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कार्डियो वर्कआउट करेगा आपको सूपरचार्ज, तो आजमाएं ये टिप्स……..

hqdefaultअगर आप उनमें से एक हैं जो अपना पूरा समय जिम में केवल ट्रेड मिल पर दौड़ते हुए बिता देते हैं, तो आपके लिये यह आर्टिकल काम का हो सकता है। बहुत से लोग जिम में इतना ज्यादा कार्डियो वर्कआउट करते हैं कि बाद में उनके शरीर पर इसका असर ही नहीं दिखाई देता।इससे उन्हें अपने फिटनेस गोल तक पहुंचने में बहुत देर हो जाती है और वे इसके पीछे के छुपे हुए कारण को समझ ही नहीं पाते। कार्डियो ना सिर्फ फैट बर्न करने के लिये किया जाता है बल्कि यह वर्कआउट का सबसे अहम हिस्सा है। इससे आपके दिल की सेहत ठीक रहती है, वजन कम होता है तथा फेफड़ों की क्षमता बढती है। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप कुछ बेसिक चीजों को ध्यान में रख कर अपने कार्डियो वर्कआउट को सूपरचार्ज कर सकते हैं। 

तैयार करें अपना गोल-

अपना फिटनेस गोल तैयार करें क्या आप अपना वजन कम करना चाहते हैं? या फिर आप ताकत बढ़ाना चाहते हैं? तो सबसे पहले एक्सपर्ट की एडवाइस लें या फिर मेडिकल चेकअप करवाएं। अपने मौजूदा फिटनेस लेवल का निर्धारण करें और हार्ट रेट टार्गेट करें क्या आप पहले से एक्सरसाइज करते आ रहे हैं या फिर पहली बार आपकी बॉडी कुछ नया करने वाली है? अपना फिटनेस रूटीन शुरु करने से पहले इस बात को हमेशा ध्यान में रखें। आपका टार्गेट हार्ट रेट या ट्रेनिंग हार्ट रेट का भी निर्धारण करना जरुरी है क्योंकि इससे आपके शरीर को ही फायदा मिलेगा। यह चीज ज्यादातर उम्र, शारीरिक स्थिति, लिंग आदि के बेस पर निर्भर करता है। एक बार जब आपको अपना टार्गेट हार्ट रेट मालूम पड़ जाएगा तो आप आराम से असरदार तरीके से कार्डियो मशीन पर वर्कआउट कर पाएंगे।

कैलोरीज का रखें खास ख्याल

 रूल के तहत अगर आप 3500 कैलोरी बर्न कर लेंगे तो आपके 0.4 – 0.5 केजी आराम से कम हो जाएंगे। जिसका मतलब है कि जिम में आपको रोज लगभग 500 कैलोरी बर्न करनी चाहिये। अगर आप रोजाना 200-300 तक कम कैलोरी खाएंगे और वर्कआउट से 300-400 कैलोरीज बर्न करेंगे, तो आप वजन घटाने में कामियाब रहेंगे। हाई से लो इंटेन्सिटी का वर्कआउट करें आप चाहे ट्रेडमिल कर रहे हों या साइकिल, आपको हाई और लो इंटेन्सिटी पर खुद को फिक्स करते रहना चाहिये। उदाहरण के लिये, ट्रेडमिल पर 6 केएमपीएच पर 2 मिनट तक चल कर 10 केएमपीएच पर 5 मिनट के लिये दौड़े। यह बदलाव आपके हार्ट रेट के गोल को छूने में मदद करता है। जिससे कि आपका मेटाबॉलिज्म बढता है और वेट लूज होता है। अगर आप साइकिल पर हैं तो इससे आपका रजिस्टेंट बढ़ेगा। इस तकलीन को एथलीटों दृारा प्रयोग की जाती है जिसे इंटरवल ट्रेनिंग कहते हैं।

कार्डियो करते वक्त ‘वेट ट्रेनिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग’ न भूले करना – 

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के बाद कार्डियो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से आपके शरीर में स्टोर हुए ग्लूकोज का प्रयोग होता है। तो आप जब भी कार्डियो कर रहे हों तो वेट ट्रेनिंग या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना ना भूलें। रिजाइम चेंज करते रहें एक ही एक्सरसाइज रोज करते रहने से आपकी बॉडी उसकी आदि हो जाती है और फिर आपका वजन कम नहीं हो पाता। इसलिये तरह तरह की एक्सरसाइज जैसे साइक्लिंग, स्विमिंग, बॉक्सिंग, रनिंग, जॉगिंग, एरोबिक और योगा आदि करते रहें। हफ्ते में कम से कम दो तरह का कार्डियो करें। भूल कर भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना ना भूलें जिम जाने वाले सोंचते हैं कि हर रोज उन्हें दो तरह की एक्सरसाइज करनी पड़ती है, लेकिन भूलना नहीं चाहिये कि आपको पूरी तरह से फिट होना है। वेट ट्रेनिंग से आप अपनी मसल्स बना सकते हैं और शरीर का मेटाबॉलिज्म बढा सकते हैं, जिससे आपका वजन जल्दी घटेगा। इस चीज के लिये अपने ट्रेनर से बात करें। कार्डियो को बोरिंग ना होने दें आपको कार्डियो करने के लिये रोज जिम जाने की आवश्यकता नहीं है। आप फील्ड में जा कर फुटबॉल या हॉकी खेल सकते हैं।

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