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मोहन जोदाड़ो में एडवेंचर-रोमांस कहानी: रितिक रोशन

hrithik-poojaमोहन जोदाड़ो रितिक रोशन की बेहतर फिल्मों में से एक है। रितिक रोशन ने एक संक्षिप्त इंटरव्यू में बताया कि इस फिल्म में 2,600 बीसी पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता के युग में मोहन जोदाड़ो के शहर में एक एडवेंचर-रोमांस कहानी को दिखाया गया है। मोहन जोदाड़ो फिल्म का प्रसारण 9 अक्टूबर को दोपहर एक बजे स्टार गोल्ड पर होगा।

इस बारे में रितिक रोशन ने हुई बातचीत के मुख्य अंश-

मोहन जोदाड़ो के लिए जब आपसे संपर्क किया गया, तो मन में सबसे पहले क्या विचार आया?
पहला विचार था कि आशुतोष मेरे दोस्त हैं, पहला विचार था कि उन्होंने मुझे अकबर (जोधा अकबर) जैसी फिल्म दी और पहला विचार था कि वे एक और फिल्म में मुझे लेने पर विचार कर रहे थे, यह सोचकर बड़ी खुशी हुई। उसके बाद मैंने स्क्रिप्ट देखी, आप मेरा दूसरा विचार जानना नहीं चाहेंगे। लेकिन मैं फिर भी कहूंगा कि ‘नहीं, वह मेरा दोस्त है‘, इसलिए मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी। मुझे कहानी पसंद आई लेकिन मैंने तब तक इंतजार किया जब तक 200 पन्नों की स्क्रिप्ट 80 पन्ने तक नहीं पहुंच गई और फिर हमने इसे करने के लिए हाथ मिलाये।

सरमन का किरदार निभाकर कैसा लगा?
यह आगे बढ़ने जैसा था…किस तरह हमारे पैरेंट्स हमारी रक्षा करते हैं और फिर अचानक असली संसार हम पर हमला करता है और हम अचानक पीछे की ओर चले जाते हैं। सरमन का किरदार निभाना बेसिक्स की ओर लौटने जैसा था- उसकी यात्रा निजी सी लगी।

पूजा हेगड़े के अपोजिट आना, अपना अनुभव हमें बतायें।
ऽ पूजा रोल के लिए बिल्कुल परफेक्ट है। वह अपरिपक्व हैं लेकिन वह अपनी गलतियों को अपनी मजबूत बना लेती है। मैं यह देखकर दंग था कि वह कितनी निर्भीक है।

आपका पसंदीदा हिस्सा क्या है?
ऽ ऐक्शन डायरेक्टर्स ने फिल्म के लिए कुछ बेहतरीन ऐक्शन सीक्वेंस बनाने में जान लगा दी। हमने इन पर वाकई में बहुत कड़ी मेहनत की। जोखिम और चोटें इसका हिस्सा थीं। खासतौर से क्लाइमैक्स सीक्वेंस मेरा सबसे पसंदीदा है।

मोहन जोदाड़ो आशुतोष गोवारिकर के साथ आपकी दूसरी फिल्म है। क्या इस बार आप दोनों के बीच बेहतरीन समझ थी?
ऽ बिल्कुल! यह वह इंसान है जिसने मुझे ‘जोधा अकबर‘ जैसी फिल्म दी। इसलिए दूसरी बार उनके विजन में मेरा भरोसा जताना बहुत आसान था। साथ ही वह मेरा दोस्त है और मैं किसी से भी पूरी निष्ठा निभाने की अहमियत समझता हूं। इसलिए जब प्रस्तावित 80 दिनों का शूट 150 दिनों तक बढ़ गया, तो हम सभी कलाकारों के लिए बिना कुछ बोले उनके एवं उनके विजन के साथ खड़े रहना आसान था क्योंकि हम उनके जुनून एवं प्रत्येक बारीकी पर दिये जाने वाले ध्यान को देख सकते थे।

इस फिल्म की शूटिंग के दौरान आपके पैर में चोट आई थी। इससे कैसे प्रभावित हुये?
ऽ हां, मेरी एड़ी टूट गई थी और यह किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है। लेकिन यह आपको याद दिलाता है कि अगले पल कुछ भी हो सकता है और यदि जिंदगी बद्तर के लिए इतनी अप्रत्याशित हो सकती है तो यह बेस्ट के लिए भी अप्रत्याशित हो सकती है।

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