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देश में बाकी दुनिया से अभी भी महंगा है ‘मोबाइल इंटरनेट’

4gलखनऊ। जियो के रेट घटने से चारों तरफ हल्ला हो रहा है कि डिजिटल दुनिया में क्रांति आ गई है। देश में इंटरनेट बहुत सस्ता हो गया है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। भारत में इंटरनेट की दरें अभी भी वैश्विक स्तर से थोड़ा ज्यादा हैं। डिजिटल मीडिया पर लगातार रिसर्च करने वाली सबसे बडी कंसल्टिंग फर्म मसोन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में एक इंटरनेट यूजर्स एक जीबी डेटा के लिए अभी तक औसतन 228 रुपए खर्च करता है। वैश्विक मानकों के हिसाब से यह लगभग पांच गुना महंगा है। अमेरिका और यूरोप में इंटरनेट यूजर एक जीबी डेटा के लिए औसतन 47 रुपए खर्च करता है। जियो क्रांति के बाद भी भारत में इंटरनेट की दरें वैश्विक दरों से थोड़ी महंगी ही होंगी। डिजिटल फील्ड के भारतीय एक्सपर्ट का कहना है कि दूसरी कंपनियां भी अपने रेट घटाएंगी और उसके बाद भी वह बाजार में टिकी रहेंगी। यानि रेट घटाने के बाद भी कंपनियां घाटे में नहीं रहेंगी। एक्सपर्ट यह भी कह रहे हैं कि मौजूदा दौर में क्वालिटी पर कोई कंपनी ध्यान नहीं दे रही है, लड़ाई सिर्फ टैरिफ की हो रही है।

देश में 67 करोड़ लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से 10 करोड़ लोग रोजाना इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। मसोन का आकलन है कि भारत में 2020 तक मोबाइल में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 73 करोड़ तक पहुंच सकती है। टेलिकॉम एक्सपर्ट प्रशांत सिंघल का कहना है कि कंज्यूमर्स के लिहाज से यह निश्चित तौर पर अच्छा है। हालांकि हमें यह देखना है कि यह टैरिफ कितना टिकाऊ होता है। जीएसएम इंडस्ट्री से जुड़ी संस्था सेल्युलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने कहा कि टेलिकॉम सेक्टर में मुकाबले के लिए जमीन तैयार हो चुकी है। एक तरफ रिलायंस जियो, रिलायंस कम्युनिकेशंस, एयरटेल और एमटीएस हैं। दूसरी तरफ भारती, वोडाफोन और आइडिया हैं। उनका यह भी कहना है कि सभी टेलिकॉम कंपनियां जियो के ऑफर का मुकाबला कर सकती हैं।

फ्री वॉयस कॉलिंग नहीं दे रही जियो-

images (2) सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज  जियो की तरफ ऐलान किए टैरिफ को समझाते हुए बताते हैं कि वास्तव में यह फ्री वॉयस कॉलिंग नहीं है। कॉलिंग को डेटा के साथ जोड़ा गया है, यानि जब वह डेटा के लिए एक जीबी का ऑफर देगी तो इसमें वॉयस कॉलिंग फ्री होगी। इसका मतलब यह है कि उसी एक जीबी का इस्तेमाल वॉयस और डेटा दोनों के लिए किया जाएगा। आपको यह समझने की जरूरत है कि जियो जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है, उसमें नेटवर्क के जरिए डायल की गई वॉयस कॉल भी में एक जीबी डेटा की खपत होगी और बाकी का इस्तेमाल डेटा में होगा।

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