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दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने वार्ता समाप्त होने तक यूपी गेट पर ही रुकने का फैसला लिया

दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने वार्ता समाप्त होने तक यूपी गेट पर ही रुकने का फैसला लिया

दिल्ली जाने पर अड़े किसानों को मनमाने की कवायद एक बार फिर शुरू कर दी गई है। अधिकारियों के विफल होने पर अब फिर किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पास वार्ता के लिए ले जाया जा रहा है। उधर दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने वार्ता समाप्त होने तक यूपी गेट पर ही रुकने का फैसला लिया है। हजारों की संख्या में किसानों ने यूपी गेट पर दोनों तरफ के मार्ग पर कब्जा कर लिया है। मालूम हो कि सोमवार देर शाम भी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान प्रतिनिधिमंडल से वार्ता कर उन्हें समझाने का प्रयास किया था। हालांकि, किसान उनकी बात से सहमत नहीं हुए थे। दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने वार्ता समाप्त होने तक यूपी गेट पर ही रुकने का फैसला लियाकिसान क्रांति रैली यूपी गेट पहुंचने लगी है। यूपी गेट पर धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ रही है। गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्णन यूपी गेट के पास ही किसानों को रोककर उनसे बातचीत कर समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

किसान दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाने पर अड़े हुए हैं। किसानों ने एसएसपी वैभव कृष्ण से कहा कि उन्हें दिल्ली जाने दिया जाए। वह कोई उपद्रव नहीं करेंगे। शांति से राजघाट जाएंगे। एसएसपी ने वार्ता का आश्वासन दिया।

यूपी गेट पर रोके जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी नरेश टिकैत ने अधिकारियों से पूछा है कि उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उनकी रैली पूरे अनुशासन के साथ बढ़ रही है। अगर हम अपनी समस्याएं अपनी सरकार के सामने नहीं रखेंगे तो किससे कहेंगे। क्या हम पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं।

भारतीय किसान यूनियन की किसान क्रांति यात्रा लेकर दिल्ली जा रहे 50 हजार किसानों को रोकने के लिए राजधानी की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। इससे दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों पर भीषण जाम लग गया है। किसानों की रैली किसी भी रास्ते से दिल्ली में प्रवेश न कर सके, इसके लिए सभी रास्तों पर भारी पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है। उधर किसानों की रैली साहिबाबाद के डाबर तिराहे पर पहुंच चुकी है।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को ही घोषणा कर दी थी कि किसानों की रैली को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को ही एनएच-24 समेत दिल्ली के अन्य प्रमुख मार्गों पर बैरीकेडिंग कर रास्ते सील कर दिए थे। हालांकि शाम को दिल्ली में भारी जाम लगने पर थोड़ी देर बाद ही पुलिस ने बैरीकेडिंग हटा लिए थे। किसान यूनियन ने पहले से ही घोषणा कर रखी है कि वह मंगलवार को दिल्ली कूच करेंगे।

दिल्ली पुलिस के अनुसार किसी भी सूरत में किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। उधर किसान भी रैली लेकर दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं। ऐसे में यूपी गेट पर पुलिस और किसानों के बीच टकराव के पूरे आसार है। हर परिस्थिति से निपटने के लिए यूपी गेट पर दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस मुस्तैद है। यूपी गेट पर वाटर कैनन समेत, दंगा नियंत्रण टीमों को तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों समेत यूपी पुलिस के तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद है।

दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अमूल्य पटनायक भी मौके पर पहुंच चुके हैं। यूपी पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार और डीआइजी राम कुमार भी मौके पर मुस्तैद हैं। गाजियाबाद की डीएम रितु माहेश्वरी भी मौके पर मौजूद हैं। दिल्ली पुलिस के जॉइंट सीपी पूर्वी रेंज ने लाउडस्पीकर के माध्यम से यूपी गेट पर तैनात जवानों को जानकारी दी है कि हजारों किसान राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली में प्रवेश करने के लिए यूपी गेट की ओर बढ़ रहे हैं। रोकने पर वह बैरिकेड तोड़ने की कोशिश करेंगे। उन्होंने पुलिस व अर्द्धसैनिक टीम को हर परिस्थिति से निपटने के लिए अलर्ट रहने को कहा है।

मुख्यमंत्री से वार्ता रही विफल
किसानों को समझाने के लिए सोमवार देर शाम गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उनके प्रतिनिधिमंडल को मिलने बुलाया था। हालांकि प्रशासन ने देर रात किसानों की वार्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करवाई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम व्यस्त है।वह अभी किसानों से नहीं मिल सकते। उन्होंने किसानों को जल्द ही उनकी मांगों पर हल निकालने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान दिल्ली कूच करने की बात पर अड़े रहे। किसानों ने प्रधानमंत्री से मिले बिना लौटने से इन्कार कर दिया।

डीएम-एसएसपी ने किया समझाने का प्रयास
मुख्यमंत्री से बात करने से पहले सोमवार शाम को गाजियाबाद के जिस फॉर्म हाउस में किसानों को ठहराया गया था, वहां डीएम डीएम रितु माहेश्वरी और एसएसपी वैभव कृष्ण ने किसान प्रतिनिधियों से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया था। करीब एक घंटे तक दोनों अधिकारी बंद कमरे में किसान प्रतिनिधियों संग वार्ता करते रहे। हालांकि वार्ता खत्म होने के बाद नतीजा सिफर निकला। दोनों अधिकारी भी किसानों को समझाने में असफल रहे। इसके बाद किसानों की बात मुख्यमंत्री से कराई गई।

राकेश टिकैत ने बोला सरकार की गलत नीतियां हैं जिम्मेदार
‘देश का अन्नदाता आज दुखी है। किसान कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। किसान आज सड़कों पर हैं। इसके लिए पूरी तरह से सरकार और उसकी गलत नीतियां जिम्मेदार हैं। जब तक इस देश में किसान दुखी रहेगा। तब तक तरक्की की बात करना पूरी तरह निर्थक है।’ यह बातें रविवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने राज चौपले के निकट स्वागत कार्यक्रम में कहीं।

नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह किसानों के कर्ज माफ करे। किसानों को मुफ्त बिजली दे। साथ ही ऐसी नीति बनाए जिससे किसान अपनी फसल का भाव खुद तय कर सके। किसान को छोड़कर दुनिया में ऐसा कोई भी उत्पादनकर्ता नहीं है, जिसके सामान का भाव कोई दूसरा तय करता हो। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में दो अक्टूबर को लाखों किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखेंगे। किसानों की मागों और समस्याओं का सरकार कोई हल नहीं निकालेगी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। किसी भी सूरत में सरकार विरोधी नीतियों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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