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पनकी-भाऊपुर तीसरे रेल लाइन पर हादसा हुआ। तीन घंटे तक रेलवे प्रशासन और शव उठाने के लिए एंबुलेंस न आने से भड़का गुस्सा

रेलवे की लापरवाही ने मंगलवार दोपहर दो ट्रैकमैन की जान ले ली। पनकी-भाऊपुर थर्ड रेलवे लाइन पर भौंती के पास मेंटीनेंस कार्य के दौरान दोनों मालगाड़ी की चपेट में आ गए। ट्रैक पर काम कराने से पहले कंट्रोल रूम को कॉसन की सूचना नहीं दी गई। नियम का पालन किए बिना ट्रैकमैन काम पर भेज दिए गए। पौने तीन घंटे तक शव लेने जब एंबुलेंस नहीं आई तो साथी ट्रैकमैन आक्रोशित हो गए। दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग जाम कर दिया। पौन घंटे तक रेलमार्ग जाम होने से ट्रेनों के पहिए थम गए। इसके बाद रेलवे सिस्टम हरकत में आया। 
दिल्ली-हावड़ा रेल टै्रक पर हाल ही में पनकी-भाऊपुर के बीच तीसरी लाइन पर यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ है। मंगलवार को इस पर भौंती रेलवे फाटक के पास रबर पैड और पेनड्रॉल क्लिप बदलने का काम चल रहा था। दोपहर तीन बजे ट्रैकमैन सोबरन सिंह (25) निवासी ललितपुर और नीरज कुमार यादव (25) निवासी धानीखेड़ा (उन्नाव) कॉसन बोर्ड लेकर ट्रैक के बीच से जा रहे थे। इस बीच पोल नंबर 1007-1009 के बीच कानपुर की तरफ से पीछे आई मालगाड़ी से कटकर दोनों ट्रैकमैन की मौत हो गई। 
आरोप है कि मालगाड़ी ने हार्न तक नहीं बजाया, जिससे दोनों सचेत हो पाते। हादसा देख वहां काम कर रहे अन्य ट्रैकमैन पहुंचे। सचेंडी पुलिस और रेलवे के अधिकारी भी पहुंचे। इस बीच साथियों ने दोनों शव तीसरी रेलवे लाइन पर लाकर रख दिया, जिससे यह रेल मार्ग बंद हो गया। बराबर मांग के बावजूद एंबुलेंस न आने पर आक्रोशित ट्रैकमैनों ने शाम 5:53 बजे दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक जाम कर दिया और ट्रेनों को लाल बत्ती दिखा रोक लिया गया। आननफानन स्टेशन डायरेक्टर डॉक्टर जितेंद्र कुमार पहुंचे। 
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ब्लॉक व कॉसन लिए बगैर काम कराने से ट्रैकमैन की जान गई। इस बीच प्राइवेट एंबुलेंस पहुंची, लेकिन हंगामा देखकर चालक एंबुलेंस सहित भाग खड़ा हुआ। स्टेशन डायरेक्टर के समझाने पर शवों को रेलवे के ट्रक पर लादकर पोस्टमार्टम के लिए रवाना किया गया। 6:41 बजे रेल यातायात दोबारा शुरू हो सका। इस बीच ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोकना पड़ा। करीब दो दर्जन ट्रेनें इस दौरान प्रभावित हुईं। डीआरएम अमिताभ कुमार ने कहा कि जांच के लिए मुख्यालय स्तर पर एक अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। फिलहाल जो रिपोर्ट मिली है, उसके अनुसार काम ब्लॉक लेकर हो रहा था। ट्रैकमैन दुर्भाग्य से ब्लॉक से इतर दूसरे रेलवे ट्रैक पर चले गए। हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है। मृतकों के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। 
एक साल पहले हुई थी दोनों की शादी
सोबरन और नीरज दोनों हमउम्र थे। दोनों की शादी भी पिछले वर्ष ही 13 दिनों के अंतराल पर हुई थी। उनकी एक साथ मौत ने न केवल साथियों को रुला दिया बल्कि उनके परिवार में कोहराम मच गया। घटनास्थल पर पहुंचे नीरज के भाई पंकज यादव ने बताया कि उसके भाई की शादी पिछले वर्ष 17 नवंबर को ही हुई थी। सोबरन की शादी 29 नवंबर को हुई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती थी, इसलिए एक साथ काम पर रहते थे। सोबरन गंगागंज स्थित एक हॉस्टल में अपने एक दोस्त के साथ रहता था। हादसे की सूचना पर सोबरन के परिजन कानपुर के लिए ललितपुर से चल पड़े थे। 

दो दर्जन ट्रेनें प्रभावित
पौन घंटे रेल यातायात बंद रहने से दिल्ली-हावड़ा रूट पर दोनों ओर करीब दो दर्जन ट्रेनें प्रभावित रही। करीब छह मालगाडिय़ों को लूप लाइन में लेकर खड़ा कर दिया गया जबकि डेढ़ दर्जन यात्री ट्रेन प्रतीक्षारत हो गईं। हावड़ा-जोधपुर, अजमेर-सियालदाह को सेंट्रल स्टेशन पर ही रोक लिया गया, मुरी एक्सप्रेस को पनकी आउटर पर रोका गया। भौंती रेलवे फाटक पर पनकी से इटावा की ओर जा रही मालगाड़ी और इटावा की ओर से टै्रक मशीन को जबरन रोक लिया गया। 

पौने तीन घंटे बंद रहा रेलवे फाटक
हादसे के बाद चार बजे भौती रेलवे फाटक बंद कर दिया गया। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। ट्रैकमैनों ने गेट खोलने से इन्कार कर दिया। पौने सात बजे तक रेलवे फाटक बंद रहने से करीब डेढ़ सौ वाहन फंस गए।

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