Saturday , April 27 2024

बिना लोको इंजन वाली इस ट्रेन का निर्माण चेन्‍नई की कोच फैक्‍टरी में किया जा रहा है.

 भारतीय रेल जल्‍द ही अपनी सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन T-18 पटरियों पर उतारने जा रही है. बिना लोको इंजन वाली इस ट्रेन का निर्माण चेन्‍नई की कोच फैक्‍टरी में किया जा रहा है. रेलवे अगली पीढ़ी की इस ट्रेन को 2018 अंत तक लांच करने की तैयारी हैं. इस रेलगाड़ी का ट्रायल उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस गाड़ी को लगभग 20 से  21 बार चला कर परीक्षण किया जाएगा. इस ट्रायल के लिए मुरादाबाद मंडल में लगभग 100 किलोमीटर के ट्रैक को चिन्हित किया जा रहा है. इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह चलाया जाना है. इस गाड़ी की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे ने बताया कि T-18 के ट्रायल के लिए तैयारियां की जा रही हैं. जल्द ही उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में इस रेलगाड़ी का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. इस ट्रायल के दौरान रेलगाड़ी की गति व तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी.

ट्रेन 18 सामान्य ट्रेन नहीं

देश की सबसे आधुनिक ट्रेन मानी जा रही ट्रेन 18 एक सामान्य ट्रेन नहीं है. दरअसल ये एक ट्रेन सेट है. इस रेलगाड़ी को चलाने के लिए इसमें कोई इंजन नहीं लगाना होता है. इस गाड़ी के अगले व पिछले हिस्से में ही इंजन होता है. ऐसे में इस गाड़ी को किसी टर्मिनल पर या रास्तें में कहीं इंजन की मदद से खींच कर घुमाने की भी जरूरत नहीं पड़ती ये आगे व पीछे दोनों दिशाओं में चलती है.

गति पड़ने में लगता है कम समय

सामान्य रेलगाड़ियों को चलने पर गति पकड़ने में कुछ समय लगता है. जबकि ट्रेन 18 तुरंत गति पकड़ लेती है. ब्रेक लगने पर भी ये कुछ सेकेंडों में ही वापस अपनी पुरानी गति को मेंटेंन कर लेती है. गाड़ी की यह खूबी इस गाड़ी की गति को बढ़ाने में मदद करती है.

 भारतीय रेल जल्‍द ही अपनी सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन T-18 पटरियों पर उतारने जा रही है. बिना लोको इंजन वाली इस ट्रेन का निर्माण चेन्‍नई की कोच फैक्‍टरी में किया जा रहा है. रेलवे अगली पीढ़ी की इस ट्रेन को 2018 अंत तक लांच करने की तैयारी हैं. इस रेलगाड़ी का ट्रायल उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस गाड़ी को लगभग 20 से  21 बार चला कर परीक्षण किया जाएगा. इस ट्रायल के लिए मुरादाबाद मंडल में लगभग 100 किलोमीटर के ट्रैक को चिन्हित किया जा रहा है. इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह चलाया जाना है. इस गाड़ी की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विश्वेश चौबे ने बताया कि T-18 के ट्रायल के लिए तैयारियां की जा रही हैं. जल्द ही उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में इस रेलगाड़ी का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. इस ट्रायल के दौरान रेलगाड़ी की गति व तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी.

ट्रेन 18 सामान्य ट्रेन नहीं

देश की सबसे आधुनिक ट्रेन मानी जा रही ट्रेन 18 एक सामान्य ट्रेन नहीं है. दरअसल ये एक ट्रेन सेट है. इस रेलगाड़ी को चलाने के लिए इसमें कोई इंजन नहीं लगाना होता है. इस गाड़ी के अगले व पिछले हिस्से में ही इंजन होता है. ऐसे में इस गाड़ी को किसी टर्मिनल पर या रास्तें में कहीं इंजन की मदद से खींच कर घुमाने की भी जरूरत नहीं पड़ती ये आगे व पीछे दोनों दिशाओं में चलती है.

गति पड़ने में लगता है कम समय

  सामान्य रेलगाड़ियों को चलने पर गति पकड़ने में कुछ समय लगता है. जबकि ट्रेन 18 तुरंत गति पकड़ लेती है. ब्रेक लगने पर भी ये कुछ सेकेंडों में ही वापस अपनी पुरानी गति को मेंटेंन कर लेती है. गाड़ी की यह खूबी इस गाड़ी की गति को बढ़ाने में मदद करती है.

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