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नोटबंदी पर केंद्र और आरबीआई को नोटिस, 10 मार्च तक देना है जवाब

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चलन से बाहर किए जा चुके 1000 और 500 रुपये के नोटों को 31 मार्च तक जमा कराने के लिए दायर एक याचिका पर सोमवार को केन्द्र और भारतीय रिजर्व बैंक से जवाब तलब किया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि वादा करने के बावजूद अब लोगों को पुराने नोट जमा नहीं करने दिए जा रहे हैं।

प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की तीन सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता शरद मिश्रा की याचिका पर केन्द्र और रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किए।

इन नोटिस का जवाब 10 मार्च तक देना है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस दरम्यान नोटिस की प्रति की केन्द्र और रिजर्व बैंक पर तामील करे।

याचिका में पीएम मोदी के आठ नवंबर, 2016 के भाषण और इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक की अधिसूचना का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया था कि लोग 31 दिसंबर, 2016 के बाद भी प्रक्रियागत औपचारिकता पूरी करके 31 मार्च, 2017 तक रिजर्व बैंक की शाखाओं मे बंद की जा चुकी मुद्रा जमा कर सकते हैं।

पीठ ने इस दलील पर विचार किया कि रिजर्व बैंक का पिछला अध्यादेश पीएम और रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए आश्वासन का हनन करता है। इस अध्यादेश में सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को ऐसे नोट 31 तक जमा कराने की अनुमति दी गई है, जो इस अवधि में देश से बाहर थे।

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