप से भाजपा का पक्ष (स्टेंड) माना जाए।

 
 
 
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