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आचार्य बालकृष्ण की बड़ी चेतावनी, यूपी से बाहर नहीं जाएगा पतंजलि का फूड पार्क

पतंजलि आयुर्वेद का नोएडा में प्रस्तावित मेगा फूड पार्क अब बाहर नहीं जाएगा। किसानों और बेरोजगारों को हितों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने उसकी शर्तें मान ली हैं।

 पतंजलि आयुर्वेद का केंद्र सरकार की मदद से स्थापित होने वाले मेगा फूड पार्क के लिए 91 एकड़ भूमि दी जाएगी। इसके लिए मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला किया गया कि संबंधित प्रस्ताव 12 जून को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।

पतंजलि आयुर्वेद के एमडी और पतंजलि योगपीठ के सह संस्थापक आचार्य बालकृष्ण की ओर से मंगलवार को नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रस्तावित पंतजलि फूड पार्क को यूपी से बाहर ले जाने के एलान से खलबली मच गई थी। 

दरअसल प्रदेश सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को 2016 में यमुना एक्सप्रेस-वे पर 465 एकड़ जमीन फूड एंड हर्बल पार्क की स्थापना के लिए दी थी। इस बीच कंपनी ने केंद्र सरकार से भी एक मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए आवेदन किया था।

बताते हैं कि इसमें कंपनी को केंद्र से करीब 150 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी। पिछले दिनों केंद्रीय टीम ने प्रस्तावित स्थल का भ्रमण किया और सब्सिडी के लिए 50 एकड़ जमीन पर अलग फूड पार्क बनाने की शर्त बताई।

इसके बाद कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को प्रदेश सरकार से दी गई 465 एकड़ जमीन में से 50 एकड़ जमीन ट्रांसफर करने का आग्रह किया। लेकिन, अथॉरिटी के स्तर से इस पर कोई फैसला नहीं किया गया।

बालकृष्ण की घोषणा से मचा था हड़कंप

इस बीच बालकृष्ण ने यह कहकर हड़कंप मचा दिया कि केंद्र सरकार से स्वीकृत मेगा पार्क प्रोजेक्ट रद्द हो गया है और ऐसा प्रदेश सरकार के अफसरों की उदासीनता के चलते हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि प्रोजेक्ट को किसी दूसरे राज्य में ले जाने का फैसला कर लिया गया है। हालांकि, प्रदेश सरकार के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क प्रोजेक्ट रदद् नहीं हुआ है।

बताते हैं कि बालकृष्ण की घोषणा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने इस संबंध में बाबा रामदेव से लंबी बातचीत की। साथ ही तत्काल कोई हल निकालने का आश्वासन दिया। सीएम के निर्देश पर बुधवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने औद्योगिक निवेश आयुक्त और प्रमुख सचिव, खाद्य प्रसंस्करण के साथ बैठक की।

तय हुआ कि पंतजलि को दी गई भूमि में से 91 एकड़ भूमि केंद्रीय परियोजना के लिए दी जाएगी। इसके लिए 2 नवंबर 2016 को पंतजलि आयुर्वेद के लिए दी गई जमीन की शर्तों में संशोधन किया जाएगा। चूंकि पूर्व में निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया था, इसलिए इस बार भी 12 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में संशोधन प्रस्ताव को रखा जाएगा। सरकार के रुख को देखते हुए उस दिन इस प्रस्ताव पर मुहर लगना तय माना जा रहा है।

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