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योगी सरकार का बाहुबलियों पर सख्ती, इन जेलों में भेजे गए दर्जनों माफिया

लखनऊ। योगी सरकार के फैसलों से जहां अधिकतर लोग खुश हैं तो कई लोग चिंतित भी हैं। बात करें प्रदेश के बाहूबलियों की तो इस सरकार में उनके बुरे दिन की शुरुआत हो गई है। कई सालों से जेल में बंद इन माफियों को सरकार ने अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया है। जहां इनपर सरकार की पैनी नजर रहेगी।

कहा जा रहा है कि अबतक जेलों में मौज काट रहे इन माफियाओं को जेल का असली मतलब बताया जाएगा। सरकार किसी भी तरह से इनको बख्शने के मूड में नहीं है।

बाहुबली मुन्ना बजरंगी को झांसी से 500 किमी दूर पीलीभीत जेल भेज दिया गया है। अतीक अहमद को इलाहाबाद से देवरिया जेल भेज दिया गया। वहीं मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी को लखनऊ की सुविधाजन जेल से बांदा जेल भेज दिया गया है।

जेल बदलने के साथ ही इन बाहुबलियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर उठाना शुरू कर दिया है। मुख्तार अंसारी ने तो एक केंद्रीय मंत्री से अपनी जान का खतरा बताया था और सीएम योगी से सुरक्षा देने की मांग की थी।

अतीक अहमद तो अपने जेल बदले जाने के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए। हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं मुख्तार अंसारी के नजदीकी माने जाने वाले मुन्ना बजरंगी ने भी पीलीभीत भेजे जाने के फैसले पर कहा कि प्रशासन उन्हें परेशान कर रहा है। उधर, उनके परिवार वालों ने इकोनामिक टाइम्स से कहा कि योगी सरकार पक्षपात कर रही है।

उन्होंने कहा कि बृजेश सिंह की जेल को नहीं बदला गया है और वह अभी भी वाराणसी जेल में बंद हैं। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि बृजेश सिंह एमएलसी हैं और उनके भाई भाजपा विधायक हैं। अधिकारियों के मुताबिक तीनों ही बाहुबली योगी सरकार की हनक महसूस कर रहे हैं।

अपने गृह जिले से काफी दूर भेजे जाने से उन्हें घर के खाने और बिस्तर की कमी महसूस होगी। इससे वे परेशान हैं। सूबे के प्रधान सचिव गृह देवाशीष पंडा ने इन बाहुबलियों के जेल बदलने के आदेश में कहा है कि नई जेल में उन्हें कड़ी निगरानी में रखा जाए और कोई भी अतिरिक्त सुविधा न दी जाए।

कहा ‌कि कोई भी बाहुबली मोबाइल फोन का इस्तेमाल न कर सके ताकि वह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम न दे सके। इन सबके बीच मजेदार बात यह है कि इन तीनों ही जेलों में मोबाइल जैमर नहीं लगा है।

बजरंगी के रसूख का आलम यह है कि रविवार को जेल गेट पर बंदियों की मिलाई को लेकर भी कतार लगी हुई थी। पुलिसकर्मी भी काफी संख्या में मुस्तैद थे। मात्र साढ़े तीन घंटे के भीतर वहां माफिया डॉन का अंदाज चर्चा का विषय बन गया।

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