Friday , April 26 2024
जल, थल और नभ में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी मातृशक्ति केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में भी हाथ बंटा रही है। समुद्र तल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर 13 युवतियों में से कुछ जेसीबी और पोकलैंड जैसी भारी मशीनों का भी संचालन कर रही हैं। नेहरू यूथ फाउंडेशन से जुड़ी इन युवतियों का साहस और के लिए भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। इन दिनों केदारनाथ पहुंचना भी आसान नहीं है। लगातार बारिश के चलते मार्ग भी चुनौती पूर्ण बना हुआ है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि 13 युवतियों में से दो स्टोर संभाल रही हैं तो दो को स्टोन कटिंग का कार्य दिया गया है, जबकि दो-दो युवतियां जेसीबी और पोकलैंड मशीन आपरेट कर रहीं हैं। शेष पांच को दूसरे कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इन युवतियों को चार दिन तक विशेष प्रशिक्षण दिया गया। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी ने बताया कि महिलाओं को रोजगार का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से संस्थान से जुड़े नेहरू यूथ फाउंडेशन वर्ष 2013 से युवक-युवतियों को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए ट्रेनिंग दे रहा है। इसी क्रम में पिछले साल पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर, देहरादून और रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में शिविर लगाए गए। इन्हीं शिविरों में से 13 युवतियों का चयन किया गया। नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि सभी युवतियां बेहद कुशलता से अपना कार्य कर रही हैं।

11 हजार फीट की ऊंचाई पर भारी भरकम मशीनों को चला रही हैं युवतियां

जल, थल और नभ में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी मातृशक्ति केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में भी हाथ बंटा रही है। समुद्र तल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर 13 युवतियों में से कुछ जेसीबी और पोकलैंड जैसी भारी मशीनों का भी संचालन कर रही हैं। नेहरू यूथ फाउंडेशन से जुड़ी इन युवतियों का साहस और के लिए भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।जल, थल और नभ में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी मातृशक्ति केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में भी हाथ बंटा रही है। समुद्र तल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर 13 युवतियों में से कुछ जेसीबी और पोकलैंड जैसी भारी मशीनों का भी संचालन कर रही हैं। नेहरू यूथ फाउंडेशन से जुड़ी इन युवतियों का साहस और के लिए भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। इन दिनों केदारनाथ पहुंचना भी आसान नहीं है। लगातार बारिश के चलते मार्ग भी चुनौती पूर्ण बना हुआ है। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि 13 युवतियों में से दो स्टोर संभाल रही हैं तो दो को स्टोन कटिंग का कार्य दिया गया है, जबकि दो-दो युवतियां जेसीबी और पोकलैंड मशीन आपरेट कर रहीं हैं। शेष पांच को दूसरे कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इन युवतियों को चार दिन तक विशेष प्रशिक्षण दिया गया। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी ने बताया कि महिलाओं को रोजगार का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से संस्थान से जुड़े नेहरू यूथ फाउंडेशन वर्ष 2013 से युवक-युवतियों को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए ट्रेनिंग दे रहा है। इसी क्रम में पिछले साल पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर, देहरादून और रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में शिविर लगाए गए। इन्हीं शिविरों में से 13 युवतियों का चयन किया गया। नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि सभी युवतियां बेहद कुशलता से अपना कार्य कर रही हैं।

इन दिनों केदारनाथ पहुंचना भी आसान नहीं है। लगातार बारिश के चलते मार्ग भी चुनौती पूर्ण बना हुआ है।  नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि 13 युवतियों में से दो स्टोर संभाल रही हैं तो दो को स्टोन कटिंग का कार्य दिया गया है, जबकि दो-दो युवतियां जेसीबी और पोकलैंड मशीन आपरेट कर रहीं हैं। शेष पांच को दूसरे कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इन युवतियों को चार दिन तक विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी ने बताया कि महिलाओं को रोजगार का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से संस्थान से जुड़े नेहरू यूथ फाउंडेशन वर्ष 2013 से युवक-युवतियों को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए ट्रेनिंग दे रहा है। इसी क्रम में पिछले साल पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर, देहरादून और रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि में शिविर लगाए गए। इन्हीं शिविरों में से 13 युवतियों का चयन किया गया।  नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि सभी युवतियां बेहद कुशलता से अपना कार्य कर रही हैं।

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